समर वोकेशन का समय शुरू होते ही, मन सीधे हिल स्टेशनों की तरफ भागने लगता हैं।हम सभी ऐसी जगह की तलाश करने लगते हैं, जहाँ भागमभाग की लाइफ से थोड़ा सुकून की ज़िंदगी जी ले।
ऐसे में, मुझे सिक्किम के गंगटोक का या फिर पश्चिम बंगाल के एक मात्र एकलौते हिल स्टेशन दार्जिलिंग की याद सताने लगती हैं।
दार्जिलिंग दूर- दूर तक फैले चाय के बागान और कंचनजंघा हिल के लिए जाना जाता हैं। आज का घूमना- फिरना दार्जिलिंग के नाम हैं।
4 से 5 दिन का ट्रिप प्लान करके हम फैमिली मेंबर्स के साथ या दोस्तो का ग्रुप या फिर मेरी तरह बिंदास सोलो यात्री बन कर कहीं न कहीं घूमने के लिए छोटी यात्रा का प्लान बना लेते हैं।
तो आज का सफ़र सीधे दार्जिलिंग पहुँच कर ही रुकेगी। चलिये फिर दार्जलिंग ट्रिप को यादगार बनाने के लिये पूरी जानकारी हम आपको वह भी हिंदी में देने जा रहे हैं।
दार्जिलिंग की यात्रा भारत के सुंदर रोड ट्रिप में आता हैं। यदि आप अन्य रोड ट्रिप के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो मेरे पुराने एक लेख "भारत के बेहतरीन रोड ट्रिप घूमने का नया अंदाज" का अवलोकन करें।
उम्मीद करता हूँ कि आपको यह जानकारी अच्छी लगेगी।
अगर सटीक बात करें तो दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल में एक हिल स्टेशन और प्रशासनिक जिला हैं, जिसका मुख्यालय भी स्वयं दार्जिलिंग हैं।
यह नगर हिमालय के शिवालिक श्रेणी के लघु हिमालय में बसा सुंदर सा शहर हैं। दार्जिलिंग एक तरफ बेहतरीन चाय के बागान तो वही दूसरी तरफ दार्जिलिंग हिमालयन टॉय ट्रेन (विश्व धरोहर विरासत सूची में शामिल) के लिए प्रसिद्ध हैं।
दार्जिलिंग जाने का सही समय?
दार्जिलिंग में घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून तथा सितम्बर से नवम्बर तक का समय सबसे उपयुक्त हैं।
- यदि बर्फ देखना हो, तो 20 दिसम्बर से 10 फरवरी के लगभग में स्नो फॉल मिल जायेगा।
- भारत में बच्चों के स्कूल की गर्मी की छुट्टी (Summer Vocation) अप्रैल से मई तक रहती हैं, तो दार्जिलिंग घूमने का यह समय बहुत भीड़ भाड़ वाला समय हैं क्योंकि दार्जिलिंग एक हिल स्टेशन के साथ ही साथ बोर्डिंग स्कूलों का प्रमुख सेन्टर हैं, जहाँ छुट्टियों के शुरू होते ही भीड़ भी शुरू हो जाती हैं।
एक बात और कि जहाँ समूचे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ती है मई और जून के महीने में, तो वही दूसरी ओर दार्जिलिंग में तापमान 8 से 10 डिग्री का होता हैं, जिससे ठंडी का माहौल रहता हैं।
इसीलिए इस समय होटल, लॉज, धर्मशाला सभी महँगे मिलेंगे। रेस्टोरेंट, ढाबा जैसी जगहों पर केवल भीड़ मिलेगी।
Tripghumo की राय में
आप बरसात और गर्मी की छुट्टी वाले महीने को छोड़ कर बाकी समय मे आप बिंदास हो कर तथा बिना चिंता- फिकर के और बजट का एक्स्ट्रा बोझ नही सोचते हुए दार्जिलिंग के छोटे से बड़े जगहों को इत्मीनान से और बारीकी से एक्सप्लोर करे।
और यदि आपके बच्चों या फैमिली मेम्बर्स की छुट्टियों की कोई समस्या हो या आप गर्मी की छुट्टी में घूमने का मन बना रहे हैं, तो फिर बजट आपका बढ़ जायेगा।
भीड़भाड़ में आपको रुकने से लेकर खाने- पीने और घूमने के लिए थोड़ा बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
दार्जिलिंग का टूर प्लान कितने दिन का हो?
दार्जिलिंग को पूरी तरह से घूमने के लिये कम से कम 4 नाईट और 5 डेज का प्लान बनाना होगा या एक हफ़्ता का कम से कम प्लान बनाने पर आप आराम से सभी छोटे से बड़े जगहों को घूम सकते हैं।
दार्जिलिंग और गंगटोक के बीच की दूरी
भारत का एक मात्र सिक्किम ऐसा राज्य हैं, जो पूरा हिल स्टेशन के लिए जाना जाता हैं और इस राज्य की राजधानी गंगटोक तो भारत का जानामाना सुंदर शहर हैं।
दार्जिलिंग से गंगटोक की दूरी मात्र 90 से 95 Km की दूरी पर स्थित हैं। बहुत से सैलानी जिनके बजट का कोई दिक्कत नही हो, तो वे सभी लोग दार्जिलिंग के बाद ही गंगटोक का प्लान बना लेते हैं।
गंगटोक के बारे में ज्यादा जानने के लिए मेरे इस लेख- "गंगटोक- सिक्किम का प्लान तो बनता हैं" का अवलोकन करें।
दार्जिलिंग घूमने का बजट क्या होना चाहिये?
वैसे tripghumo या मैं सोलो यात्री सूर्य प्रकाश कभी भी बजट को लेकर अपनी राय नही थोपता हूँ, लेकिन इतना जरूर हैं कि कम से कम बजट कैसे या कितना बनाये ताकि कम खर्चे में ही ज्यादा घूम सके।
इसके लिए आपको अपने यात्रा को या यात्रा के परिधान को ध्यान में रख कर टूर प्लान करना चाहिए और साथ में छोटी से बड़ी हर उन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे कि यात्रा सुगम और आसान बन सके।
इसके लिए आप मेरे इस लेख को जरूर पढ़ें-
"यात्रा शुरू कैसे करे? पूरी जानकारी हिंदी में" और इसके साथ
"घूमने में परिधान का रखे ध्यान" का अवलोकन एक बार जरूर करे।
यदि आप अकेले ट्रिप एन्जॉय करने जा रहे हो तो उसके लिए प्रति व्यक्ति 5000 से 6000 रुपया खर्च करना पड़ेगा और यह बजट 3 रात- 4 दिन (3 night- 4 Days) के लिये हैं।
यदि आप का घूमने का प्लान ज्यादा हैं, तो जाहिर सी बात हैं कि खर्च भी ज्यादा लगेगा।
दार्जिलिंग कैसे पहुँचे?
दार्जिलिंग जाने के लिए आप सड़क मार्ग से भारत के किसी भी जगह से सीधे पहुँच सकते हैं। यदि आपके पास निजी साधन नही हैं, तो आपको कम से कम पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी नामक शहर आना पड़ेगा।
सिलीगुड़ी पहुँचने के लिए लगभग सभी जगहों से बस की सुविधा हैं। सिलीगुड़ी से मात्र 65 Km की दूरी पर बसा हिल स्टेशन हैं दार्जिलिंग।
सिलीगुड़ी से मात्र 7 से 8 Km की दूरी पर स्थित हैं न्यू जलपाईगुड़ी नाम का रेलवे स्टेशन। इस स्टेशन पर सभी ट्रेनों का ठहराव हैं।
यह रेलवे स्टेशन भारत के लगभग सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से सीधे जुड़ा हुआ हैं। यहाँ पर पहुँच कर आप डायरेक्ट टैक्सी बुक कर के या शेयर टैक्सी के माध्यम से दार्जिलिंग पहुँच सकते हैं।
यदि आप न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से टेम्पो के माध्यम से सिलीगुड़ी बस स्टैंड आ जाते हैं, तो वहाँ से सीधे बस की सुविधा, टैक्सी इत्यादि आसानी से मिल जायेगा।
नज़दीक के एयरपोर्ट की बात करें तो "बागडोगरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट" देश के लगभग सभी प्रमुख जगाहों से सीधे हवाई सेवा उपलब्ध हैं।
आप एयरपोर्ट से टैक्सी बुक करके लगभग 70 से 72 Km की दूरी तय करके दार्जिलिंग पहुँचा जा सकता हैं।
दार्जिलिंग में कहाँ रुके?
दार्जिलिंग एक बेहद खूबसूरत हनीमून मनाने से लेकर घूमने वाले कि पसंदीदा जगहों में से एक हैं।
यहाँ पर रुकने के लिए आपके बजट में आने वाले अनेक प्रकार के होटल, होम-स्टे, लॉज, होस्टल जैसे रुकने के कई विकल्प मिल जायेंगे।
आप यहाँ कम से कम 700 रुपये से लेकर 30000 रुपये तक प्रतिदिन के टैरिफ वाले होटल मिलेंगे।
सभी महंगे होटल 3 Star से लेकर 7 Star तक के सभी सुविधाओं से परिपूर्ण होटल दार्जिलिंग में देखने को मिलते हैं।
आप होटल की बुकिंग ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से बुक करके इस शहर में स्टे कर सकते हैं। कुछ जगहों पर रिसोर्ट और कॉटेज की सुविधा भी मिलेगी तो कही पर कैम्पिंग साइट रुकने को मिल जायेगा।
Note- यहाँ ध्यान देने योग्य यह बात हैं कि व्यस्त समय में होटल के टैरिफ दोगुने से भी अधिक के होते हैं, जबकि सामान्य समय में आप को सस्ते से भी कम में आप होटल मिल जायेगा।
दार्जिलिंग में खाने-पीने की व्यवस्था
दार्जिलिंग एक मोस्ट पॉपुलर हिल स्टेशन हैं, तो यहाँ पर खाने- पीने के लिये आपको ज्यादा नही सोचना हैं। सस्ते से महंगे रेस्टोरेंट, ढाबा, मोटेल इत्यादि आपको पूरे दार्जिलिंग में हर जगह मिल जायेगा।
सभी घूमने वाले जगहों पर स्ट्रीट फूड आपको एन्जॉय करने को मिल जायेगा। आप वेज और नॉन वेज के साथ साउथ इंडियन, नार्थ इंडियन, पंजाबी थाली, सभी प्रकार के डिस खाने को मिलेगा, बस आर्डर करने की देरी हैं।
दार्जिलिंग में घूमने की जगह
दार्जिलिंग अपने स्कूल, चर्च, अंग्रेज़ी इमारतों, भवनों, टेस्टी & कड़क चायपत्ती और टॉय ट्रेन के लिए सैलानियों के मध्य खूब प्रसिद्ध हैं।
आप दार्जिलिंग को हाईकिंग और ट्रैकिंग के जरिये एक्सप्लोर कर सकते हैं। धार्मिक ट्रैकिंग किसे कहते हैं? जानने के लिए मेरे लेख "धार्मिक ट्रैकिंग या आध्यात्मिक ट्रैकिंग किसे कहते हैं?" का अवलोकन कम से कम एक बार जरूर करें।
दार्जिलिंग में घूमने- फिरने की बहुत सारी जगहें हैं, जिनमें से प्रमुख रूप से-
टाइगर हिल
यह दार्जिलिंग का बेहद खूबसूरत पॉइंट हैं, जहाँ पर हजारों सैलानी प्रतिदिन ट्रैकिंग या चढ़ाई करते हुये दिख जायेंगे। हिल पर पहुँचने पर आप प्राकृतिक सौंदर्य में पूरी तरह से खो जायेंगे।
टाइगर हिल से कंचनजंघा और माउंट एवरेस्ट पर्वत चोटी आस- पास दिखते हैं। कंचनजंघा विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी हैं।
टाइगर हिल पर पर्यटक उगते सूरज का दीदार करने जाते हैं और इसके लिए आपको सुबह 4 बजे तक या उससे पहले यानी भोर में अपने होटल से निकलना पड़ेगा और यह स्थान दार्जिलिंग शहर से लगभग 10 से 12 Km की दूरी पर हैं।
हैप्पी वैली टी गार्डन (Tea Garden)
दार्जिलिंग की बात हो और चाय के बागान की बात न हो तो क्या फायदा?। सैकड़ो एकड़ में फैले हुए दूर- दूर तक चाय के बागान हरे- हरे खेत नजर आते हैं।
दूर से ही बादल अठखेलियाँ करते हुए ऐसे प्रतीत होते है कि मानो ऐसा लगता हैं कि जमीन पर उतर चुके हो और आपका स्वागत करने को तैयार हैं। सफेद बादल और हरे बागान का मिलन प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा संगम हैं।
आप यदि यहाँ नही गये तो यकीन मानिये आपकी दार्जिलिंग की यात्रा अधूरी मानी जायेगी।
टॉय ट्रेन का यादगार सफ़र
अगर कभी नही भूलने वाले यादगार पल बनाना चाहते हैं, तो एक तरफ का सफ़र आप टॉय ट्रेन से पूरा करते हुये दार्जिलिंग जाइये।
टॉय ट्रेन से सफ़र करने के लिए आपको न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन जाना होगा और वहाँ से आप प्राकृतिक झरना, जलप्रपात, हरी- भरी वादियों से होते हुये दार्जिलिंग पहुँच जायेंगे।
बात करले टिकट की तो आप ऑनलाइन IRCTC की वेबसाइट से बुक करके या फिर न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन की टिकट विंडो से ऑफलाइन भी खरीद कर यात्रा पूरी कर सकते हैं।
तीस्ता रिवर राफ्टिंग
दार्जिलिंग को पूरा एक्सप्लोर करने में शहर से मात्र 40 Km की दूरी पर स्थित तीस्ता नदी के किनारे रिवर राफ्टिंग को एन्जॉय कर सकते हैं।
जो भी सैलानी एडवेंचर स्पोर्ट्स या एक्टिविटी के शौकीन होते हैं, वे बिना रिवर राफ्टिंग किये नही रह पाते हैं।
घूम मोनेस्ट्री
भारत में सबसे ऊंचाई पर स्थित रेलवे स्टेशनों में शामिल घूम रेलवे स्टेशन भी एक ऐतिहासिक स्टेशन हैं।
यही पर बौद्ध धर्म को समर्पित बौद्ध मठ यानी मोनेस्ट्री देखने लायक हैं। इस मठ के चारों तरफ की हरियाली देखने लायक बनती हैं।
दार्जिलिंग मॉल रोड
जितने भी भारत में प्रसिद्ध हिल स्टेशन हैं या जहाँ भी अंग्रेजों ने गर्मियों की छुट्टी बिताने के लिए छावनी बनाई हैं, वहाँ- वहाँ अपने या परिवार के साथ घूमने के लिये और खरीदारी करने के लिये मॉल रोड की भी स्थापना किया था।
आप अपने ट्रिप के थकान को दूर करने के लिये मस्ती भरी शॉपिंग करने के लिए मॉल रोड एक बेस्ट प्लेस हैं दार्जिलिंग में।
मेरी राय में अपने बिजी शेड्यूल में कुछ महत्वपूर्ण घण्टे जरूर निकाले ताकि इस बाजार को भी घूम सकें।
हिमालयन जूलॉजिकल पार्क
आप वैसे बहुत से शहरों में अलग- अलग चिड़ियाघर में गये होंगें, परंतु दार्जिलिंग के नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क की बात ही कुछ और हैं।
यहाँ पर पहाड़ी और दुर्लभ हिमालयी जंगली जानवरों को देखना मात्र ही किसी एडवेंचर से कम नही हैं।
इस ओपन जंगल पार्क में स्नो लेपर्ड, टाइगर, हिमालयन भालू, हिमालयन हिरन, पैंथर जैसे अनेक जीव देखने को मिल जायेंगे।
ज़ोरपोखेरी झील
दार्जिलिंग के इस छोटे लेक के किनारे जा कर सेल्फी लेना और फोटोग्राफी करना बहुत प्रसिद्ध हैं।
यदि आप भीड़ से ऊब चुके हो तो कुछ पल शांति के बिताने के लिए आप इस स्थान पर जरूर जाये।
लेपचा व्यू पॉइंट
दार्जिलिंग से मात्र 15 Km की दूरी पर स्थित इस जगह से कंचनजंघा हिल को बहुत ही अच्छे से देखा जा सकता हैं।
वैसे अधिकतर पर्यटकों को टाइगर हिल के बारे में ही पता हैं कि यही से कंचनजंघा को देखा जा सकता हैं। मेरी माने तो इस प्लेस पर जा कर कंचनजंघा को देखे तो इसकी खूबसूरती को आप कभी नही भूल पायेंगे।
भूटिया मठ
इस जगह पर भूटिया का निवास स्थान था। इसे दार्जिलिंग का सबसे पुराना मठ माना जाता हैं। यही बस्ती के पास ही मखाला मन्दिर दर्शन करने और सभी के आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं।
इस मठ और मन्दिर के पास ही एंड्रूज चर्च हैं आपको इस जगह को भी जरूर घूमना चाहिए।
बरबतिया रॉक गार्डन
दार्जिलिंग से मात्र 5 से 6 Km की दूरी पर स्थित इस गार्डन पर पहुँचने का रास्ता बहुत घुमावदार होते हुये और अगल- बगल रास्ते में ऊंचे- ऊंचे पेड़ मानो आपके साथ ही घूमने और चलने को बेताब हैं।
आप इस पार्क में पहुँच कर ही अनेक सुंदर फूल और दुर्लभ पौधे देखने को मिलेंगे। थोड़ा सा समय निकाल कर जरूर जाये।
दार्जिलिंग से क्या खरीदे?
दार्जिलिंग देशी- विदेशी सभी पर्यटकों का केंद्र हैं, तो यहाँ हाथ से बने यानी हस्तशिल्प के सामान, तिब्बती कालीन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ऊनी कपड़े, विंटर कोट से लेकर चाय के लिए जाना जाता हैं।
आप किसी भी नुक्कड़ या चौराहे पर चाय की चुस्की लेना न भूलें। आपको यहाँ हम बता दे कि मात्र 10 रुपये से एक कप की कीमत वाली चाय से 500 रुपये या इससे भी अधिक की चाय पीने को मिलेगी।
आप यहाँ से कुछ खरीदे या नही लेकिन चायपत्ती जरूर से खरीद कर ले जाये। हर वेरायटी की चाय जैसे येलो टी, ग्रीन टी, ब्लैक टी सब मिलता हैं।
सभी चाय आपको 200 रुपये प्रति किलो से शुरू होकर 20000 रुपये तक या उससे भी अधिक के चाय यहाँ के बाजार में बिकते हैं, आप अपने बजट के अनुसार अपनी खरीदारी कर सकते हैं। हाँ इतना जरूर कहेंगे कि अच्छी और महंगी चाय निर्यात कर दिया जाता हैं।
आज का लेख आपको कैसा लगा? हमें कमेंट्स करके जरूर बताइयेगा तब के लिए धन्यवाद।
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