अपने भारत वर्ष की एक ख़ास बात हैं कि यहाँ का कोई पर्व, मेला और त्योहार के पीछे कोई न कोई पौराणिक कथाओं का इतिहास या मान्यताओं का तर्क होता हैं।
यहाँ का कोई भी मेला या त्योहार आस्था, धर्म और परंपरा का अटूट संगम होता हैं, क्योंकि जब आस्था होती हैं तभी तो धर्म को मानते हुए हम सभी परम्पराओं का भी निर्वहन करते रहते हैं।
आज का लेख ऐसे ही सैकड़ो वर्षों से चली आरही एक परंपरा पर हैं, जिसे "रामनवमीं का जुलूस" या "रामनवमीं की झांकी" के नाम से जानते हैं।
नमस्कार मित्रों, मैं सूर्य प्रकाश आपका अपना सोलो यात्री आज आपको ऐसे पर्व के बारे में बताने जा रहा हूँ, जो झारखंड के हज़ारीबाग शहर में जुलूस और झांकी के माध्यम से मनाया जाता हैं।
इन झांकियों को देखने दूर- दूर से लोग आते हैं। आज वर्तमान समय मे यह एक इंटरनेशनल पहचान बना चुका हैं।
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रामनवमी जुलूस का इतिहास
हिन्दू धर्म में श्रीराम और श्रीराम से जुड़ी सभी बातें आस्था का प्रतीक हैं। रामनवमीं के पावन अवसर पर हज़ारीबाग में सैकड़ो वर्षों से जुलूस निकाला जाता हैं।
इस जुलूस में ही श्रीराम और उनके जीवन से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण घटनाओं को झांकी के रूप में सजा कर पूरे नगर में भ्रमण कराया जाता हैं। इस जुलूस के निकालने से पहले झंडा पूजन किया जाता हैं।
Note- पूरे भारत वर्ष में रामनवमीं पर मेला, त्योहार या जुलूस का आयोजन रामनवमीं के दिन ही होता हैं जबकि हज़ारीबाग में यह आयोजन नवमीं के बाद यानी दशमी को होता हैं।
दशमी के दिन ही जुलूस निकाला जाता हैं और इसका समापन अगले दिन एकादशी को किया जाता हैं।
इस रामनवमीं के जुलूस में दूर- दूर से लोग भाग लेने आते हैं, वे केवल झंडा और झांकी को देख कर या छू कर ही अपने को धन्य मानते हैं।
हज़ारीबाग कैसे पहुँचे?
हज़ारीबाग झारखंड राज्य के महत्वपूर्ण जिलों में से एक जिला हैं, जिसका मुख्यालय स्वयं हज़ारीबाग ही हैं।
हज़ारीबाग पहुँचने के लिए सड़क मार्ग से पूरी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप देश के किसी भी कोने से अपने साधन या बस या टैक्सी बुक करके जा सकते हैं।
पटना, गया, कोडरमा, रांची जैसे नगरों से बस सेवा हर समय के लिये मिलता है।
अगर रेलवे स्टेशन की बात करें तो हज़ारीबाग शहर से मात्र 5 से 6 Km की दूरी पर स्थित इस नगर का रेलवे स्टेशन "हज़ारीबाग रोड" के नाम पर हैं, जहाँ पर कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव हैं।
सबसे नजदीक बड़े रेलवे स्टेशन की बात करें तो मात्र 50 Km की दूरी पर स्थित "कोडरमा जंक्शन" हैं जहाँ पर सभी ट्रेनों का ठहराव हैं। इस स्टेशन पर भारत के प्रमुख शहरों से सीधे आ सकते हैं।
कोडरमा से ट्रेन और टैक्सी, बस के माध्यम से हज़ारीबाग आसानी से पहुँचा जा सकता हैं।
हज़ारीबाग से सबसे नजदीक एयरपोर्ट रांची का बिरसा मुंडा हवाई अड्डा हैं, जो मात्र 85 से 90 Km की दूरी पर हैं।
इस एयरपोर्ट पर भारत के अनेक प्रसिद्ध एयरपोर्ट से जैसे कोलकाता, पटना, भुवनेश्वर, लखनऊ, वाराणसी से सीधे उड़ान सेवा उपलब्ध हैं।
एयरपोर्ट से बाहर आ कर टैक्सी बुक करके हज़ारीबाग आसानी से पहुँचा जा सकता हैं।
प्रमुख भारतीय नगरों से हज़ारीबाग की दूरी
गया से- 135 Km
कोडरमा से- 65 Km
रांची से- 105 Km
धनबाद से- 125 Km
सासाराम से- 210 Km
भभुआ से- 255 Km
पटना से- 232 Km
वाराणसी से- 336 Km
लखनऊ से- 662 Km
अयोध्या से- 571 Km
हरिद्वार से- 1302 Km
ऋषिकेश से- 1320 Km
कोलकाता से- 390 Km
गंगटोक से- 650 Km
दार्जिलिंग से- 598 Km
रामनवमी झांकी या जुलूस कब निकलती है?
उत्तर प्रदेश के धार्मिक नगरी अयोध्या में हिंदी पंचांग के प्रथम माह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नवमीं तिथि को प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था।
भारत में इसी चैत्र मास के प्रतिपदा से वासंतिक नवरात्रि की भी शुरुआत होती हैं और इसी के साथ ही पूरे भारत वर्ष में हिन्दू सनातन संस्कृति का नववर्ष भी प्रारम्भ होता हैं।
चैत्र मास के नवमी को श्री राम जी के जन्म के उपलक्ष्य में भारत के अनेक धार्मिक स्थलों जैसे वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज और हज़ारीबाग में मेला, त्योहार और जुलूस के साथ झांकी का आयोजन किया जाता हैं।
हज़ारीबाग में यह रामनवमीं का मेला, जुलूस नवमी को नही बल्कि दशमी को निकाला जाता हैं और समापन एकादशी यानी ठीक दशमी के दुसरे दिन कर दिया जाता हैं।
हज़ारीबाग में घूमने वाले अन्य जगह
हजारीबाग में घूमने के लिए तीन प्रमुख स्थान है जहाँ आप जा सकते हैं.
हज़ारीबाग वन्य अभ्यारण्य
शहर से मात्र 3 से 4 Km की दूरी पर स्थित यह वन्य जीव अभ्यारण्य में आप कई प्रकार के जंगली जानवर जैसे- चीता, लोमड़ी, भालू, जंगली सुअर, मोर, हाथी इत्यादि।
हज़ारीबाग झील
हज़ारीबाग शहर में ही स्थित इस झील पर सैर करने प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं और साथ ही साथ नौका विहार का भी आनंद लेते हैं।
कैनेरी हिल
शहर से मात्र 4 Km की दूरी पर स्थित इस पहाड़ी से पूरे शहर का व्यू बहुत सुंदर दिखता हैं। यहाँ पर भी स्थानीय लोगों के द्वारा समय- समय पर पिकनिक मनाने के लिए भी आते रहते हैं।
हज़ारीबाग में रुकने की व्यवस्था
हज़ारीबाग अपने पर्व- त्योहार के साथ ही साथ औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी बहुत प्रसिद्ध हैं अतः यहाँ आपको अपने बजट के अनुसार ही रुकने के कई विकल्प मिल जायेंगे।
आपको इस शहर में रुकने के लिए होटल, लॉज, धर्मशाला, होम- स्टे, मोटल जरूरत के हिसाब से मिलेंगे।
आज कल लोग जब किसी भी शहर में ज्यादा दिन के लिए जा रहे हैं तो पेइंग गेस्ट का विकल्प ज्यादा पसंद कर रहे हैं, तो यदि आप ज्यादा दिन के लिए जाये तो Paying Guest भी खूब पसंद कर रहे हैं।
हज़ारीबाग में खाने-पीने की व्यवस्था
झारखंड राज्य में हज़ारीबाग एक बड़ा शहर हैं, जहाँ पर खाने- पीने की कोई भी समस्या नही होने वाली हैं।
वेज और नॉन वेज के साथ ही साउथ इंडियन व्यंजन का टेस्ट आप बखूबी ले सकते हैं। यह नगर लिट्टी-चोखा या बाटी- चोखा के लिये भी जाना जाता हैं।
यहाँ पर अनेक प्रकार के यानी सभी बजट के फैमिली रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट फूड, रेस्टोरेंट मिल जायेंगे, जहाँ पर आप अपने पॉकेट के हिसाब से भारतीय व्यंजनों का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
आशा करता हूँ कि आज की जानकारी आप सभी को अच्छी लगी होगी तो हमें कमेंट्स करके जरूर बताइयेगा कि आप लोग हज़ारीबाग की यात्रा कब कर रहे हैं?।
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