बहुत ही अटपटा लगता है यह सुनने में कि कोई व्यक्ति अपनी समाधि या मकबरा जीते जी बनवा ले। जी हाँ ऐसा अनोखा कार्य भारत देश मे अनेक महान व्यक्तियों ने किया है।
जिसमें एक नाम आता है अफगानी शासक जो दिल्ली की गद्दी पर मुगल द्वितीय शासक हुमायूं को हरा कर बैठा था, नाम है - शेरशाह सूरी।
आज हम आपसे शेरशाह सूरी के मकबरा के बारे में बात करेंगे या ये कहे कि पूरी चर्चा करूँगा। आप यह जानकारी tripghumo.com पर पढ़ रहे है।
पूरा लेख पढ़ने के बाद आप अकेले या मित्रो के साथ या परिवार के साथ छोटा सा ट्रिप (स्माल ट्रिप) बना कर घूम सकते है।
आपका ज्ञान भी बढ़ेगा और घूमना फिरना भी हो जाएगा। आप कमेन्ट करना न भूले, तो चले फिर एक स्माल ट्रिप बिहार प्रान्त में घूम कर आये।
शेरशाह सूरी ने अपने शासन काल मे और जीते जी अपना मकबरा सहसराम ( सासाराम ) में बनवाया था। सासाराम बिहार प्रान्त में स्थित है। सासाराम रोहतास जिले का मुख्यालय है।
एक बात आपसे यहाँ शेयर करना चाहूंगा कि शेरशाह सूरी का मकबरा स्वयं इन्ही के द्वारा बनवाये गए तत्कालीन सड़क ग्रांट ट्रंक रोड
(जी.टी. रोड) से दक्षिण शेरशाह सूरी रोड के किनारे स्थित है।
जिसको बनवाने का श्रेय भी शेरशाह को जाता है। इस सड़क का उस समय नाम " सड़क-ए-आज़म " था, यह व्यापारिक मार्ग के रूप सुविख्यात था।
यह बंगाल से शुरू हो कर पेशावर तक को जाता था। वर्तमान में इस रोड पर NHAI का अधिकार है, जिसे NH-2 के नाम से भी जानते है और यह स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का हिस्सा है।
शेर शाह सूरी का इतिहास
शेरशाह सूरी का जन्म वर्ष 1486 में बजवाड़ा, जिला होशियारपुर ( भारत ) मे ही हुआ था। शेरशाह सूरी के बचपन का नाम फरीद खान था।
बचपन मे अपनी साहस का परिचय देते हुए एक शेर को मार देने के कारण शेरशाह नामकरण हुआ था। 1540 ईस्वी में हुमायूँ को हरा कर दिल्ली पर कब्जा कर के सूरी वंश की नींव डाली थी।
इसने शेर खान की उपाधि धारण किया था जो बाद में शेरशाह सूरी के नाम से प्रसिद्ध हुआ था और इसे भारतीय शासक कहते है। कालिंजर के प्रसिद्ध किले ( बुंदेलखंड ) पर विजय फतह के दौरान 1545 ईस्वी में मृत्यु हो गई थी।
मात्र 5 वर्ष के कार्यकाल में इस महान शासक ने भारत की तस्वीर हि बदल डाली थी, जिसके कारण इसे आज भी याद किया जाता है बल्कि ये कहे कि मध्यकालीन भारत का निर्माता है तो गलत नही होगा।
शेरशाह सूरी का समाधि / मकबरा (Sherashah Suri's Tomb)
सासाराम शहर के पुराने जी टी रोड से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित हिन्दू-इस्लामी वास्तु का अद्भुत और अद्वितीय इमारत है।
हिन्दू-इस्लामी कहना इसलिए सही है कि यह इमारत अष्टकोणीय बना हुआ है जो हिन्दू परम्परा की मिसाल है। यह इमारत लाल पत्थर से बना हुआ है इसके चारो तरफ पानी का हरा भरा तालाब है जो गर्मी में भी नही सूखता है।
इस इमारत की भव्यता देख कर सर कनिंघम ने ताजमहल से तुलना किया था। इस मकबरे के अंदर शेरशाह सूरी की समाधि है।
स्थानीय स्तर पर इस मकबरे को " गिला रौजा " भी कहते है।
इनके मकबरे के कुछ दूरी पर शेरशाह सूरी के पिता हसन खान का मकबरा है, जिसे " सूखा रौजा " कहते है।
पर्यटन की दृष्टि से इस मकबरा का महत्व ज्यादा है। आज भी यहाँ दिन-प्रतिदिन सैलानी इनके समाधि का दर्शन करने और इस ऐतिहासिक मकबरे को घूमने के लिए दूर दराज़ से आते है।
यह इमारत आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है। इस इमारत में प्रवेश करने के लिए ASI के द्वारा निर्धारित शुल्क वसूला जाता है अर्थात भारतीय पर्यटक से प्रवेश शुल्क 20 रुपये प्रति व्यक्ति है।
जबकि विदेशी पर्यटकों से 250 रुपये प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क लिया जाता है। टिकट का निर्धारण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भारत सरकार के अधीन है।
यहाँ भी ट्रिप करें:-
- श्री गंगा राम दास जी महाराज, मानव धर्म प्रसार आश्रम
- मैनपाट (छत्तीसगढ़ का शिमला ) दलदली व उल्टा पानी
- सोनपुर बिहार का विश्व प्रसिद्ध हरिहर पशु मेला – कैसे जाये
घूमने का सही समय
वैसे सासाराम जाने के लिए मौसम बाधा नही हैं, परन्तु पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण अक्टूबर से मार्च के मध्य ठंडे मौसम में जा सकते हैं।
कैसे पहुँचे?
सासाराम शहर दिल्ली कोलकाता सड़क मार्ग पर ( NH-2 ) पर स्थित है, वैसे यह भारत के विभिन्न छोटे और बड़े शहरों से रेल मार्ग और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ हैं।
रोड के माध्यम से दूरियाँ
- वाराणसी से 120 KM
- मुगलसराय (पंडित दीनदयाल जंक्शन) से 101 KM
- गया से 130 KM
- पटना से 150 KM
- रांची से 300 KM
- लखनऊ से 350 KM
रेल मार्ग (Train से कैसे पहुंचे)
सबसे निकट रेलवे स्टेशन सासाराम रेलवे स्टेशन है जो मकबरा से मात्र आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सासाराम भारत के लगभग सभी छोटे बड़े रेलव स्टेशन से जुड़ा हुआ है और यहाँ कई महत्वपूर्ण ट्रैन का ठहराव भी है, इसलिए यहाँ पहुचना बहुत ही आसान है।
वायु मार्ग (Flight के माध्यम से)
- वाराणसी लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट -130 KM
- पटना जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट -155 KM
- गया अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट - 130 KM
कहाँ ठहरे?
सासाराम में रुकने के लिए कई छोटे बड़े होटल, लॉज, धर्मशाला है। बिहार सरकार के सौजन्य से शेरशाह सूरी मोटेल (सरकारी गेस्ट हाऊस) है।
अगर आपका एक दिन का ट्रिप है तो अपने निजी साधन के द्वारा भी आ कर घूम सकते है। कुल मिला कर यदि आप परिवार के साथ एक छोटा ट्रिप करना चाहे तो सासाराम एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
क्या खाये? (Traditional Foods)
आप सासाराम में लोकल और ट्रेडिशनल फूड जैसे बाटी चोखा, अनरसा ( चावल के आटे से बनी मिठाई ) के साथ उत्तर और दक्षिण भारत के व्यंजन का आनंद ले सकते है।
यहाँ अनेक रेस्टोरेंट, होटल और भोजनालय है जहाँ परिवार के साथ नाश्ता, लंच और डिनर कर सकते है।
क्या घूमे (Place to visit near Sasaram)
सासाराम के आस-पास घूमने लायक बहुत सारे सुन्दर प्लेस हैं, जहाँ आपको जरूर जाना चाहिए और इनके नाम कुछ इस प्रकार है.
- गिला रौजा- शेरशाह सूरी का मकबरा
- सूखा रौजा- शेरशाह सूरी के पिता का मकबरा
- माँ तारा चंडी धाम- सासाराम से 10 KM पूर्व में माता का जागता मंदिर है, जिसका हिन्दू धर्म मे अत्यधिक महत्व है। यहाँ शादी विवाह से लेकर मुंडन जैसे धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए जाते हैं।
- गुप्ता धाम- भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर जो केवल सावन अर्थात श्रावणी माह में खुला रहता है,यहाँ इसी समय मेला का भी आयोजन होता है।
- पायलट बाबा आश्रम- सासाराम रेलवे स्टेशन से मात्र 2 KM पूरब पुराने जी. टी. रोड ( मेन मार्केट ) पर पायलट बाबा का आश्रम स्थित हैं, यह आश्रम सनातन धर्म का मिसाल पेश करने वाला एक रमणीय स्थल हैं, अगर सासाराम जाए तो यहाँ घूमना न भूले। आप अपने इस छोटे ट्रिप में जरूर शामिल करें।
- माँ मुंडेश्वरी धाम ( भभुआ- कैमूर )- यह मंदिर वैसे तो सासाराम से लगभग 80 KM की दूरी पर स्थित है जो माँ मुंडेश्वरी का भव्य और पुरातन मंदिर है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के आस्था का केंद्र है, यहाँ दी जाने वाली सात्विक बलि विश्व प्रसिद्ध है।
आज का यह स्माल ट्रिप बिहार प्रान्त के छोटे से शहर सासाराम की सैर थी। आशा करता हु कि आप सभी बहुत एन्जॉय किये होंगे तो हम चाहेंगे कि कभी अपने भागदौड़ की ज़िंदगी से एक या दो दिन निकाल कर सासाराम घूमने को आये। यकीन मानिये आप निराश नही होंगे और खूब एन्जॉय करेंगे तथा कुछ न कुछ सीखने को भी मिलेगा।
जय बिहार, कूच बिहार,
Shailesh Kumar Singh
बहुत ही ज्ञानवर्द्धक जानकारी, काफी बढ़िया से सारे आयामो को दर्शाया गया है