आप माता वैष्णो देवी की पिंडी दर्शन और यात्रा के लिए "यात्रा पर्ची" दो प्रकार से ले सकते हैं-
यात्रा पर्ची काउंटर से
आप जम्मू रेलवे स्टेशन, कटरा रेलवे स्टेशन और कटरा बस स्टैंड के पास बने यात्रा पर्ची काउंटर से offline पर्ची बनवा सकते हैं जो 24 घण्टे के लिए बाणगंगा चेकपोस्ट पर अपने को पर्ची के साथ चेक करा कर प्रवेश करना होगा।
पर्ची के लिए कोई एक पहचान पत्र जिसमें सबसे सर्व सुलभ आधार कार्ड को दिखा कर पर्ची बनवाना होगा। ओरिजिनल आधार कार्ड भी साथ मे ले कर चलना अनिवार्य हैं।
5 वर्ष के नीचे के बच्चे के लिए यात्रा पर्ची की जरूरत नही हैं।
वर्तमान में यात्रा पर्ची बुक करते समय RFID कार्ड यानी Radio-Frequency IDentification कार्ड बनाया जा रहा हैं जो आपको अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद वापसी में पुनः बाणगंगा चेकपोस्ट पर जमा कर के बाहर निकल जाना होगा।
ऑनलाइन बुकिंग करके
यदि आप घर से ही ऑनलाइन बुकिंग करके यात्रा पर जाना चाहते हैं तो इसके लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ऑफिसियल साइट www.maavaishnodevi.org पर जाकर के अपना User id और Password बना कर यात्रा पर्ची बुक कर के एक हार्डकॉपी ले जाना होगा।
Note- यदि आप ऑनलाइन बुकिंग करके कटरा जाते है तो आपको यात्री पर्ची काउंटर पर इस ऑनलाइन पर्ची को दिखा कर RF ID कार्ड बनवा होगा फिर आपको यात्रा शुरू करने की अनुमति मिलेगी।
माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करें?
आप वैसे तो कई हिल स्टेशन पर ट्रैकिंग किये होंगे लेकिन यह यात्रा एक धार्मिक यात्रा हैं तो आप इसे धार्मिक ट्रैकिंग कह सकते हैं।
यह यात्रा कुल 14 Km की हैं जो बाणगंगा चेकपोस्ट से शुरू हो कर मातारानी के भवन तक कि हैं। इसके बाद माता के दर्शन के बाद 2 Km की ट्रैकिंग करके आप भैरो घाटी में स्थित भैरव बाबा के दर्शन को भी श्रद्धालु जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि माता वैष्णो देवी ने भैरव को यह आशीर्वाद दिया था कि जो भी भक्तगण मेरा दर्शन करके जब तक आप के दर्शन नही करेगा तबतक उसकी यह यात्रा पूरी नही मानी जायेगी।
अतः सभी श्रद्धालुओं के द्वारा माता जी के दर्शन करने के बाद भैरो घाटी भी जरूर जाते हैं दर्शन करने के लिए।
आप 14 Km की यात्रा पैदल, पिट्ठू, पालकी से कर सकते हैं। अधिकतर यात्री पैदल ही इस यात्रा को पूरा करते हैं। रास्ते मे चलने के लिए सुगम मार्ग की व्यवस्था की गई है और रास्ते भर आपको चाय पानी खाने पीने के लिए प्राइवेट में तथा श्राइन बोर्ड की तरफ से सस्ते जलपान और भोजन की भी व्यवस्था किया गया हैं।
यात्रा शुरू करते समय भी एक निःशुल्क लंगर की भी व्यवस्था है जो T-Series म्यूजिक कंपनी के द्वारा प्रतिदिन चलाई जाती है।
आप कटरा से हेली सर्विस यानी हेलीकॉप्टर से भी भवन से 2 Km पहले सांझी छत तक जा सकते हैं।
भवन तक जाने के लिए पुराना और नया मार्ग के साथ ही ताराकोट मार्ग भी बना हुआ है हालांकि यह ताराकोट मार्ग थोड़ा घुमावदार है जो 2 Km की दूरी बढ़ा देता हैं।
बाणगंगा चेकपोस्ट से 6 Km की दूरी पर आदकुमारी गर्भगृह गुफा हैं जहाँ पर दर्शन के लिए टोकन व्यवस्था की गई हैं।
यहाँ से आपको जो भी वृद्ध बूढ़े, बच्चे या महिला या चलने में कोई दिक्क्क्त हो गई हो तो उसके लिए बैट्री चलित कार की सुविधा भी दी गई हैं जिसे वही पर अलग से निर्धारित शुल्क दे कर टिकट लेकर सांझीछत तक कि यात्रा किया जा सकता हैं।
भवन से भैरो घाटी तक आप रोप वे यानी उड़नखटोला से भी शुल्क देकर भैरों मन्दिर तक जा कर दर्शन करके वापस सांझीछत तक आ सकते है।
यदि आप पिट्ठू, पालकी या पैदल जाना चाहते हो तो यह सुविधा भी उपलब्ध हैं।
माता वैष्णो देवी यात्रा के पड़ाव
जब भी आप माता वैष्णो देवी पवित्र गुफा में पिंडी दर्शन के लिए अपनी यात्रा शुरू करेंगे तो इस यात्रा में कई पड़ाव मिलेंगे जहाँ का विवरण इस प्रकार से हैं-
बाणगंगा चेकपोस्ट
यह यात्रा का पहला पड़ाव हैं जहाँ से आपकी चेकिंग हो कर यात्रा की शुरुआत होती हैं। पुराण में वर्णित मान्यताओं के अनुसार माता वैष्णो देवी ने अपने बाण से धरती से जल का स्रोत निकाला था।
वर्तमान में यह एक नदी के रूप में प्रवाहित हो रही हैं इसी नदी में श्रद्धालुओं के द्वारा डुबकी लगा कर अपने को शुद्ध करके यात्रा की शुरुआत करते हैं।
चरण पादुका
भक्त अपने अगले पड़ाव चरण पादुका मन्दिर में माता के चरण की छाप का दर्शन करके अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।
आदकुमारी गर्भगृह गुफा
यह वही स्थान हैं जहाँ पर माता जी ने जन्म लिया हैं। भवन के बाद सबसे ज्यादा भीड़ यही होती हैं। यहाँ दर्शन करने के लिए टोकन लेना पड़ता हैं जिसकी वेटिंग लिस्ट 1 से 2 दिन या उससे भी ज्यादा हो जाती हैं।
आप जब मन्दिर में प्रवेश करेंगे तो यहाँ गहराई में एक गुफा हैं जिसमे एक समय मे एक लोग लेट कर दर्शन करते हुए बाहर की ओर निकल जाते हैं।
सांझीछत
यह वह स्थान हैं, जहाँ पर सभी मार्ग आकर मिल जाते हैं और यही पर हेलीकॉप्टर सेवा का हेली पैड हैं। यही पर पिट्ठू और पालकी सभी का स्टैंड हैं। यहाँ से लगभग 2 Km की दूरी पर भवन स्थित हैं और यही से भवन का मन मोह लेने वाला दृश्य देखने को मिल जायेगा।
भवन
यह मन्दिर का मुख्य भवन हैं जहाँ माता जी का पवित्र प्राकृतिक गुफा हैं। यहाँ पर आपको नहाने, शौचालय, ठहरने, प्रसाद के काउंटर, प्रसाद के अन्य दुकान, भोजन और नाश्ते का काउंटर, जूता चप्पल जमा करने का काउंटर बना हुआ हैं।
आप को किसी भी चीज की कोई समस्या नही होगी। बस आप सच्चे मन से मातारानी के दर्शन करिये और पुण्य के भागीदार बनिये।
भैरों घाटी
यह आपके यात्रा का अंतिम पड़ाव हैं जहाँ से आपको दर्शन करके वापस आना हैं। भवन से मात्र 2 Km की चढ़ाई है जिसे आप पैदल, खच्चर, पिट्ठू, पालकी और रोप वे से पूरी कर सकते हैं और यहाँ पर बने भैरो बाबा के मन्दिर में माथा टेक सकते हैं।
याद रहे कि माता जी के दर्शन करने के बाद भैरव बाबा का दर्शन करना जरूरी हैं नही तो आपकी यात्रा पूरी नही मानी जायेगी।
एक बात का ध्यान दीजियेगा की यहाँ पर लंगूर बहुत ज्यादा हैं वैसे वे आपको कोई हानि नही पहुँचायेंगे।
कटरा में यात्रा के दौरान कहाँ रुके?
कटरा में आपको रुकने के लिए अनेक विकल्प मौजूद है जैसे कि होटल, धर्मशाला, लॉज, होम स्टे, डोरमेट्री इत्यादि। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर से भी कई ठहरने के लिए बड़े बड़े भवन बने हुए है जैसे निहारिका भवन कटरा बस स्टैंड के पास स्थित हैं।
इसके अलावा आदकुमारी और भवन पर भी रुकने की अच्छी व्यवस्था है बस आपको ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग करनी होगी।
कटरा में खान पान
कटरा से लेकर भवन तक पूरी तरह से शुद्ध खान पान के लिए जाना जाता हैं यानी यहॉ पर लहसुन और प्याज का भी प्रयोग नही होता हैं भोजन और नाश्ते में।
पूरी तरह से शुद्धता की गारंटी के साथ आपको यहाँ भोजन मिलेगा।
यहाँ आपको शाकाहारी भोजन के सभी रेस्टूरेंट, भोजनालय, ढाबा इत्यादि मिलेगा और इसके साथ ही आपको स्ट्रीट फूड में भी ऐसी ही शुद्धता से खाने की चीजें मिलती हैं।
कटरा में खरीदारी
कटरा में आपको प्रसाद, सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट, के साथ केसर और कसूरी मेथी तथा मसाला भी आप खरीद कर अपने घर ला सकते हैं।
आशा करता हूँ कि आपको आज का लेख बहुत पसंद आया होगा तो हमे कमेंट्स करके जरूर बताइयेगा की क्या अपने मातारानी के भवन की यात्रा किया है कि नही? और अपना अनुभव हमसे जरूर साझा करियेगा।
धन्यवाद।
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