मानव धर्म प्रसार आश्रम
प्रवर्तक - करुणा मूर्ति सद्गुरु परमहंस
श्री गंगा राम दास जी महाराज " महाराज जी "
अगर आप मन की शांति चाहते है, जीवन में अच्छे साधु संतों के आश्रम में जा कर उनके व्यक्तित्व और जीवन को नजदीक से देखना चाहते है, तो एक बार कम से कम एक बार इस आश्रम में जरूर आये, यकीन मानिये आप बार बार न आये तो कहिये, ऐसा आश्रम है। आज हम इसी आश्रम पर एक विस्तृत अवलोकन करेंगे तथा आपको सभी तथ्यों को बताएंगे।
आश्रम का पता
श्री गंगा आश्रम
ग्राम + पोस्ट - बयेपुर देवकली
जनपद - ग़ाज़ीपुर ( उत्तरप्रदेश )
पिन कोड- 233001
सम्पर्क सूत्र- 9426730196 , 9712009070
वर्तमान संरक्षक
महंत श्री- परमपूज्य श्री राजेन्द्र दास जी बापू
यह आश्रम जिला मुख्यालय ग़ाज़ीपुर से मात्र 12 KM की दूरी पर गांगी नदी ( गंगा की सहायक नदी - गंगा नदी की एक धारा ) के तट पर स्थित श्री गंगा राम दास जी महाराज जी का भव्य आश्रम है, जो आस्था और सनातन धर्म का केन्द्र बिंदु है।यहाँ ध्यान देने योग्य यह बात है कि इस आश्रम का सम्बंध गोकुल भवन अयोध्या और श्री मानव धर्म प्रसार आश्रम रापर कच्छ गुजरात से हैं। इन आधार पर हम कह सकते है कि इस आश्रम से जुड़े हुए व्यक्ति भारत के अलग - अलग राज्यो और अनेक स्थानों से है।
मानव धर्म प्रसार के प्रवर्तक - जीवनी
पूज्य परमहंस श्री गंगा राम दास जी महाराज जी का जन्म उत्तर प्रदेश में ग़ाज़ीपुर जिला के ग्राम गुरैनी ( थाना शादियाबाद ) में 1 अगस्त 1920 ( श्रावण कृष्ण प्रतिपदा विक्रम संवत 1977 ) को एक संभ्रात परिवार में हुआ था। आपके माता जी का नाम गुजरी देवी तथा पिता जी का नाम ठकुरी यादव था।
श्री महाराज जी का मन पठन पाठन में ज्यादा नही लगा, मात्र कक्षा 4 तक पढ़ने के बाद 12 वर्ष की अवस्था मे सांसारिक बन्धन से मुक्त होते हुए
सत्य, न्याय, धर्म को आदर्श मानकर मानव धर्म प्रसार के लिए निकल पड़े।
अनेक स्थान पर साधु, संतो के सम्पर्क में आते हुए अंत मे श्री अयोध्या में गोकुल भवन के महाराज जी परमपूज्य परमहंस श्री राम मंगल दास जी के चरणों मे अपना जीवन रख दिया और गुरु के रूप में इन्हें पाकर धन्य हो गए।
मानव धर्म का प्रसार करते हुए पुनः अपने गृह जनपद ग़ाज़ीपुर आये। यहाँ हम आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में जिला ग़ाज़ीपुर कई साधु संतों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है। ग़ाज़ीपुर आ कर बयेपुर नामक ग्राम में आश्रम की नींव रखी।
आज वर्तमान में यह आश्रम अपने भव्यता में शीर्ष स्थान रखता है, यहाँ सनातम धर्म से जुड़े कई मंदिर, गुरु श्री का मंदिर, यज्ञशाला और पूज्य महाराज जी गंगा राम दास बाबा का समाधी स्थल है, जो निःसंदेह देखने योग्य और दर्शन योग्य है।
श्री महाराज जी से सम्बन्धित वस्तुओं को संग्रहीत कर एक छोटा सा संग्रहालय भी है।
श्री महाराज जी ने अपने उपदेश में सर्वप्रथम यही कहा कि -
" कुछ भी बनने से पहले आप मानव बनो "।
1 मई, 2002 में श्री महाराज जी ने शरीर त्याग दिया अर्थात समाधी ले लिये।
|| श्री महाराज जी की जय ||
|| मानव धर्म प्रसार की जय ||
आप आश्रम के परिसर में आते ही अपने सारे दुःख को भूल कर सुख की अनुभूति इस प्रकार करेंगे कि मानो कभी कोउ दुःख बाधा रहा ही न हो। यहाँ लगने वाला प्रत्येक वर्ष का मेला जो अप्रेल माह में लगता है, सभी के आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
आज भी प्रत्येक दिन हज़ारो की संख्या में आश्रम में आकर भोजन रूपी प्रसाद को ग्रहण करते है और श्री महाराज जी का यह कथन था कि आश्रम से कोई भी भूखा नही लौटे, आज भी महाराज जी के समाधी स्थल पर हज़ारो लोग प्रतिदिन दर्शन करने आते है।
कैसे पहुँचे
यह आश्रम सड़क मार्ग से जिला मुख्यालय ग़ाज़ीपुर शहर, वाराणसी,बलिया,ज़मानिया कस्बा तथा अन्य नगरों से सीधे जुड़ा हुआ हैं।
रेल मार्ग में यहाँ से निकटम रेलवे स्टेशन ग़ाज़ीपुर सिटी,ज़मानिया रेलवे स्टेशन, औड़िहार रेलवे स्टेशन हैं ,जो प्रमुख नगरों से रेल नेटवर्क से जुड़ा है।
अगर वायु मार्ग की बात करे तो निकटम हवाई अड्डा बाबतपुर वाराणसी है जो आश्रम से 80 से 90 KM कि दूरी पर स्थित है।
रुकने की जगह
वैसे तो ग़ाज़ीपुर में कई छोटे और बड़े होटल है, परन्तु जब आश्रम के दर्शन को आये हैं तो आश्रम के धर्मशाला में रुके जो शहर के भीड़-भाड़ से दूर शांति का अनुभव कराएगा।
मन को शांत करने तथा श्री महाराज जी के दर्शन करने के लिए अवश्य आये और बार - बार आये।
जय महाराज जी की जय
जय मानव धर्म प्रसार की जय
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धन्यवाद
If you want peace,come once. Here comes peace of mind(Jai ganga das baba ki)
परम् पूज्य संत बाबा गंगादास महाराज की जय 🙏