प्रयागराज, 2025 के लिए सम्पूर्ण विश्व की आस्था का केंद्र बिंदु बन कर उभर चुका हैं क्योंकि 12 वर्षो के अंतराल पर यहाँ आयोजित होने वाले महाकुंभ में सभी लोग यानी देश विदेश से आने वाले सैलानियों, सनातनियों, श्रद्धालुओं तथा आम जनमानस के लिए पुण्य का साझीदार बनने वाला हैं, अपना प्रयागराज जिसे हम कुंभ नगरी के नाम से या प्रयाग के नाम से या फिर इलाहाबाद के नाम से जानते हैं|
मुग़ल शासन में प्रयाग का नाम बदल कर इलाहाबाद कर दिया था बादशाह अकबर ने, परंतु आज वर्तमान में प्रयागराज का पुराना नाम, वैभव और गौरव पुनः वापस आ चुका हैं| आज हम आपको 2025 में लगने वाले पूर्ण कुंभ या महाकुम्भ पर शाही स्नान करने जाना हो, तो प्रयागराज कैसे पहुँचा जा सकता हैं? पर विस्तृत चर्चा करने जा रहे हैं|
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में स्थित एक महानगर हैं| यहाँ जाने के लिए आप बस, ट्रेन, हवाई जहाज और निजी साधन में जो आपको बजट के अनुरूप अच्छा और सस्ता लगे उस माध्यम से सरलता पूर्वक पहुँच सकते हैं| हम आपको अपने इस लेख के जरिये सबसे अच्छा विकल्प बताएंगे ताकि आप बिना कष्ट के आसानी से प्रयागराज जा कर अपना स्नान कर सकें|
प्रयागराज में सड़क मार्ग से पहुंचने की स्थिति क्या हैं?
प्रयागराज तीन पवित्र नदियों के संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती) पर बसा हुआ हैं| यदि आप प्रयागराज -
- वाराणसी और लखनऊ की तरफ से आते हैं तो गंगा नदी पर बने पुल को पार कर प्रवेश करना होगा|
- मिर्जापुर, चित्रकूट और बांदा की तरफ से आते हैं तो यमुना नदी पर बने पुल को पार कर के प्रवेश करना होगा|
- कानपुर की तरफ से आते हैं तो सीधे सड़क मार्ग से प्रवेश करेंगे|
![](https://tripghumo.com/wp-content/uploads/2024/12/maha-kumbh-mela.jpg)
ऊपर वर्णित स्थितियां ट्रेन और सड़क दोनो के लिए बताई गई हैं. प्रयागराज में सरकारी रोडवेज का बस स्टैंड सिविल लाइंस में स्थित हैं, जहाँ से आपको उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों के लिए तथा दिल्ली तक के लिए बस की सुविधा उपलब्ध हैं. प्राइवेट बस के लिए भी स्टैंड बने हुए हैं. यदि आप चित्रकूट, बांदा और मध्य प्रदेश राज्य की तरफ से आते हैं तो आप के लिए सरकारी बस स्टैंड जीरो रोड पर भी सुविधा उपलब्ध हैं.
महाकुंभ अत्यधिक भीड़ से बचने के लिए निम्न रूट ले सकते हैं
- वाराणसी की तरफ से आने वालो के लिए गंगा नदी के पुल से पहले पड़ने वाले झूंसी नामक स्थान पर अस्थाई स्टैंड बनाया गया हैं.
यहाँ से आप अपने निजी साधन या बस को छोड़ कर लोकल सवारी से प्रयागराज जा सकते हैं या फिर शाही स्नान की भीड़ को देखते हुए आपको पैदल ही कुंभ क्षेत्र में जाना होगा. यह दूरी झूंसी के स्टैंड से 5 से 6 Km की हो सकती हैं.
ध्यान रहें कि पैदल आपको शाही स्नान की तिथियों पर ही चलना होगा नही तो बाकी दिनों में आप लोकल सवारी का प्रयोग कर के शहर में प्रवेश कर सकते हैं.
2. लखनऊ की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्टैंड की सुविधा गंगा नदी के पुल से पहले फाफामऊ में बना हुआ हैं, जहां से आप लोकल सवारी के माध्यम से महाकुंभ के समय पहुँच सकते हैं.
3. मिर्जापुर, चित्रकूट, बांदा और मध्य प्रदेश की तरफ से आने वाले के लिए यमुना नदी से पहले नैनी में स्टैंड बना हुआ हैं.
4. कानपुर और कौशाम्बी की तरफ से आने वालो के लिए बमरौली के पास स्टैंड बना हुआ हैं| आप यहां से टैम्पो और महानगरी बस सेवा से कुंभ क्षेत्र पहुँच सकते हैंl
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