"आगरा" नाम से शायद ही कोई अंजान हो, मुग़लो के शासन पीरियड में यह भारत की राजधानी भी रही हैं।
आगरा एक ऐसा शहर है जिसके इतिहास का सम्बंध मध्यकालीन भारत के इतिहास से जुड़ा हुआ हैं। यह शहर हमेशा मुग़ल बादशाहों की केंद्र बिंदु रही हैं
आगरा घूमने का सही समय
वैसे तो आगरा घूमने वर्ष भर देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं लेकिन सबसे अच्छा समय इस ऐतिहासिक महत्व वाले शहर को घूमने का अक्टूबर से मार्च यानी सर्दी का मौसम हैं।
आगरा कैसे पहुँचे?
आगरा घरेलू के साथ ही विदेशी पर्यटकों के द्वारा घूमा जाने वाला टूरिस्ट प्लेस हैं तो ऐसे जगहों पर पहुँचने का सभी साधन उपलब्ध हैं।
भारत के किसी भी शहर से सड़क मार्ग द्वारा आप सीधे आगरा पहुँच सकते हैं। आगरा का अपना खुद रेलवे स्टेशन हैं जिसमें आगरा कैंट, आगरा फोर्ट, आगरा ईदगाह और राजा की मंडी प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं जहाँ पर प्रमुख ट्रेनों का ठहराव भी हैं।
आगरा में अपना एयरपोर्ट भी हैं जहाँ से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ान की सेवा उपलब्ध हैं।
प्रमुख नगरों से आगरा शहर की दूरी
- दिल्ली से- 222 Km
- जयपुर से- 238 Km
- ग्वालियर से- 120 Km
- झांसी से- 234 Km
- मथुरा से- 57 Km
- हरिद्वार से- 408 Km
- ऋषिकेश से- 431 Km
- नैनीताल से- 457 Km
- लखनऊ से- 335 Km
- प्रयागराज से- 470 Km
- वाराणसी से- 651 Km
आगरा में रुकने का स्थान
आगरा में रुकने की कोई टेंशन नही हैं यहाँ पर हर बजट का रुकने के लिए धर्मशाला, होटल, होम स्टे, लॉज, डोरमेट्री इत्यादि उपलब्ध हैं। यहाँ पर आपको वर्तमान में होस्टल और पेइंग गेस्ट जैसी सुविधा के साथ कॉटेज और रिसोर्ट भी मिल जायेगा।
आगरा टूरिस्ट ट्रायंगल सर्किट का हिस्सा हैं
आगरा देशी और विदेशी सैलानियों (पर्यटकों) के घूमने की सुविधा को ध्यान में रख कर गोल्डन टूरिस्ट ट्रायंगल सर्किट का एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट स्पॉट हैं जिसके तहत कोई भी सैलानी चाहे देश का हो या फिर विदेश का वह अपनी सुविधा के अनुसार-
दिल्ली- आगरा- जयपुर या फिर, दिल्ली- जयपुर- आगरा रूट को चुन सकता हैं।
इस यात्रा की शुरुआत (Starting Point) दिल्ली होता हैं और फिर अंतिम (Last Point) में दिल्ली आकर अपनी यात्रा समाप्त कर देता हैं।
आगरा में घूमने की जगहें
आगरा में वैसे तो घुमने कि बहुत सरे स्थान है, लेकिन आपको कम से कम नीचे में बताये गए जगहों पर जरुर जाना चाहिए. इन स्थानों से ही आगरा को जाना जाता है और खास कर विदेशी पर्यटक आगरा के ताजमहल को विशेष तौर से देखने के लिए आते हैं. और इन जगहों पर क्यों जाना चाहिए इसे जानिए.
आगरा का किला
आगरा शहर के बीचों बीच बना यह विशाल किला मुग़ल बादशाह अकबर के द्वारा 1565 ईo में बनवाया गया था। पूरा किला लाल बलुआ पत्थर से निर्मित हैं।
अंदर में मोती मस्जिद, दीवान- ऐ- आम और दीवान- ऐ- ख़ास का निर्माण शाहजहाँ के द्वारा कराया गया था।
जीवन के अंतिम समय के कुछ वर्ष जब औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहाँ को बंदी बना कर इस किले में कैद कर के रखा था तो यही से शाहजहाँ ताज़महल का दीदार करता था।
ताज़महल
1653 ईo में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था, यह विश्व के 8 अजूबे में शामिल हैं। ताज़महल यमुना नदी के किनारे स्थित हैं।
यह सफ़ेद संगमरमर से बना हुआ इमारत है जो अपने स्थापत्यकला के लिए प्रसिद्ध हैं। इस इमारत के अंदर बादशाह शाहजहाँ और मुमताज़ का मकबरा स्थित हैं।
सिकंदरा
यह स्थान आगरा शहर से मात्र 12 से 13 Km की दूरी पर स्थित हैं और यही पर मुग़ल बादशाह अकबर का मकबरा बना हुआ हैं।
यह मकबरा भी लाल बलुआ पत्थर से निर्मित हैं तथा इस मकबरे की स्थापत्यकला तुर्की तथा हिन्दू परंपरा से मिलती जुलती हैं।
एतमादुद्दौला का मकबरा
जहाँगीर की बेगम नूरजहाँ के पिता का यह मकबरा सफेद संगमरमर से बना हुआ हैं, जो अपने नक्काशी और पितरादुरा के लिए जाना जाता हैं। इस मकबरे का निर्माण नूरजहाँ ने करवाया था।
यह मकबरा मुग़ल साम्राज्य का पहला इमारत हैं जो सफेद संगमरमर का बना हुआ हैं। आप यदि आगरा की सैर पर गये हो तो यहाँ जाना बनता हैं।
आगरा का जामा मस्ज़िद
1648 में बना शहर के मध्य यह विशाल मस्ज़िद हैं जो अपने गुम्बद और मीनार के लिए प्रसिद्ध हैं। इस मस्जिद का सम्बंध शाहजहाँ की ज्येष्ठ पुत्री जहाँआरा बेगम से हैं।
यह मस्ज़िद लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ हैं इस मस्ज़िद के अंदर एक बड़ा मैदान हैं।
Note- यदि आप आगरा के टूर प्लान कर रहे हैं तो एक दिन का अतिरिक्त समय ले कर जाइये और आगरा से मात्र 35 से 40 Km की दूरी पर स्थित फतेहपुर सीकरी को जरूर घूमिये क्योंकि इस शहर का सम्बंध भी मुग़ल बादशाह अकबर से हैं।
अकबर ने इस नगर को बसाया था यहाँ पर बना बुलंद दरवाजा और शेख सलीम चिश्ती की दरगाह विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं।
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