दिल्ली, भारत की राजधानी हैं और इस नगर का इतिहास महाभारत के इंद्रप्रस्थ से शुरू हो कर अंग्रेजी सरकार के द्वारा सुनियोजित ढंग से बसाये गये नई दिल्ली तक का सफ़र हैं।
क्या आपने दिल्ली को नज़दीक से महशुस किया हैं? नही अरे जैसे उत्तर भारत में लखनऊ नवाबी तहज़ीब के लिए जाना जाता हैं तो वहीं दूसरी तरफ हैदराबाद को निज़ामी परम्परा के लिए जाना जाता हैं, तो ठीक उसी प्रकार से आप दिल्ली को विविधताओं से भरी संस्कृति के लिए जानते हैं।
दिल्ली पर यदि सल्तनत से लेकर मुग़लो ने शासन किया हैं, तो दूसरी तरफ अंग्रेज़ी हुकूमत की भी झलक देखने को मिल जायेगी।
कुल मिलाकर दिल्ली की अपनी पहचान नही हैं बल्कि यहाँ देश- विदेश के कोने कोने से आकर बसे हुए लोगों की सभ्यताओं, अनेक धर्मो की पहचान हैं दिल्ली।
मैं आपका सोलो यात्री आज दिल्ली की सैर कराने ले चल रहा हूँ, जहाँ पर आप छोटे से बड़े स्थलों पर घूम कर आने के लिए मचल उठेंगे और यहाँ की प्रत्येक विरासत मानो आपसे यहीं कहती हुई नजर आयेगी की जनाब "मैं दिल्ली हूँ"।
दिल्ली का टूर प्लान और बजट
कही भी घूमने का सबसे पहला चरण यह कि कितने दिनों का प्लान किया जाये और उसके लिए बजट क्या होना चाहिए? तो चलिए आपको सबसे सस्ता विकल्प बताने हैं कि यदि आप दिल्ली को पूरा घूमना चाहते हैं तो कम से कम 3 दिन और अधिक से अधिक 5 दिन का प्लान लेकर चलना होगा।
यदि बजट की बात की जाये तो एक व्यक्ति का खर्च निम्नलिखित प्रकार से होगा...
- होटल- 700 से 1000 रुपये प्रतिदिन
- ट्रांसपोर्ट- 200 से 500 रुपया प्रतिदिन
- नाश्ता और भोजन- 500 से 700 प्रतिदिन
- अन्य खर्च- 200 से 300 रुपया प्रतिदिन
- कुल खर्च- 1600 से 2500 रुपया प्रतिदिन
अब आप यदि 3 दिन का प्लान बनाते हैं, तो 5000 से 7500 रुपये और यदि 5 दिन का प्लान बनाते हैं, तो 8000 से 10000 रुपये तक का खर्च आयेगा प्रति व्यक्ति।
Note-
- यदि आप धर्मशाला या सस्ते लॉज और ट्रांसपोर्ट में अधिकतर बस और मेट्रो का प्रयोग करते हैं तो आप अपने खर्च को बहुत हद से ज्यादा बचा सकते हैं।
- टूर बजट में अपने स्टार्टिंग पॉइंट से दिल्ली आने और जाने का खर्च नही शामिल हैं।
- आप यदि खरीदारी भी करते हैं,तो वह आपका अलग से खर्च माना जायेगा।
- वैसे तो भारत में बहुत लोग अकेले यानी सोलो यात्रा को पसंद करते हैं, परंतु फिर भी हो सके तो कम से कम 2 लोग यदि मिलकर टूर प्लान कड़ते हैं तो यह बजट शेयरिंग वाला बन जायेगा और इस प्रकार से कम से कम खर्च में भी दिल्ली को घुमा जा सकता हैं।
- सोलो यात्री बनकर घूमने में ठहरने के लिए डोरमेट्री या होस्टल जैसी सुविधा के साथ खाने-पीने पर लिमिट खर्च कर के भी आप अपने बजट को अपने अनुसार किफायत वाला बना सकते हैं।
दिल्ली घूमने का सही समय
दिल्ली की गर्मी बहुत ही प्रसिद्ध हैं, तो घूमने के लिए दिल्ली का प्लान बना रहे हैं तो भाई जरा देख कर, जी हाँ आपको दिल्ली विजिट का का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी तक का हैं।
आप सर्दी के मौसम में दिल्ली को अच्छे से घूम और एक्सप्लोर कर सकते हैं। बाकी घूमने के शौकीन दिल्ली को गर्मी में भी अपने तरीके से रफ एंड टफ स्टाइल में एक्सप्लोर करते हैं।
मेरी सलाह हैं कि यदि आप दिल्ली को एन्जॉय करना चाहते हो अच्छे से तो आप सर्दी के मौसम में ही ट्रिप प्लान करें, तो बेहतर होगा।
दिल्ली कैसे पहुँचे?
दिल्ली भारत की राजधानी हैं, तो आप समझ गए होंगे कि यह शहर अपने देश का सबसे लोकप्रिय शहर हैं, जहाँ पर पूरे देश से और विदेश से भी हर प्रकार के लोग चाहे सैलानी हो, बिजनेस मैन हो, स्टूडेंट्स हो या फिर कोई भी हो प्रतिदिन आते रहते हैं।
दिल्ली पहुँचने के लिए आप तीनों प्रकार के माध्यमों का प्रयोग करके आ सकते हैं जैसे कि आप सड़क मार्ग से बस, टैक्सी या निजी साधन के द्वारा बहुत आसानी से पहुँच सकते हैं।
आप यदि अपनी यात्रा और सस्ती करना चाहते हैं तो सबसे अच्छा विकल्प हैं रेल सेवा, जी हाँ दोस्तों आप ट्रेन से दिल्ली की यात्रा कर सकते हैं और वह भी कम बजट में।
भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से दिल्ली के लिए डायरेक्ट ट्रेन हैं। यदि आप के रेलवे स्टेशन से दिल्ली की सीधे सेवा नही हैं तो भी आप आप अपने सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन से किसी भी बड़े रेलवे स्टेशन को जा कर ट्रेन पकड़ सकते हैं।
दिल्ली के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में नई दिल्ली जंक्शन, आनंद विहार टर्मिनल, दिल्ली, दिल्ली छावनी और हज़रत निजामुद्दीन (सराय काले खा) रेलवे स्टेशन हैं।
इन सभी रेलवे स्टेशनों से सीधे सेवा आपके नज़दीकी रेलवे स्टेशन के लिए मिल जायेगी।
दिल्ली एक मात्र ऐसा रेलवे स्टेशन हैं जहाँ से सभी श्रेणी की ट्रेनें जैसे राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, तेजस, दुरंतो, मेल ट्रेन, सुपरफास्ट ट्रेन, एक्सप्रेस ट्रेन के साथ लोकल ट्रेनों की सुविधा मिलेगी।
इसके साथ ही साथ पूरे दिल्ली में लोकल चलने के लिए दिल्ली मेट्रो का जाल बिछा हुआ हैं, जिससे आपको दिल्ली घूमने में कम पैसा खर्च करने से ट्रिप को और भी एन्जॉय कर सकते हैं।
तीसरा तरीका हैं कि आप दिल्ली हवाई जहाज से सफ़र कर सकते हैं, लेकिन यह सबसे महंगा होता हैं, भारत और विदेश के प्रमुख नगरों से सीधी सेवा आपको मिल जायेगी। इसके लिए आपको दिल्ली के एयरपोर्ट इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आपको आना होगा।
दिल्ली की भारत के प्रमुख स्थानों से दूरी
- हरिद्वार से- 212 Km
- ऋषिकेश से- 240 Km
- नैनीताल से- 300 Km
- अल्मोड़ा से- 361 Km
- शिमला से- 350 Km
- धर्मशाला से- 486 Km
- लद्दाख से- 951 Km
- सोमनाथ से- 1385 Km
- द्वारका से- 1430 Km
- उज्जैन से- 767 Km
- जयपुर से- 298 Km
- आगरा से- 218 Km
- मथुरा से- 161Km
- लखनऊ से- 532 Km
- अयोध्या धाम से- 686 Km
- चित्रकूट से- 658 Km
- प्रयागराज से- 671 Km
- वाराणसी से- 843 Km
- गया से- 1070 Km
- सासाराम से- 958 Km
दिल्ली में रुकने या ठहरने की व्यवस्था
दिल्ली में रुकने की कोई टेंशन नही हैं क्योंकि यहाँ पर आपको पूरे दिल्ली में आपके बजट के अनुसार सस्ते से मँहगे होटल का विकल्प मिल जाएगा।
इसके अलावा आप धर्मशाला, होटल, मोटल, लॉज, होम-स्टे, डोरमेट्री, होस्टल इत्यादि का चुनाव कर सकते हैं।
यदि दिल्ली ज्यादा दिन के लिए आ रहे हो तो पेइंग गेस्ट का विकल्प भी मौजूद हैं। इसके साथ ही आपको बजट की कोई दिक्कत नही हैं तो रिसोर्ट और कॉटेज के भी अच्छे ऑप्शन आपके लिए हैं और आप अपनी एडवांस बुकिंग कराकर इसको भी एन्जॉय कर सकते हैं।
दिल्ली में खाने-पीने का विकल्प बहुत है
दिल्ली आपकी सोच से भी बड़ी और अनेक विविध संस्कृतियों और धर्मो की संयुक्त विरासत वाला एक ऐतिहासिक नगर हैं।
यहाँ पर आपको खाने पीने की कोई भी समस्या नही होने वाली हैं।
आपको आपके बजट के अनुसार ही रेस्टोरेंट, ढाबा, होटल, भोजनालय के साथ जगह- जगह पर स्ट्रीट फूड भी एन्जॉय करने को मिल जायेगा।
दिल्ली में ऐसे कई मन्दिर, गुरुद्वारा और धार्मिक स्थल हैं, जहाँ पर किसी भी विशिष्ट तिथि को या प्रतिदिन लंगर भी देखने को मिल जायेगा। आप निःशुल्क भोजन ग्रहण कर सकते हैं।
दिल्ली के कई ऐसे स्थान हैं, जैसे कनॉट प्लेस, सरोजनी नगर और चांदनी चौक जहाँ के स्ट्रीट फूड तो पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। आपने चांदनी चौक पर दही भल्ले, छोले भटूरे, छोले कुलचे, चाट और पराठे नही खाये तो दिल्ली दर्शन अधूरा हैं।
यदि आप दिल्ली जा रहे हैं तो अनेक स्थानों के या फिर जो मैंने बताया हैं वहाँ के सड़क किनारे स्ट्रीट फ़ूड जरूर ट्राई करियेगा मेरे कहने पर आपको एक अलग अनुभूति प्राप्त होगी।
दिल्ली में घूमने के स्थान
दिल्ली को भारतीय ही नही बल्कि विदेशी पर्यटक भी अच्छे से घूमना पसंद करते हैं। आपको मैं दिल्ली की सबसे खूबसूरत जगहों के बारे में बताने जा रहा हूँ, जहाँ पर आप सभी टीवी, किताबों और भारतीय इतिहास में बखूबी पढ़े और देखे हैं-
लाल किला
यह भारत की शान हैं क्योंकि आजादी के बाद पहली बार देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहला तिरंगा 15 अगस्त, 1947 को इसी लाल किला के लाहौरी गेट से फहराया था।
आप वर्तमान के 500 रुपया भारतीय नोट के पीछे इस लाहौरी गेट का दीदार कर सकते हैं। यह इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनाई गई हैं मुग़ल बादशाह शाहजहां के समय में वर्ष लगभग 1648 के आसपास।
इसके अंदर लगने वाला मीना बाजार काफी लोकप्रिय हैं। इसी किले के अंदर मोती मस्जिद भी बनी हुई हैं।
सोमवार को यह पर्यटकों के लिए बंद रहता हैं। बाकी दिन आप एंट्री फीस दे कर इसे आसानी से घूम सकते हैं। रोज शाम के समय लाइट एंड साउंड शो का आयोजन होता हैं, जिसमें आप लाल किला के इतिहास को और नज़दीक जान सकते हैं।
यह पुरानी दिल्ली में चाँदनी चौक पर स्थित हैं इसलिए सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन चांदनी चौक हैं। यही पास में चांदनी चौक की प्रसिद्घ पराठे वाली गली भी हैं।
इंडिया गेट
इस इमारत को लुटियंस महोदय ने 1931 के आसपास बनाया था। आप दिल्ली घूमने जा रहे हैं तो इंडिया गेट घूमे बिना दिल्ली घूमना अधूरा हो जाता हैं।
इसके पास ही खुला हरा भरा मैदान जिस पर आप घण्टो बैठ कर इस इमारत को निहार सकते हैं और साथ ही में अपने पिकनिक को एन्जॉय कर सकते हैं। जी हाँ लोकल लोग वीकेंड पिकनिक एन्जॉय करने यहाँ आते हैं।
यह इमारत प्रथम विश्व युद्ध की याद में बनाया गया था और इस इमारत के मध्य में अमर जवान ज्योति हमेशा जलती रहती हैं। इसे अखिल भारतीय युद्ध स्मारक भी कहा जाता हैं।
इस इमारत पर शहीद हुए जवानों के नाम अंकित किये गए हैं। इसी से जुड़े राष्ट्रपति पथ को अब कर्तव्य पथ कहा जाता हैं।
कुतुबमीनार
यूनेस्को की विश्व विरासत धरोहर में शामिल कुतुबमीनार दिल्ली की तीसरी सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली पर्यटक स्थलों में से एक हैं।
यह दिल्ली के महरौली में एक मीनार के रूप में स्थित हैं, यह एक कुतुब उल इस्लाम मस्जिद है, जिसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था अपने गुरु कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के स्मृति में।
हालांकि इसकी नींव केवल इसने डलवाई थी जबकि पूरा कराने का श्रेय इसी के गुलाम इल्तुतमिश को जाता हैं।
कुतुबमीनार परिसर में ही एक लौह स्तम्भ भी बना हुआ हैं जिस पर जंग नही लगती हैं और इस स्तम्भ को चंद्रगुप्त द्वितीय उर्फ विक्रमादित्य ने बनवाया था।
अक्षरधाम मंदिर
विश्व के बड़े और महानतम मंदिरों में शामिल हैं दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर और इसे स्वामीनारायण मन्दिर नाम से भी जानते हैं। इस मंदिर का परिसर इतना बड़ा हैं कि केवल इस मंदिर को पूरी तरह से घूमने के लिए सच कहें तो कम से कम 1 दिन आपको निकालने होंगे नही तो कम से कम 4 से 5 घण्टे तो चाहिए ही पूरी तरह से एक्सप्लोर करने के लिए।
यह मंदिर लाल पत्थर से बना हुआ कई देवी देवताओं के समूह में बना हुआ हैं। यहाँ पर अलग अलग घूमने के लिए अलग अलग प्रवेश शुल्क निर्धारित हैं।
हुमायूँ का मकबरा
तृतीय मुग़ल बादशाह हुमायूँ का मकबरा जो लाल पत्थर से बना हुआ है और यह इमारत भी मुग़ल शासन का सबसे सुंदर इमारत घोषित हैं। इसके पास ही हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया का मकबरा भी स्थित हैं, जो अपने समय के प्रसिद्ध सूफ़ी संत थे।
इसी के पास हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन भी हैं। दिल्ली दर्शन में आप इस मकबरे को देखना न भूलें।
लोटस टेम्पल
कमल की पंखुड़ियों की भांति डिज़ाइन किया हुआ मन्दिर होने के कारण यह कमल मन्दिर नाम से प्रसिद्ध हैं। यह किसी भी देवी देवता को समर्पित मन्दिर नही हैं बल्कि सर्व धर्म समर्पित एक ध्यान और उपासना का केंद्र हैं, जहाँ पर सभी लोग आ सकते हैं।
इस मंदिर की साज सज्जा देखने लायक हैं। इसके परिसर में बना हुआ गार्डन अत्यधिक पसंद किया जाता हैं।
यदि आप वाराणसी घूमे हैं तो आपको बता दें कि विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र स्वर्वेद मंदिर हैं जिस पर मैंने अलग से पूरी जानकारी लेख के माध्यम से दिया हुआ हैं।
नेशनल रेल म्यूजियम
अगर आप फ़ोटो खींचने के शौकीन हैं तो यह जगह आपके लिए हैं। पुरानी रेलगाड़ी और रेल इंजन जो डीज़ल और भाप से चलने वाली थी और इसके साथ ही टॉय ट्रेन जैसे रेल को विरासत के तौर पर रखा गया हैं।
बच्चे इस इस जगह को खूब एन्जॉय करेंगे। आप यहाँ भारतीय रेलवे के इतिहास को जानेंगे तथा इसके साथ आप यहाँ रेस्टोरेंट और खाने पीने का भी आनंद ले सकते हैं।
ज़ामा मस्जिद
मुग़ल बादशाह शाहजहां के द्वारा लगभग 1649 या 1650 बनवाया गया यह मस्जिद लाल पत्थर से निर्मित हैं जहाँ एक साथ लगभग 20000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं।
ईद के त्योहार पर यहाँ की भीड़ देखने लायक होती हैं। यह मस्जिद पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में बनी हुई हैं।
लाल किला घूमने के बाद आप यहाँ भी घूम सकते हैं और मुग़ल संस्कृति को नजदीक से देख सकते हैं।
जंतर मंतर
1724 - 1725 में जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने इस जंतर मंतर या खगोलीय वेधशाला का निर्माण करवाया था। राजा जयसिंह द्वितीय ने भारत में अन्य शहरों मथुरा, जयपुर, उज्जैन, वाराणसी में भी स्थापित किया था।
पुराने समय इस वेधशाला में नक्षत्र ज्ञान, समय, सूर्य घड़ी, पिंडो की गति इत्यादि का पता लगाया जाता था। आप दिल्ली गए हो तो इस स्थान को मिस मत करियेगा।
इस्कान मंदिर
अपनी भव्यता और राधा कृष्ण के प्रेम को समर्पित दिल्ली का इस्कान मंदिर घूमने और दर्शन के लिए जाना जाता हैं। आप यहाँ पर रात्रि में जाइये तो मन्दिर की लाइटिंग देखने लायक हैं।
कृष्णजन्माष्टमी पर इस मंदिर को फूलों और लाइट से इस प्रकार से सजाया जाता हैं कि आप बिना पलक झपकाये इस साज सज्जा को निहारते रह जायेंगे।
दिल्ली में क्या खरीदे?
दिल्ली से बहुत कुछ खरीद सकते हैं जैसे कि एशिया के सबसे बड़े अंडरग्राउंड मार्केट पालिका बाजार कनॉट प्लेस से कपड़े तो चांदनी चौक से खाने पीने की वस्तुएं और सजावटी के सामान।
आप दिल्ली के किसी भी इलाके में चले जाइये जैसे कि खान मार्केट या सरोजनी नगर मार्केट या दिल्ली हॉट आपको आपकी जरूरत वाली सामना जरूर मिल जायेगी लेकिन हाँ एक बात का जरूर ध्यान दीजियेगा कि मोल भाव जरूर कर लीजिएगा।
आज का लेख आपको कैसा लगा? और आप दिल्ली कब जा रहे हैं घूमने? हमें कमेंट्स कर के जरूर बताइयेगा।
धन्यवाद।
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