अगर हम कहे कि क्या भारत में? या फिर कहे कि पूरे विश्व में? ऐसा कोई जगह है?, स्थान हैं?, नगर हैं?
जहाँ पर सनातन धर्म/हिन्दू धर्म के चार पुरुषार्थ-- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का संगम होता है?
तो इसका उत्तर है - खजुराहो
क्योंकि यहाँ की मूर्तियां काम मुद्राओं को प्रदर्शित करती हैं, जो बरबस ही सबका ध्यान अपने ओर खींच लेता हैं।
यही कारण हैं कि यहाँ पर देशी और विदेशी सभी पर्यटक आकर घूमना चाहते है। आप यकीन नही करेंगे कि अगर जेठ की गर्मी वाला माह हटा दें तो लगभग सभी माह में यहाँ जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती हैं।
मन मे अगर छोटी यात्रा का ख्याल आयें तो खजुराहो एक विकल्प हो सकता है। आज की ट्रिप खजुराहो शहर की जहाँ के प्रत्येक मंदिर में प्रेम बसता है।
आज हम आपको इस अदभुत शहर की सैर ही नही करवाऊंगा बल्कि इसके इतिहास, मंदिर, दर्शनीय स्थल, खानपान और होटल के बारे में भी पूरी चर्चा करूँगा।
खजुराहो- एक धार्मिक और प्रेमकला नगरी
खजुराहो मध्यप्रदेश की अतिप्राचीन नगरों में से एक नगर है, जो छतरपुर जिले के अंतर्गत स्थित शहर है।
यह एक ऐसा शहर है, जहाँ पहुँचने के कई विकल्प है। आगे मैं सभी विकल्पों पर विस्तृत चर्चा करूँगा। सबसे पहले आइये हम सभी इस का इतिहास जानते है।
खजुराहो का इतिहास
चंदेल वंश की राजधानी के रूप में विख्यात था खजुराहो ।
दसवीं से बारहवीं शताब्दी (900 CE- 1100 CE) तक यहाँ कई मंदिरों का निर्माण कराया था चन्देलों ने।
वैसे इस नगर का नाम खजुराहो इस लिये पड़ा क्योंकि यहाँ खजूर के कई विशाल पेड़ थे या यह कहे कि खजूर का बगीचा था।
यहाँ से प्राप्त शिलालेख (1986) से इसके इतिहास को और भी बारीकी से जाना जा सकता है। खजुराहो आज के समय विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल है।
यूनेस्को विश्व विरासत स्थल के रूप में इस नगर के पूरे मन्दिर समूह को कुल तीन अलग अलग क्षेत्रो में बांटा गया है।
मूल रूप से 85 मन्दिरो के समूह में अब वर्तमान में केवल 25 पर ही सिमट गया है।
आज वर्तमान में कई मंदिर नष्ट हो चुके है जबकि कुछ जीर्ण अवस्था मे पहुँच गये हैं, तो कुछ आज भी अपनी भव्यता के कारण सुविख्यात है।
जब आप खजुराहो में आयेंगे तो घूमने के लिए कई प्राकृतिक मनभावन साइट सीन है। वैसे यह स्थान प्राचीन रूप से मंदिरों के लिए ही ज्यादा जाना जाता है।
खजुराहो में घूमने वाले स्थान
अगर हम खजुराहो को मंदिरों की सभ्यता या मन्दिरो की नगरी कहे तो अतिशयोक्ति नही होगा। यहाँ पर कई मन्दिरो की श्रृंखला स्थापित है।
खजुराहो में सभी मंदिर या तो हिन्दू धर्म के है या फिर जैन धर्म के है। हिन्दू धर्म के सभी मंदिरों को बनवाने का श्रेय चंदेल शासकों को जाता है क्योंकि यहाँ कई वर्षों तक चंदेल वंश का ही शासन रहा है।
इस प्राचीन नगरी में कई जगह और मंदिर घूमने तथा दर्शन करने वाले हैं, जिनके नाम और उनके विवरण कुछ इस प्रकार हैं-
कंदरिया महादेव मंदिर
यह खजुराहो का सबसे विशाल मन्दिर है, जो महादेव भोलेनाथ शिव जी को समर्पित है। इसका निर्माण लगभग 999 ईसवीं में हुआ है। इसे बनवाने का श्रेय विद्याधर को जाता है।
लक्ष्मण मंदिर
इस मंदिर को बनवाने का श्रेय लक्ष्मण वर्मा को जाता है, जिन्होंने लगभग 954 ईसवीं में इस धरोहर का स्थापना करवाया था।
पश्चमी मंदिर समूह
खजुराहो में अधिकांश मन्दिर जो हिन्दू धर्म को समर्पित है, वे सभी नगर के पश्चमी क्षेत्र में स्थित है। पूर्वी क्षेत्र में जैन धर्म को समर्पित मन्दिरो का समूह है।
चतुर्भुज मंदिर
यह नगर से थोड़ी दूरी पर दक्षिण में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित है। इसमें अर्ध मंडप, मंडप के साथ गर्भगृह है। बलुआ पत्थर से बना इस मंदिर पर उकेरी गई प्रतिमाओं में मिथुन सभ्यता का अभाव मिलता है। यह अपने आकर्षण और मनभावन मन्दिर है, इसे जरूर अपने ट्रिप में शामिल करें।
दिगम्बर जैन मंदिर
जैसा कि हमने पहले ही बता दिया है कि जैन धर्म को समर्पित सभी मन्दिर पूर्वी भाग में स्थित है तो यह मंदिर पूर्वी समूह के अंतर्गत आदिनाथ को समर्पित है।बाद में आगे चल कर पार्श्वनाथ की प्रतिमा भी स्थापित की गई। यह सबसे खूबसूरत मन्दिर है।
यह जैन धर्म का मुख्य मंदिर है। इसके अलावा छोटे-छोटे 2 या 3 मन्दिर और है।
खजुराहों मंदिर
यह मंदिर शिव जी के साथ रहने वाले बैल नंदी को समर्पित है। अगर इसे नंदी मन्दिर भी कहा जाये तो गलत नही होगा।
अन्य मन्दिर में वामन मन्दिर, जवारी मन्दिर, चित्रगुप्त मन्दिर, चौसठ योगिनी मन्दिर, वराह मन्दिर, विश्वनाथ मंदिर इत्यादि है।
आप जब जाएंगे खजुराहो तो दूर से देखने पर सभी मन्दिर एक जैसे ही दिखेंगे क्योंकि 1 या 2 को छोड़कर लगभग सभी मन्दिर का स्थापत्य अर्थात बाहरी निर्माण मिथुन व्यवस्था या सीधे तौर पर कहे तो कामसूत्र कला पर आधारित है। जो इन सभी मन्दिर समूह को अन्य से अलग हो कर दर्शाती है।
और ऐसी स्थापत्य कला और कहीं के भी मंदिरों में देखने को नही मिलती है।
इसलिये यहाँ घूमने जरूर जाये।
पन्ना प्राचीन नगर
खजुराहो से मात्र 45 KM की दूरी पर पन्ना नामक अति प्राचीन नगर है, जो मन्दिरो के लिए जाना जाता है और एक बात की इस शहर में भारत के हीरे की खान है। इस स्थान को भी अपने ट्रिप में शामिल करें।
खजुराहों जाने का अच्छा समय
यह नगर पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण गर्मी ज्यादा पड़ती है। इसलिए हमारी राय माने तो अक्टूबर से मार्च तक का महीना घूमने के लिए अनुकूल है।
वैसे यहाँ के मंदिरों पर उकेरी गई मूर्तियां अर्द्ध नग्न और काम कला को समर्पित है, जो प्रेम का प्रतीक माना गया है।
खजुराहो कैसे पहुँचे
भारत के मध्यप्रदेश में छतरपुर ज़िला में खजुराहो नगर स्थित है। छतरपुर ज़िला का मुख्यालय भी छतरपुर शहर है।
रेल मार्ग
खजुराहो से निकटम रेलवे स्टेशन स्वयं खजुराहो रेलवे स्टेशन है, जो लगभग सभी प्रमुख भारत के नगरों से सीधे जुड़ा हुआ है।
जबकि दूसरे नम्बर पर महाराजा छत्रसाल रेलवे स्टेशन छतरपुर है। यह दोने रेलवे स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों का ठहराव है, जो आपको अपनी मंज़िल पर पहुँचा देंगे।
वायु मार्ग
खजुराहो नगर का अपना एयरपोर्ट है, जहाँ से प्रमुख स्थानों के लिए हवाई जहाज की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा नज़दीक का हवाई अड्डा जबलपुर और ग्वालियर है।
सड़क मार्ग
ज़िला मुख्यालय यानी छतरपुर से खजुराहो की दूरी लगभग 44 KM है (पन्ना- खजुराहो मार्ग NH39 पर स्थित)। खजुराहो एक वैश्विक स्तर का महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिए यहाँ पहुँचने के लिए सड़क मार्ग की अच्छी व्यवस्था है।
महत्वपूर्ण शहरों से खजुराहो की दूरी(लगभग)
- छतरपुर से 44 KM
- पन्ना से 45 KM
- मैहर से 136 KM
- सतना से 118 KM
- रीवा से 167 KM
- ओरछा से 174 KM
- जबलपुर से 257 KM
- ग्वालियर से 280 KM
- उज्जैन से 564 KM
- इंदौर से 566 KM
- भोपाल से 393 KM
- नई दिल्ली से 633 KM
- आगरा से 434 KM
- झाँसी से 175 KM
- महोबा से 78 KM
- प्रयागराज(इलाहाबाद) से 305 KM
- लखनऊ से 308 KM
- वाराणसी से 393 KM
- ज़मानिया(गाज़ीपुर) से 462 KM , की दूरी पर खजुराहो स्थित है।
खजुराहो में होटल
मैंने आपको पहले भी ये बता दिया है कि यह नगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुविख्यात है, तो जाहिर है कि यहाँ देशी और विदेशी पर्यटकों की भीड़ वर्ष भर रहती है।
आपको सस्ते होटल जो आपके बजट में आ सके और महंगे बजट वाले भी होटल उपलब्ध है। आप Goibibo की साइट पर जाकर अपने बजट के अनुरूप होटल को बुक कर सकते है।
या आप अपने हिसाब से किसी भी booking साइट पर जा कर होटल को बुक कर सकते है।
आप अपने सुविधा के अनुसार लॉज या धर्मशाला में भी रुक सकते है, जो अच्छा विकल्प है घूमने के लिए।
खानपान
चूंकि यह घूमने का अच्छा स्थल है, जहाँ विदेशी पर्यटक भी आते है, तो देशी और विदेशी भोजन की व्यवस्था यहाँ आपको सभी रेस्टोरेंट में मिल जाएगी। लोकल डिश के साथ दक्षिण भारतीय व्यंजनों का लुत्फ ले सकते है।
यहाँ जगह जगह पर सस्ते और महंगे ढाबा और फैमिली रेस्टोरेंट है, जहाँ पर ब्रेक फ़ास्ट से लेकर लंच, डिनर का आनंद उठा सकते है।
खरीदारी क्या करे?
आज के समय में अब सब कुछ हर जगह मिलता है, लेकिन क्या है न हम भारतीय या विदेशियों में कही जाओ तो निशानी याद रखने के लिए कुछ न कुछ जरूर खरीदते है।
आप हैंडलूम और हस्तशिल्प के बने हुए समान, मार्बल के बने हुए शो पीस, चित्रकारी किया हुआ सजावट का समान मिलता है।
एक बार जरूर आप खजुराहो जाये चाहे तो अकेले या दोस्तो के साथ या फिर फैमिली ट्रिप, खूब एन्जॉय करेंगे। अगर जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट करना न भूलें।
यहाँ भी घूमे:
Shailesh Kumar Singh
खजुराहों के मंदिर UNESCO द्वारा World Heritage Site घोषित किया गया है, और इनके मंदिर जो चंदेल राजाओं द्वारा बनाये गए हैं स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने हैं।
बहुत ही बढ़िया और विस्तृत जानकारी, धन्यावद