गुमनामी की ज़िंदगी जीने वाला छत्तीसगढ़ का एक गांव जो अपने राज्य का एक मात्र हिल स्टेशन है " मैनपाट "
वर्तमान में - छत्तीसगढ़ के सरगुजा नामक ज़िले के अंतर्गत पड़ने वाला छोटा सा गांव है। यहाँ आप सभी को यह भी बताते चले कि सरगुजा का हेड क्वार्टर अम्बिकापुर है, जी हाँ दोस्तो सही पहचाने वही अम्बिकापुर जहाँ का रेलवे स्टेशन साफ सफाई के मामले में द्वितीय स्थान रखता है।
यह विंध्य पर्वत माला पर बसा छोटा सा गांव छत्तीसगढ़ का शिमला नाम से मशहूर हैं, ऐसा मैं इसलिए कह रहा हु कि यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्य को देख कर, ठंड की अनुभूति करते हुए तथा दिसम्बर और जनवरी में बर्फ बारी को देखते हुए सैलानी शिमला का दर्जा देते है।
यहाँ से रिहन्द नदी और मांड नदी का उद्गम हुआ है।इसे छत्तीसगढ़ का तिब्बत भी कहा जाता है क्योंकि जब 1962 में चीन से डर कर तिब्बती शरणार्थी के रूप में आ कर यही अपना निवास बना लिए , यहाँ तिब्बती मंदिर, तिब्बती बाजार और तिब्बती खानपान भी आकर्षण का केंद्र है।
यहाँ बाक्साईट की अधिकता है और इसका खनन होता है।
आपको पूरे मैनपाट में देशी लुक यानी ग्रामीण परिवेश का अद्धभुत नज़ारा मिलेगा देखने को, भीड़ भाड़ से दूर सुकून पसन्द सैलानियों के प्रमुख केंद्र माना गया है। तो चलिए फिर मुस्कारिये की आप छत्तीसगढ़ में है और हम यकीन के साथ कहते है कि आपको नाराज़ नही करूँगा, आप आज अपनी ट्रिप Tripghumo.com पर पूरे मैनपाट का बारीकी से विश्लेषण कराता हु, तो चलिए फिर मैनपाट घूम कर आये।
मैनपाट जाने का सही समय
मैनपाट समुद्रतल से उचाई लगभग 1085 मीटर पर बसा छोटा सा गांव है जहाँ औसतन तापमान 23 सेंटीग्रेट का है। आपको गर्मी में भी ठंड का एहसास करने वाले इस छोटे से हिल स्टेशन पर पूरे वर्ष भर जा सकते है परंतु अक्टूबर से मार्च तक बेस्ट मौसम रहता है।
अगर आप snow यानी बर्फ के शौकीन है तो दिसम्बर और जनवरी में हल्की फुल्की बर्फ बारी मिलेगी देखने को।
कैसे पहुँचे
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से मैनपाट की दूरी लगभग 390 KM है। रायपुर से अम्बिकापुर मार्ग पर यह स्थान अम्बिकापुर से लगभग 55 से 60 KM की दूरी पर स्थित है।
मैनपाट
वाराणसी से 354 KM
सोनभद्र से 274 KM
रांची से 290 KM , की दूरी पर स्थित है।
मैनपाट रेलवे नेटवर्क से नही जुड़ा है परंतु नज़दीक का रेलवे स्टेशन अम्बिकापुर है जो लगभग सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से जुड़ा है।
अगर निकटम हवाई अड्डे की बात करे तो, रायपुर 390 KM और वाराणसी 354 KM की दूरी पर स्थित प्रमुख हवाई अड्डा है। कुल मिला कर मैनपाट पहुचने के लिए आपको अम्बिकापुर आना पड़ेगा।
अगर मेरी माने तो अपने साधन से आने पर इस ट्रिप को ज्यादा एन्जॉय करेंगे क्योकि लोकल घूमने में आनंद आयेगा और कम समय मे ज्यादा घूमना कवर कर पाएंगे नही तो जगह जगह जाने के लिए साधन आराम से मिल जाएंगे।
मैनपाट में रुकने की जगह
आप चाहे तो अम्बिकापुर में रुक सकते है बहुत सारे छोटे बड़े और बजट के होटल मिल जाएंगे। मैनपाट में भी होटल, धर्मशाला और टेंट/कैम्प की व्यवस्था मिल जाएगी। कैम्प में रुकने का अपना अलग ही एक्सपेरिएंस होगा यकीन माने आप खूब एन्जॉय करेंगे और ट्रिप जीवन भर याद रहेगी।
खानपान
आप यहाँ लोकल डिश बाटी-चोखा, लिट्टी-चोखा, भारतीय दक्षिण व्यंजन, उत्तरी व्यंजन, तिब्बती व्यंज इत्यादि का भरपूर लुफ्त उठाएंगे। फैमिली रेस्टोरेंट और ढाबे हर जगह मिल जाएंगे।
मैनपाट में घूमने की जगह
वैसे तो मैनपाट में घूमने लायक बहुत सारी जगहें हैं। लेकिन कुछ खास स्थान है जिसे आप न घूमे तो आपकी छत्तीसगढ़ के मैन पाट की ट्रिप अधूरी रहेगी। उनके नाम निचे बताये गए हैं।
टाइगर फॉल
प्राकृतिक झरना जो मन को भा जाए। यहाँ बनी सीढ़ियों से नीचे झरने के पास जा कर खूब एन्जॉय कर सकते है। प्राकृतिक नज़ारों को अपने कैमरे में कैद कर सकते है,सेल्फी के साथ फोटो का आनंद ले अच्छा फील होगा।
दलदली या जलजली भूमि
यह ऐसी भूमि है जो वर्ष भर नमी और आद्रता के कारण दलदली हो गयी है वहाँ जाकर कूदना न भूले, आपको अपना बचपना याद न आ जाये तो कहियेगा। यहाँ गांव के लोग मक्का/भुट्टा बेचते है उसका भी आनंद ले।
उल्टा पानी
अगर पानी की धारा उल्टा बहने लगे तो आश्चर्य का ठिकाना न रहे तो जी हाँ आप सही जगह है, यहाँ बरसाती नदी जो वर्ष भर बहती है कि एक छोटी सी धारा उल्टा बहती हुई मिलेगी जिसे उल्टा पानी के नाम से भी जानते हैं यह आपको रोमांच से भर देगी।
अन्य स्थल- घाघी झरना, मेहता पॉइंट, बौद्ध मंदिर, परपतिया इत्यादि भी महत्वपूर्ण जगहों में शामिल है जिसे आप घूम सकते है।
आप इस स्थान यानी मैनपाट को कम से कम एक बार जरूर अपने घूमने के ट्रिप में शामिल करें। कम बजट और एक या दो दिन के इस ट्रिप में पूरा आनंद लेंगे। आप हमें कमेंट कर के बताए कि यहाँ घूम कर आने के बाद आपको कैसा लगा?।
धन्यवाद
Bahot upyogi jankari mili aapke lekh se .1-2din me hi plan krte hain menpat ghumne ka , esi tarah jankari dalte rhe.
Dhanyvad