पता नही क्या लगाव हैं मुझे उत्तराखंड राज्य से की जब कभी छुट्टी बिताने का मन करता हैं या हिल स्टेशन को घूमने का मन करता हैं या किसी धर्मिक यात्रा का मन करता हैं, जुंबा पर बस उत्तराखंड का ही नाम आता हैं।
इसका एक कारण यह हैं कि मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ और उत्तराखंड पहले, अपने उत्तर प्रदेश का ही एक हिस्सा था।
जिसके चलते यहाँ के खान- पान और रहन- सहन के साथ ही भाषा की भी कोई बहुत ज्यादा समस्या नही होती हैं।
एक और कारण हैं उत्तराखंड से लगाव का कि अपनी सोलो यात्रा, जो कि एक छोटी यात्रा थी की शुरुआत उत्तराखंड के ही हरिद्वार से और ऋषिकेश से किया था।
खैर जो भी हो, आज भी मेरी पहली पसंद देवभूमि उत्तराखंड ही हैं। आज मेरी चर्चा नैनीताल हिल स्टेशन को ले कर हैं।
आप मेरे लेख को पूरा पढ़ियेगा, तभी आपको अच्छी से अच्छी और छोटी से छोटी जानकारी मिलेगी।
नैनीताल की वर्तमान स्थिति
भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित नैनीताल, कुमाऊँ मंडल में आने वाला एक जिला हैं, जिसका मुख्यालय भी स्वयं नैनीताल शहर हैं। यह उत्तराखंड का प्रमुख नगर और पर्यटकों का पसंदीदा हिल स्टेशन हैं।
नैनीताल में ही उत्तराखंड का हाइकोर्ट यानी उच्च न्यायालय स्थित हैं, परन्तु अब इसे हल्द्वानी शिफ्ट किया जा रहा हैं।
नैनीताल को तालों की नगरी कहते हैं
"नैनीताल" मुख्य रूप से दो शब्दों से मिल कर बना हैं, नैनी + ताल को जब अलग करेंगे, तो "नैनी" शब्द "नैना" से बना हैं, जिसका अर्थ नयन या आँख हैं। वही दूसरी तरफ "ताल" शब्द का अर्थ "झील" से हैं।
यदि दोनों शब्दों को मिला दिया जाये तो इसे "आँखों की झील" कहेंगे। आप को यह भी बताते चले कि नैनीताल के ठीक बीचों बीच में नैनी झील स्थित हैं, इसे नैना लेक या नैनी लेक भी कहते हैं।
इसी नैनी लेक से सटे हुये नैना देवी का मन्दिर हैं, जो माँ शक्ति के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक पीठ हैं, जहाँ पर देवी सती के शरीर का एक अंग आँख गिरा था।
नैनी लेक की आकृति भी एक आँख की तरह ही हैं।यहाँ झील में वर्ष भर पानी भरा रहता हैं और सैलानियों को नौका विहार कराने के लिए बोट (निर्धारित शुल्क के साथ) भी चलाई जाती हैं।
अगर आप को भारत में नौका विहार एडवेंचर का लुत्फ़ उठाना हो तो मेरे इस लेख "सेलिंग क्या हैं? और भारत में सेलिंग करने के प्रसिद्ध स्थान" का एक बार अवलोकन जरूर करे
नैनीताल, नैनी लेक या झील के सहारे दो प्रमुख भागों में बंटा हुआ हैं-
- तल्लीताल
- मल्लीताल
और इन दोनों स्थानों को जोड़ता हैं एक तरफ से मॉल रोड और एक तरफ से नैनी झील।
नैनीताल को घूमने का सही समय या मौसम
किसी भी जगह को अच्छे से घूमने के लिये सबसे जरूरी बात की कब? यानी किस मौसम में विजिट करने जाये। यदि आपको मौसम संबंधी कोई भी समस्या आ रही हो, तो मेरे इस लेख "भारत में घूमने का सही समय या मौसम क्या हैं?" को एक बार जरूर पढ़ें.
अब बात करलें की नैनीताल जाने के लिए सबसे सही समय अप्रैल से अक्टूबर महीना हैं। यहाँ आपको यह भी बता दे कि नैनीताल, सैलानी पूरे वर्ष भर आते हैं,
लेकिन मानसून और सर्दी का समय छोड़ दे, तो आपको कोई नैनीताल में कोई भी दिक्कत नही होने वाली हैं। गर्मी के समय नैनीताल का तापमान दिन में 27℃ से 28℃ तक जबकि रात में 12℃ से 15℃ तक हो जाता हैं।
अगर सर्दी के मौसम में तापमान की बात करें, तो दिन में जहाँ 10℃ से 12℃ तक तो वही रात्रि के समय 2℃ से -3℃ तक भी चला जाता हैं।
Note- यदि आप बर्फबारी का आनंद लेना चाहते हैं, तो दिसंबर से फरवरी के मध्य आइये आपकी ख्वाहिश जरूर पूरी हो जायेगी।
लेकिन एक बात का जरूर ध्यान दे कि नैनीताल में सर्दी के मौसम में जरूरी नही की रोज-रोज ही बर्फबारी हो। इस बात का विशेष ध्यान दीजियेगा।
नैनीताल का टूर प्लान और बजट
नैनीताल का टूर प्लान कभी भी बना सकते हैं, चाहे छोटी यात्रा हो या पिकनिक मनाने का मन करे या फिर बच्चों की छुट्टियां ही शुरू हो, तो नैनीताल उत्तर भारत में बेस्ट हिल स्टेशनों में से एक हैं।
नैनीताल को अच्छे से एक्सप्लोर करना हो या अच्छे से घूमना फिरना हो तो कम से कम 3 दिन और 2 रात (3 Days & 2 Nights) का प्लान बनाना होगा।
अगर बजट की बात करें तो 5000 से 7000 रुपया प्रतिव्यक्ति खर्च आयेगा, यदि एक लोग अच्छे से घूमे तो उसका खर्च हैं।
यह बजट मैंने उत्तर भारत के किसी भी स्थान से ट्रेन के स्लीपर कोच के टिकट को आधार मान कर या दिल्ली से साधारण बस किराया को आधार मान कर बनाया हैं।
नैनीताल कैसे पहुँचे?
नैनीताल पहुँचने के तीनों माध्यम ज़बरदस्त हैं, जिसे क्रम में जो सबसे अच्छा है को बताते चलूँगा लेकिन उससे पहले यह जान ले कि नैनीताल का अपना न तो कोई रेलवे स्टेशन हैं और न ही कोई एयरपोर्ट हैं।
ऐसे में सबसे बेहतर विकल्प या माध्यम नैनीताल पहुँचने का सड़क मार्ग हैं।
सड़क मार्ग
नैनीताल पहुँचना सड़क मार्ग से सबसे सरल हैं, भारत के सभी प्रमुख नगरों से नैनीताल पहुँचा जा सकता हैं।
उत्तर भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से बस सेवा (प्राइवेट और सरकारी परिवहन) उपलब्ध हैं। ये बसे या तो साधारण हैं या वातानुकूलित हैं।
आप टैक्सी बुक करके या अपने निजी वाहन से भी आराम से नैनीताल पहुँच सकते हैं।
रेल मार्ग
नैनीताल से मात्र 35 Km की दूरी पर स्थित काठगोदाम नामक रेलवे स्टेशन हैं, जो नैनीताल शहर से सबसे नज़दीकी का रेलवे स्टेशन हैं।
यहाँ पर भारत के प्रमुख नगरों से सीधे काठगोदाम के लिये ट्रेन सुविधा उपलब्ध हैं।
वायु मार्ग
नैनीताल से सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट (मात्र 70 Km पर) पंतनगर हवाई अड्डा हैं, जो उत्तराखंड के जिला उधमसिंह नगर में स्थित हैं।
पंतनगर एयरपोर्ट एक छोटा हवाई अड्डा हैं, जहाँ से सीधे उड़ान सभी प्रमुख नगरों से नही हैं लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट से सीधे पंतनगर एयरपोर्ट के उड़ान उपलब्ध हैं।
अधिकतर सैलानी या पर्यटकों के द्वारा दिल्ली से फ्लाइट से पंतनगर जाते हैं। यदि कोई सैलानी अपने शहर से पंतनगर हवाई अड्डा जाना चाहे भी तो उसे वाया दिल्ली हवाई अड्डा से जाना होगा, जिससे आपका टिकट पर बजट ज्यादा हो सकता हैं।
नैनीताल से प्रमुख नगरों के मध्य की दूरी
काठगोदाम से- 35 Km
रानीखेत से- 58 Km
अल्मोड़ा से- 65 Km
हरिद्वार से- 245 Km
ऋषिकेश से- 266 Km
चोपता से- 240 Km
हल्द्वानी से- 45 Km
सहारनपुर से- 297 Km
मुरादाबाद से- 115 Km
बरेली से- 143 Km
लखनऊ से- 395 Km
वाराणसी से- 710 Km
नैनीताल में ठहरने की उत्तम व्यवस्था
पूरे नैनीताल में रुकने की व्यवस्था अद्धभुत हैं। आपको अपने बजट के अनुसार यहाँ पर तल्लीताल और मल्लीताल दोनों क्षेत्रों में होटल, धर्मशाला, लॉज, होम-स्टे, मोटल इत्यादि की सुविधा मिल जायेगी।
Note-
- यदि नैनीताल ज्यादा दिन के लिए आ रहे हो तो पेइंग गेस्ट और होस्टल वाली सुविधा भी बेहतरीन ढंग से मिलेगी।
- नैनीताल के मॉल रोड पर बने हुए होटल आपके बजट से ऊपर या ज्यादा ऊपर में चले जायेंगे, तो हो सके ऐसे लोकेशन का किराया आपके सोच से कई गुना हो जाये।
नैनीताल में ऑनलाइन होटल की बुकिंग कर के आये तो ज्यादा बेहतर होगा।
नैनीताल में खाने-पीने की जगहें
नैनीताल में आप कही चले जाओ, आपको वेज, नॉन वेज, चाइनीज व्यंजन, साउथ इंडियन के साथ उत्तर भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं।
यहाँ आपको रेस्टोरेंट, ढाबा, मोटल इत्यादी में नाश्ता से लेकर डिनर तक कि भी व्यवस्था मिल जाएगी।
नैनीताल के मॉल रोड पर स्ट्रीट फूड की बहुत सारी दुकान हैं, आप अपने रुचि के अनुसार लज़ीज व्यंजनों को एन्जॉय कर सकते हैं।
नैनीताल में क्या खरीदारी करें?
नैनीताल को "सिटी ऑफ कैंडल" भी कहते हैं। यहाँ आपको विभिन्न प्रकार के रंगीन, सुगंधित और डिज़ाइन वाले मोमबत्ती या कैंडल की पूरे बाजार में भरमार हैं।
कई क्वालिटी और दाम में भी अलग- अलग ये मोमबत्तियां देखकर आप अनायास कह उठेंगे की यह नगर- "मोमबत्तियों का शहर" है।
आप नैनीताल से सुगंधित मोमबत्ती यानी कैंडल खरीद सकते हैं, हैंडीक्राफ्ट, सजावट के सामान,जेम & जेली, बाल मिठाई, बांस के बने समान और साड़ी तथा कपड़ा, ऊनी कपड़ा इत्यादि की भी खरीदारी कर सकते हैं।
इतना जरूर हैं कि हिल स्टेशन होने के चलते किसी भी सामान की कीमत ज्यादा हो सकती हैं, मोल भाव अपने स्तर पर जरूर करियेगा।
नैनीताल में घूमने के लिए रेंट पर बाइक या स्कूटी की बुकिंग
नैनीताल में लोकल घूमने के लिए टैक्सी बुक कर सकते है और एक फैमिली आराम से सभी जगहों को देख सकता हैं।
यदि आप अकेले हैं या दो व्यक्ति हैं, तो आप बाइक या स्कूटी को प्रतिदिन के हिसाब से रेंट पर ले सकते हैं। स्कूटी या बाइक का किराया 500 रुपये से लेकर 800 रुपये तक में आसानी से मिल सकता हैं।
रेंट पर लेने के लिए आपको ड्राइविंग लाइसेंस और एक आई डी अपने पास रखना होगा। रेंट पर बाइक पूरे मॉल रोड और नैनीताल में कही भी आसानी से मिल जायेगी।
नैनीताल में घूमने की प्रसिद्ध जगहें
वैसे तो नैनीताल में तथा उसके आसपास घूमने के कई जगह हैं, लेकिन पर्यटकों के नज़र में कुछ प्रमुख स्थान घूमने लायक हैं और प्रसिद्ध भी जिसका वर्णन मैं कर रहा हूँ-
नैना देवी मंदिर
नैनी झील से लगे हुये इस मंदिर नैना देवी टेम्पल को शक्तिपीठों में से एक माना गया हैं। यही पर शिव जी की पत्नी माता सती का आँख गिरा था।
यहाँ नवरात्रि के दिनों में खूब भीड़ होती हैं। मन्दिर से सटे हुये बगल में एक गुरुद्वारा भी स्थित हैं, जहाँ लंगर की व्यवस्था तो प्रतिदिन देखने को नही मिलेगा, परंतु प्रसाद आपको ग्रहण करने दिया गुरुद्वारा की तरफ से दिया जाता हैं।
राजभवन
ब्रिटिश काल में बना यह इमारत नैनीताल की सबसे खूबसूरत इमारतों में से प्रथम तथा एक नम्बर पर हैं।
नैना देवी मन्दिर से सटे हुये ऊपर जाने वाली रोड पर लगभग 2 Km की दूरी तय करते हुये या आप हाईकिंग करते हुये जल्दी ही पहुँच जायेंगे।
इस इमारत में गवर्नर जनरल आकर कुछ दिन गुज़ारते थे। आज यह एक प्रकार से म्यूज़ियम की तरह प्रयोग में लाया जा है हैं।
यहाँ प्रवेश करने के लिए टिकट लेना पड़ता हैं। आप नैनीताल जाये तो यहाँ जरूर जाये अच्छा लगेगा।
नैनी झील
नैनीताल शहर के ठीक बीचों बीच में यह एक प्रमुख झील हैं, जहाँ पर आप नौका विहार का मजेदार और एडवेंचर से भरा लुत्फ़ उठा सकते हैं।
प्रशासन के तरफ से नौका विहार का शुल्क निर्धारित हैं। आप इसमें कुछ समय गुज़ार सकते हैं। इसी के बगल में मॉल रोड हैं, जबकि दूसरी तरफ नैना देवी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं।
स्नो व्यू प्वाइंट
मल्लीताल से रोप- वे के माध्यम से या नैनीताल के किसी भी जगहों से सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता हैं। यहाँ चोटी से हिमालय का बेहतरीन दर्शन होता हैं।
यहाँ पर हिन्दू धर्म को समर्पित एक छोटा सा किंतु प्रसिद्ध मन्दिर हैं। सूर्योदय से सूर्यास्त को अपलक निहारना भी अपने आप मे अद्धभुत है।
एक बात का ध्यान रखना होगा कि शनिवार को बंद रहता है जबकि बाकी दिनों में खुला रहता हैं।
जी.बी. पंत चिड़ियाघर
नैनीताल के मॉल रोड से ऊपर लगभग 2 Km की दूरी पर जाते हैं गोविंद बल्लभ पंत चिड़ियाघर मिलेगा। यह बहुत ऊंचे स्थान पर बने चिड़ियाघर में से एक हैं।
यह उन जंगली जानवरों तथा चिड़ियाओं का घर हैं, जो पर्वतीय इलाकों में रहना पसंद करते हैं।
यह ज़ू (ZOO) प्रत्येक सोमवार को बंद रहता हैं। जबकि बाकी दिनों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता हैं।
इस ज़ू में प्रवेश शुल्क निर्धारित हैं, बच्चों तथा स्कूली छात्रों को टिकट में छूट प्रदान किया गया हैं। यहाँ आपको तीतर, बाघ, हिम तेंदुआ के लिए ज्यादा प्रसिद्ध हैं।
सेंट जॉन चर्च
नैनी झील से सटे ऊपर जाने वाली रोड पर हाई कोर्ट के पास ही 1844 में बना ब्रिटिश शासन का ही बहुत पुराना चर्च हैं।
आप यहाँ पर जा कर अंदर और बाहर घूम सकते हैं और दर्शन भी कर सकते हैं। रविवार को भीड़ रहता हैं।
जिम कार्बेट नेशनल पार्क
भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान (हेली नेशनल पार्क) की स्थापना 1936 में रामनगर जिला नैनीताल में किया गया था।
यह नैनीताल से लगभग 65 से 67 Km की दूरी पर स्थित हैं। आप इस राष्ट्रीय उद्यान में 400 से भी अधिक दुर्लभ प्रजाति के पेड़- पौधे तथा हज़ारों पक्षियों और जंगली जानवरों जैसे- बाघ, हाथी, हिरण, जंगली सुअर, मोर, लोमड़ी इत्यादि को देख सकते हैं।
मॉल रोड
आप खरीदारी के शौकीन हैं, तो सही जगह आ चुके हैं। नैनीताल के दोनों प्रमुख स्थानों क्रमशः तल्लीताल और मल्लीताल को जोड़ते हुये लगभग 1.5 Km से 2 Km का एक पथ हैं।
इस रास्ते पर सुबह 8 बजे से लेकर के रात्रि 10 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित होता है तथा शाम को 4 से 5 बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक कुछ चार पहिया वाहनों को भी जाने से रोक दिया जाता हैं।
इस रास्ते के एक तरफ होटल, रेस्टोरेंट तथा शॉपिंग करने के लिए दुकानें बनी हुई हैं जबकि एक तरफ से नैनी झील हैं।
आप पैदल चलते हुये इस रास्ते को पार करते हुये घूमने का आंनद ले सकते हैं।
भीमताल
यह नैनीताल से लगभग 20 से 22 Km की दूरी पर स्थित एक सुंदर और प्रसिद्ध ताल- भीमताल हैं। यहाँ पर ताल में बोटिंग के द्वारा बीच में स्थित एक छोटे से द्वीप पर जाया जा सकता हैं।
सेल्फी लेने वाले दीवानों के लिये सीनरी की कोई कमी नही है। भीमताल में आप पैराग्लाइडिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
रानीखेत
नैनीताल से मात्र 60 Km की दूरी पर स्थित अल्मोड़ा जिले में आने वाला एक खूबसूरत हिल स्टेशन हैं।
यहाँ पर मनोकामना पूर्ति मनकामेश्वर मन्दिर और झूला देवी मंदिर प्रसिद्ध हैं। रानीखेत में दूर- दूर तक फैले हुए घास के मैदान थोड़ा बहुत चोपता की याद दिलाते हैं।
रानीखेत में छावनी यानी सेना का कैंटोमेंट जोन हैं, इसके बावजूद भी आप को या किसी भी सैलानियों को घूमने में कोई दिक्कत नही होगी।
इको केव गार्डेन
नैनीताल से मात्र 4 Km की दूरी पर स्थित यह 6 गुफाओं का एक समूह हैं, अतः इसे गुफा उद्यान भी कहते हैं।
यहाँ पर प्रवेश के लिए शुल्क निर्धारित हैं तथा प्रतिदिन यह उद्यान सुबह 9:30 से बजे से 5:30 बजे तक खोला जाता हैं।
सभी 6 गुफाओं का नाम जंगली जानवरों के नाम पर जैसे कि बाघ, शेर, लोमड़ी इत्यादि रखा गया हैं। लाइट और म्यूजिक का अनूठा संगम बना कर इसे प्राकृतिक रूप प्रदान किया गया हैं।
बच्चों को यह खासा पसंद आने वाले स्थानों में से एक हैं।
नैना चोटी
नैनीताल से 10 से 12 Km की दूरी पर स्थित नैना पीक हैं। यह जगह उनके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, जो एडवेंचर के दीवाने होते हैं क्योंकि-
वे ट्रैकिंग करके लगभग 6 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई वाली दूरी को तय करके इस चोटी पर पहुँचते हैं।
यह चोटी नैनीताल की सबसे उच्च बिंदु पर स्थित चोटी हैं। यहाँ से नंदा देवी पर्वत को देखा जा सकता हैं।
तो वही दूसरी तरफ से पूरा नैनीताल शहर, नैनी झील के साथ दिखाई देता हैं। ट्रैकिंग करते समय पूरे रास्ते भर देवदार और ओक के पेड़ नज़र आते हैं।
टिफिन टॉप
यह नैनीताल शहर से 4 Km और तल्लीताल बस स्टैंड से मात्र 6 Km की दूरी पर स्थित एक पहाड़ी हैं, जहाँ पर खच्चर की सहायता से या ट्रैकिंग करके पहुँचा जा सकता हैं।
यहाँ टॉप पर पहुँच कर फोटोग्राफी और सेल्फी ले सकते हैं। टिफिन टॉप से पूरे नैनीताल का नज़ारा देखने लायक बनता हैं।
खुरपा ताल
इसे खुर्पाताल भी कहते हैं, जो आकृति में गाय या भैंस के खुर की तरह हैं। यह ताल नैनीताल से मात्र 10 से 12 Km की दूरी पर स्थित एक रहस्यमयी ताल हैं।
इस ताल के चारों तरफ हरियाली यानी चीड़ और देवदार के लम्बे- लम्बे पेड़ दिखाई देंगे और यह ताल पहाड़ी से घिरा हुआ हैं।
इस ताल के जल का रंग दिन भर में बदलता रहता हैं, अर्थात कभी लाल तो कभी हरा और कभी नीला रंग का दिखने लगता हैं इसीलिए इसे रहस्यमयी झील भी कहते हैं।
कैंची धाम
कैंची धाम को "बाबा नीम करोली आश्रम" के नाम से भी जानते हैं। कहते हैं कि सच्चे मन से यहाँ आश्रम में स्थित श्री हनुमान जी के मन्दिर में दर्शन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती हैं।
प्रत्येक वर्ष 15 जून को यहाँ बड़े स्तर पर मेला और भण्डारे का आयोजन किया जाता हैं। बहुत दूर- दूर से लोग इस मेले में शामिल होने आते हैं।
कैंची धाम की दूरी नैनीताल से मात्र 16 से 20 Km की हैं, जो सड़क मार्ग से बहुत अच्छे से जुड़ा हुआ हैं। यहाँ पर आप टैक्सी बुक करके या शेयर टैक्सी से आ सकते हैं।
नैनीताल में किया जाने वाला एडवेंचर स्पोर्ट्स
नैनीताल में आप कुछ जगहों पर कैंपिंग, पैराग्लाइडिंग (नैनीताल से 25 Km की दूरी पर स्थित नौकुचियाताल के पास), नौका विहार (भीमताल, खुर्पाताल, सातताल, नौकुचियाताल और नैना लेक में) के साथ ही साथ ट्रैकिंग और हाईकिंग का भी मज़ा ले सकते हैं।
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