दोस्तों आज मैं पुनः आप सभी के मध्य एक विशेष स्थान पर जानकारी ले कर उपस्थित हो गया हूँ। मेरा लेख आपको यहाँ जाने के लिये मजबूर ही नही कर देगा वरन अच्छी-अच्छी बातों को जानने का भी मौका मिलेगा।
मुझे यह भी पता हैं कि आप हमारे लेख का बहुत ही बेसब्री से इंतज़ार करते हैं क्योंकि-
tripghumo.com के माध्यम से मैं हमेशा से आप सभी को नये स्थानों की सैर कराता हूँ, ऐतिहासिक जानकारी देता हूँ और कम खर्च में ट्रिप प्लान करने के साथ-साथ अपने बजट को मैनेज कर के आपको ट्रिप का पूरा एन्जॉय कराता हूँ।
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और तो और यदि आप अपने दोस्तों या फिर फैमिली के साथ हैं, तो यात्रा शुरू करने के साथ-साथ जब तक आपकी ट्रिप खत्म ना हो जाये तब तक आपका गाइड बन कर आप सभी को पूरी जानकारी से अवगत कराता हूं, तो इसी क्रम में-
आज हम आपको दक्षिण भारत में तेलंगाना राज्य में स्थित " गोलकुण्डा की खान " की सैर कराने ले चल रहा हूँ, और " गोलकुंडा के किले " पर भी चर्चा करूँगा तो चलिये आज मेरे साथ तेलंगाना की सैर पर।
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद हैं और "हैदराबाद" को "निज़ामों की नगरी" भी कहते है।
हैदराबाद से मात्र 10 KM की दूरी पर स्थित हैं ऐतिहासिक किला जिसे कहते हैं- गोलकुंडा का किला और इसी किले के परिसर में हैं- गोलकुण्डा की खान, जहाँ से विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा निकला था।
कोहिनूर हीरे का वर्तमान स्वरूप-
वर्तमान में इस हीरा के दो टुकड़े हैं, जिसमें से एक टुकड़ा ब्रिटेन की महारानी के ताज (क्राउन) में जड़ा हुआ हैं तो दूसरा टुकड़ा ब्रिटेन के ही संग्रहालय में प्रदर्शनी के लिये रखा हुआ हैं।
आप को हमारी एक बहुत ही अच्छी राय हैं कि- या तो आप हैदराबाद घूमने का प्लान बनाये क्योंकि हैदराबाद में घूमने के बहुत ही स्थान हैं और इसी ट्रिप में एक दिन आप गोलकुंडा के लिए निकाले तो एक पंथ दो काज हो जायेगा।
या फिर डायरेक्ट ही गोलकुंडा घूमने का प्लान बना ले, परन्तु यहाँ एक बात जरूर ध्यान दे कि केवल गोलकुंडा भी घूमने का ट्रिप करेंगे तो भी आपको हैदराबाद आना ही पड़ेगा फिर क्यों न जब छुट्टी एन्जॉय करने आ ही रहे हैं तो सभी को टच कर लें।
गोलकुण्डा किले का इतिहास
यह ग्रेनाइट की पहाड़ी पर बना हुआ किला हैं, जो एक तरफ मुसी या मूसा नदी का प्रवाह हैं तो दूसरी तरफ स्थल भाग से इस किले में प्रवेश करने के कुल 8 प्रवेश द्वार है।
वर्तमान में यह किला भारत की पहचान हैं अर्थात स्मारक के रूप में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हो गया हैं। वैसे इसका स्वरूप अब जीर्ण हो चुका है, परन्तु घूमने के लिये अच्छी जगहों में शुमार है।
इसका निर्माण 14वीं शताब्दी में वारंगल के राजा ने करवाया था, जो आगे चल कर 1550 ई0 के बाद कुतुबशाही वंश के निज़ामो की राजधानी हो गईं। इसका प्रमाण किले के परिसर में ही उनके शाही निज़ामों की बने कब्रो से पता चलता है।
आपको हम यह भी बता दे कि पूरा हैदराबाद शहर भी कुतुबशाही परम्परा के अंतर्गत ही बसाया गया था।
आगे चल कर जब औरंगजेब ने दक्षिण भारत अभियान के तहत अहमदनगर और बीजापुर को जीत तो इसकी भव्यता के कारण इस किले को जीतने के लिये भी आक्रमण कर दिया।
लगभग 1687 या 1688 ई0 में जीत कर कुतुबशाही वंश पर अपने मुग़ल सम्राज्य का झंडा लहरा दिया। आज भी इस किले में कुतुबशाही वंश की तथ्य सबसे ज्यादा देखने को मिल जायेगा।
इसी परिसर में विश्व प्रसिद्ध हीरे की खान भी स्थित है, जहाँ से दुनिया का कीमती, मशहूर, प्रसिद्ध हीरा जिसका नाम कोहिनूर हीरा हैं प्राप्त किया गया था।
एक नज़र- कोहिनूर हीरा पर
विश्व प्रसिद्ध और एशिया का एक मात्र हीरे की खान में शुमार होने वाले गोलकुण्डा की हीरे की खान एक समय सभी राजाओं और निज़ामो की विरासत हुआ करती थीं।
अगर ये कहे कि गोलकुण्डा पर कोई भी आक्रमण यहाँ की खान और उससे निकलने वाली बेशकीमती हीरो और रत्नों के कारण हुआ करती थी, तो बिल्कुल भी गलत नही होगा।
कोहिनूर हीरा को निम्नलिखित नामों से भी जाना जाता है
- कूह-ए-नूर Koh-i-Noor (फ़ारसी में)
- रोशनी का पर्वत
- Mountain Of Light
जब ये गोलकुण्डा की खान से निकल गया तो उस समय का सबसे बड़ा जानकारी में हीरा था।
कोहिनूर हीरा जो 105 कैरट अर्थात लगभग 22 ग्राम का था और इसकी कीमत वर्तमान में 150 से 155 हजार करोड़ रुपये मानी जाती हैं।
आज वर्तमान में यह हीरा ब्रिटेन के शाही राजपरिवार में हैं अर्थात आधा हीरा महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के मुकुट पर लगा हुआ हैं जबकि आधा भाग ब्रिटेन के म्यूजियम में रखा हुआ हैं।
ऐसा नही है कि केवल गोलकुण्डा की खान से कोहिनूर हीरा ही निकला हो। आगे और भी बेशकीमती हीरे निकाले गए हैं, जिसका नाम हैं-
- आगरा डायमंड
- ओरलोव
- ग्रेट मुग़ल
- अहमदाबाद डायमंड, इत्यादि।
कैसे पहुँचे?
गोलकुण्डा किला और खान पर पहुँचने के लिए आपको पहले हैदराबाद पहुँचना होगा। हैदराबाद पूरे भारत से सड़क मार्ग, रेल मार्ग से सीधे जुड़ा हुआ हैं।
अगर एयरपोर्ट की बात करें तो हैदराबाद में इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं, जो देश-विदेश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ हैं।
जब आप हैदराबाद पहुँच जाएंगे तो किला जाने के लिये आप को टैक्सी, टैम्पों, बस, या शेयर टैक्सी से आप अपने गंतव्य स्थान पर पहुँच कर घूम सकते हैं।
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