आज सभी का ध्यान प्रयागराज उत्तर प्रदेश पर आकर्षित हैं जिसका कारण हैं 2025 में प्रयागराज की पवित्र धरती पर लगने वाले 12 वर्ष वाले पूर्ण कुंभ यानी महाकुंभ से हैं।
जी हाँ, आजकल पूरे विश्व की निगाहें टिकी हुईं हैं इस विशाल मेले को एक नज़र देखने के लिये। देश ही नही बल्कि विश्व के कोने- कोने से पर्यटकों का, श्रद्धालुओं का और साधु संतों का जमावड़ा लगने वाला हैं इस महाकुंभ में।
महाकुंभ 2025 का आयोजन इस बार तंबुओं की नगरी तथा त्रिवेणी संगम पर अर्थात प्रयागराज में होने जा रहा हैं।
वैसे तो प्रयागराज यमुना नदी के साथ ही गंगा नदी के तट पर बसा एक पवित्र और धार्मिक स्थल हैं जिसका उल्लेख समुंद्र मंथन से लेकर सनातनी ग्रन्थों में मिलता हैं।
भारत में कुंभ लगने के कुल 4 धार्मिक स्थल हैं
- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में त्रिवेणी संगम के तट यानी गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी पर।
- उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर।
- मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर।
- महाराष्ट्र के नासिक(नाशिक) में गोदावरी नदी के तट पर।
इन सभी स्थलों में प्रयागराज का महत्व इसलिए ज्यादा हैं कि यहाँ पर कुंभ का आयोजन तीन नदियों (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती) के संगम पर होता हैं।
यदि कुंभ के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं और इसके इतिहास के बारे में जानना चाहते हो तो मेरे साइट tripghumo.com का अवलोकन करें और मेरे लेख- "कुम्भ मेला- भारत की धार्मिक पहचान" को एक बार जरूर पढ़ें।
2025 में महाकुंभ के आयोजन को सफल बनाने के लिए पूरे प्रयागराज को दुल्हन की भांति सजा दिया गया हैं बस आपके एक बार जाने की देरी हैं इस भव्य आयोजन का झलक पाने के लिए।
कुंभ मेला की भव्यता को देखते हुए तथा विश्व का सबसे बड़ा मेला घोषित किया गया हैं और तो और यूनेस्को ने इस मेला को 2017 में ही मान्यता दिया हैं- "मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत"
महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी, 2025 से हो रहा हैं जो 26 फरवरी, 2025 को समाप्त हो रहा हैं यानी 45 दिनों तक चलने वाला हैं यह विश्व प्रसिद्ध महाकुंभ और अबकी बार तो इस मेले को देख कर आप खुद कह उठेंगे कि- "भव्य कुंभ, महाकुंभ"
महाकुंभ 2025 प्रयागराज के शाही स्नान की तिथियां
आप जब भी महाकुंभ का स्नान करेंगे तो आप पुण्य के भागीदार बनेंगे, परन्तु जिस- जिस तिथियों का उल्लेख किया गया हैं हमारे शास्त्र, ग्रंथो, पुराणों तथा संस्कृतियों में तो उस दिन स्नान और दान का अपना अलग ही महत्व हैं।
आज मैं 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ प्रयागराज के शाही स्नान की उन तिथियों का उल्लेख करने जा रहा हूँ जिस दिन आप पुण्य के ज्यादा भागीदार बनेंगे-
- पहला शाही स्नान- 13 जनवरी, 2025 पौष पूर्णिमा का नहान।
- दूसरा शाही स्नान- 14 जनवरी, 2025 मकर संक्रांति या खिचड़ी का नहान।
- तीसरा शाही स्नान- 29 जनवरी, 2025 मौनी अमावस्या का विशेष नहान।
- चौथा शाही स्नान- 2 फरवरी, 2025 बसंत पंचमी का प्रसिद्ध नहान।
- पांचवा शाही स्नान- 12 फरवरी, 2025 माघ पूर्णिमा का नहान।
- छठवां शाही स्नान- 26 फरवरी, 2025 महाशिवरात्रि का पावन नहान।
शाही स्नान क्या हैं?
शाही स्नान का अर्थ बस ये हैं कि साधु संतों को स्नान कराना हैं जो सम्मान के साथ साधु और संतो को स्नान करने की एक व्यवस्था हैं क्योंकि साधु संतों के अखाड़े चलते हैं एक साथ स्नान करने के लिए और उनको अलग से स्नान ध्यान करने की व्यवस्था दी जाती हैं।
उनके लिये अलग से घाट बनाये जाते हैं और इन घाटों पर अन्य दूसरा कोई भी स्नान नही करता हैं। वे सभी लोग स्नान के दौरान जल क्रीड़ा का आनंद लेते हुये शाही स्नान करते हैं।
नोट- आप शाही स्नान की तिथियों पर या उसके अलावा किसी भी दिन जब तक महाकुंभ लगा हो तब तक आप प्रत्येक दिन या किसी भी दिन जाकर स्नान करके मेले को घूम सकते हैं।
यदि आप भीड़ नही पसंद करते हैं तो मेरी यही राय रहेगी कि आप ऊपर में वर्णित शाही स्नान की तिथियों को अनदेखा करें क्योंकि इन तिथियों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ आपके उम्मीद से बहुत अधिक रहेगी जिससे आप महाकुंभ मेले को अच्छे से और मजे से नही घूम पायेंगे।
बाकी आप कभी भी जाइये अपने सुविधा के अनुसार तिथियों का चयन करके मेले का आनंद उठा सकते हैं।
महाकुंभ में रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था
मेले में टेंट लगे हुए हैं और आपके बजट के अनुरूप इसकी व्यवस्था की गयी हैं, ये टेंट या कॉटेज सभी सुख सुविधाओं से पूर्ण हैं बस आप अपने बजट के हिसाब से उनकी बुकिंग कर सकते हैं।
इसके अलावा आप प्रयागराज में धर्मशाला, होटल, लॉज, डोरमेट्री, होम-स्टे, होस्टल तथा पेइंग गेस्ट के रूप में अपने बजट के अनुसार रुक सकते हैं, जिसकी बुकिंग या तो ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन कर सकते हैं।
पूरे मेले में लंच, डिनर और ब्रेकफ़ास्ट यानी नाश्ता के लिए भोजनालय, रेस्टोरेंट, ढाबा बने हैं। आप यदि निःशुल्क भोजन करना चाहते हैं तो कई लंगर की भी व्यवस्था रहती हैं।
इसके अलावा जगह जगह पर स्ट्रीट फूड भी आपके लिए खाने- पीने का एक सस्ता और अच्छा विकल्प हो सकता हैं।
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