"अतिथि देवो भव" जैसे कांसेप्ट पर चलने वाले हमारे देश भारत में पेइंग गेस्ट (Paying Guest) का चलन बड़े-बड़े शहरों में ही था, परन्तु विगत कुछ वर्षों से पेइंग गेस्ट चलन कस्बों से लेकर गांव तक हो गया हैं।
जब भी हम किसी नये शहर में कुछ दिनों के लिए रहने जाते हैं, चाहे वह रहना दो से चार दिन या एक से दो सप्ताह या फिर कुछ महीने का हो, हम अपने पसंद का रुकने के लिए ठिकाना अपने बजट के अनुरूप चुनते हैं।
रुकने के लिये होटल, धर्मशाला, लॉज, होम स्टे जैसे विकल्प का चयन करते हैं। अब बात करले कि रुकने के साथ ही खाने-पीने की सुविधाओं के लिए रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा, लाइन होटल के साथ ही लंगर की तलाश करते हैं।
यदि बात दो या चार दिन की ही केवल हो तो किसी भी होटल में रुकना और किसी भी रेस्टोरेंट में लंच या डिनर करने से हो जाये, परंतु जब कभी ज्यादा दिनों या महीने या फिर वर्षो की बात हो, तो होटल और रेस्टोरेंट महंगे बहुत महंगे पड़ेंगे।
Paying Guest क्या होता है?
जब ज्यादा दिनों या महीनों या फिर कुछ वर्षों की बात हो रुकने और खाने के लिए, तो यदि कोई कमरा किराये पर लेते हैं तब उसमें रहने के लिए बिस्तर से लेकर किचन तक कि व्यवस्था करनी होती हैं, जो बेहद खर्चीला और उबाऊ हो जाता हैं।
जब भी किसी अंजान या दूसरे शहरों में घूमने-फिरने, किसी खोज या रिसर्च, किसी कोर्स में प्रवेश और अन्य किसी भी काम के लिये रुकने या खाने की बात आती हैं, तब एक ऐसी व्यवस्था का ख्याल मन में आता हैं कि केवल पैसा देना रहे वह भी कम से कम और रहने के लिए घर जैसा माहौल और खाने के लिए घर जैसा खाना मिले, इसी व्यवस्था को Paying Guest कहते हैं।
"PG" या पेइंग गेस्ट का ख्याल आता हैं कि काश कोई अच्छा सा PG मिल जाये तो बात बन जाये।
शहरों में कई जगह पेइंग गेस्ट यानी PG के लिए बोर्ड लगे रहते हैं या PG हॉस्टल की सुविधा देखने को मिल जायेगी।
Paying guest में आपको अपने घर से केवल अपना कपड़ा और जरूरी व्यक्तिगत समान ही ले जाना हैं नाकि बिस्तर, खाद्य सामग्री, किचन के समान, बर्तन या और कुछ भी गृहस्थी की वस्तुएं।
भारत में पेइंग गेस्ट का इतिहास
वैसे भले ही पेइंग गेस्ट का कल्चर विदेशी हो, लेकिन भारत में भी इसकी व्यवस्था या कॉन्सेप्ट प्राचीन समय से ही चलता आ रहा हैं।
हम भारतीयों के लिए पेइंग गेस्ट की व्यवस्था कोई नया नहीं है। पुराने जमाने में जब किसी काम से लोग घर से बाहर किसी दूसरे शहर को कुछ दिन या माह या वर्ष के लिए जाते थे।
अपने साथ राशन और अन्य खाद्य सामग्री को भी साथ ले कर चलते थे और अंजान शहर में किसी को देकर खाद्य सामग्री उसके बदले में उसी के घर पर रुक कर खाना खाते थे और रुकते थे और जब वापस जाते थे तो जितना दिन रहे हैं उसके लिए खाद्य सामग्री के साथ कुछ रुपये- पैसे से मदद कर देते थे।
यही व्यवस्था एक लड़की का पिता या भाई उस लड़की के ससुराल में जा कर जब भी रुकते थे। तब लड़की के यहाँ का कुछ नही खाते थे और नाही पानी पीते थे।
यदि खाते थे या रुकते थे तो उसके बदले लड़की को रुपये से मदद कर देते थे या लड़की-दामाद को जाने के अन्तिम समय में कुछ दे कर जाते थे, जो रुकने और खाने की कीमत होती थी।
Paying Guest का शाब्दिक अर्थ
Paying Guest को शार्ट कट में "PG" या "पीजी" कहा जाता हैं, जो दो शब्दों से मिलकर बना हैं, पहला P जिसका का पूरा अर्थ Paying यानी सशुल्क या किराया होता है। दूसरी ओर G का पूरा अर्थ Guest यानी अतिथि या मेहमान से हैं।
अर्थात जब दोनों को मिला दिया जाये तो Paying Guest का शाब्दिक अर्थ होगा- "सशुल्क अतिथि या किराये पर मेहमान".
जब कोई व्यक्ति किसी घर में और पार्टिकुलर घर के माहौल जैसा रहने के साथ ही साथ घर जैसा खाना खाये तो ऐसी व्यवस्था को ही पेइंग गेस्ट कहा जाता हैं। जिसमें रुकने, नाश्ते, भोजन इत्यादि जैसी तथा अन्य कोई भी व्यवस्था लेता हो और इसके लिए निश्चित धनराशि चुकाता हो। ये सब पेइंग गेस्ट की सुविधा कहलाती हैं।
पेइंग गेस्ट में मिलने वाली सुविधाएं
Paying Guest को निम्नलिखित सुविधाएं मिल सकती है जैसे-
- कमरा वेल फर्निशिंग और सिंगल या डबल बेड का मिलता हैं।
- न्यूज़ पेपर और फ़िल्टर पानी की सुविधा होती हैं।
- जीरो कट पावर सप्लाई यानी लाइट की 24 घण्टे व्यवस्था और बिजली न रहने पर जेनरेटर की सुविधा।
- चाय, नाश्ता, लंच, डिनर की अच्छी व्यवस्था होती हैं।
- हफ़्ते का मीनू बदल- बदल कर मिलता रहता हैं और साथ मे वेज तथा नॉन- वेज की भी सुविधा मिलती हैं।
- Paying Guest में सिक्युरिटी की अच्छी व्यवस्था होती हैं ताकि आप सेफ लाइफ जी सके।
- बिना रोक टोक के आना- जाना कर सकते हैं परंतु कुछ PG हॉस्टल में लेट नाईट का रूल नही होता हैं।
- जब तक रहेंगे महीने का निर्धारित शुल्क या किराया निश्चित समय पर जमा करना होता हैं और यह जमा एडवांस चलता हैं।
- कुछ PG में सिक्योरिटी मनी भी जमा करनी होती हैं, जो ज्यादा नही होता बल्कि आप के महीने के जमा के हिसाब से दो से तीन माह का एडवांस होता हैं, जो PG छोड़ते समय वापस मिल जाता हैं।
- Paying Guest की सबसे अच्छी सुविधा यह हैं कि आपको कुछ अलग से नही सोचना हैं और नही कुछ करना हैं। केवल रहना हैं, अपना काम करना है, क्योंकि सभी सुविधाओं के लिए उचित मूल्य चुकाया जा रहा होता हैं।
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