पर्यटन की दृष्टि से आज का लेख अतिमहत्वपूर्ण हैं क्योंकि आज मैं आपको यह बताऊँगा कि टूर ऑपरेटर और ट्रैवेल एजेंट में क्या सूक्ष्म अंतर हैं?
आज मैं सोलो यात्री आपको इन सभी तथ्यों से रूबरू कराऊँगा वह भी हिंदी में पूरी चर्चा, तो यदि आज का लेख आपको अच्छा लगे तो हमें कमेंट्स जरूर करियेगा।
पर्यटन के लिए अंतर करना जरूरी हैं
भारत में पर्यटन की असीमित सम्भावनायें हैं, क्योंकि आज के समय में सभी के जीवन में पर्यटन, घूमना- फिरना, अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिये छोटी यात्रा या बड़ा ट्रिप जरूर बनाते हैं।
जब भी वीकेंड प्लान करना हो या ट्रिप प्लान करना हो तो हम यह नही सोच पाते कि इस को मैनेज कैसे करें? ताकि कम से कम बजट में ज्यादा से ज्यादा घूमना हो जाये।
इसके लिए हम विभिन्न लोगो की राय लेते हैं, कुछ लोगो से यह भी पूछ लेते हैं कि हिल स्टेशन घूमना ठीक रहेगा कि किसी साधारण से पहाड़ी इलाकों में जाना ठीक रहेगा।
सबसे कमाल की बात कि हमें उत्तर भी मिलने लगेगा यह ख़ास बात हैं हमारे देश भारत में कि पूछेगें एक सवाल तो जवाब कई सारे मिलेंगे।
हमारे पास घूमने के दृष्टिकोण से कुछ समस्याएं तो तुरन्त प्रकट हो जाती हैं, जैसे कि-
- छुट्टी बिताने कहाँ जाये?
- ट्रिप का बजट क्या होगा?
- कम समय में ज्यादा से ज्यादा कैसे घूमे?
- नये जगह में जाने पर कहाँ रुके?
- कितने दिन का ट्रिप प्लान करें?
- क्या खायेंगे या नाश्ता, लंच और डिनर?
- जाने और आने के लिए साधन क्या होगा?
- किस मौसम में घूमना बेहतर होगा?
- घूमने के साइट सीन क्या हो सकते हैं?
- निजी साधन, बस, ट्रेन या फ्लाइट की टिकट सम्बन्धी बुकिंग?
- रुकने के लिए धर्मशाला, होटल, लॉज की बुकिंग कैसे करें?
- कुछ भी खाने के लिए रेस्टोरेंट, ढाबा या लंगर क्या मिलेगा?
इन सभी बातों के अलावा भी अन्य जरूरी जानकारियां होती हैं।
- किस जगह पर जाना सुरक्षित (सेफ) हैं? या
- फैमिली ट्रिप यानी परिवार के साथ कहाँ का ट्रिप प्लान किया जाये।
ये सभी बातों की एक बात कि एक समाधान यह होगा कि किसी टूर ऑपरेटर और ट्रैवेल एजेंट का सहारा ले और सभी समस्याओं का निदान कर ले। इसलिए पर्यटन में अंतर करना जरूरी हो जाता हैं। आपको यह बता दे कि पर्यटन उद्योग में इनका बहुत ज्यादा महत्व हैं।
पर्यटन उद्योग के दो महत्वपूर्ण स्तम्भ, पर्यटन की दृष्टि से हमे सबसे पहले इन दोनों स्तम्भो के अर्थ और कार्य को समझना होगा।
टूर ऑपरेटर (Tour Operator)
टूर ऑपरेटर आपके घूमने- फिरने लिए "टूर पैकेज" बनाता हैं। इस टूर पैकेज में घूमने का स्थान, टूर का समय, रुकने की व्यवस्था, खाने का मीनू जैसे टॉपिक पर फोकस करता हैं।
सैलानियों के बजट का ख्याल करके ऐसे ढेरों टूर पैकेज का निर्माण करता हैं, ताकि पर्यटक का बजट किसी भी लेवल का हो तब भी कोई व्यक्ति अपना घूमना फिरना कर सके और ट्रिप एन्जॉय कर पाये।
कुल मिलाकर ट्रिप प्लानर होता हैं एक टूर ऑपरेट जो छोटे से बड़े सभी समस्याओं को ध्यान में रख कर पैकेज को बनाता हैं।
Tour का अर्थ हैं- "यात्रा" या "सैर" या "भ्रमण" जबकि Operator का अर्थ हैं- "संचालन" या "निर्माण कर्ता" अर्थात 'जो यात्रा का संचालन करें' टूर ऑपरेट कहलाता हैं।
ट्रैवेल एजेंट (Travel Agent)
जब भी घूमने के लिए हम किसी टूर पैकेज का चुनाव करते हैं, तो इससे सम्बंधित सुविधाओं को लेने के लिए जिस व्यक्ति या व्यवस्था के पास जाते हैं, उसे ट्रैवेल एजेंट कहते हैं।
यह अपना कमीशन रख कर हमें पर्यटन की सारी सुविधाएं मुहैया कराता हैं।
Travel का अर्थ हैं- "सफ़र" या "घूमना" या "यात्रा करना" से हैं, जबकि-
Agent का अर्थ हैं- "अभिकर्ता" या "आढ़तिया" या "प्रतिनिधि"
अर्थात हम यह कह सकते हैं कि- ' जो घूमने या यात्रा करने की सारी सुविधाओं को उपलब्ध कराता हैं' ट्रैवेल एजेंट कहलाता हैं।
अब हम दोनों महत्वपूर्ण स्तम्भों को मिला कर एक सूक्ष्म दृष्टि डाले, तो यह कहेंगे कि-
जब हम अपना ट्रिप प्लान करके एक मैनेज टूर पैकेज किसी भी व्यक्ति या व्यवस्था से कोई निर्धारित शुल्क देकर लेते हैं, तो इन दोनों स्तम्भों से ही गुज़रते हैं।
जब भी घूमने का प्लान बनाये और घूमने वाले जगह के बारे में कुछ नही जानते हैं, तो बेहतर यही होगा कि आप किसी ट्रैवेल एजेंसी में जा कर किसी ट्रैवेल एजेंट से अपने ट्रिप के बारे में बताये तथा अपना बजट भी बता दे ताकि,
किसी भी टूर ऑपरेटर का टूर पैकेज आपके बजट, समय और घूमने वाले जगह से मैच कर जाये, तो उसी पैकेज को बुक कर ले।
अगर व्यवस्था अच्छे ढंग से हो जाये तो
सैर- सपाटा का मज़ा ही दिन दूना तो रात चौगुना हो जाता हैं।
कभी- कभी टूर ऑपरेटर और ट्रैवेल एजेंट मिल कर डिस्काउंट तथा आफर भी देते रहते हैं। उसे भी आप चाहे तो ले सकते हैं।
पर्यटन की दृष्टि से आप चाहे हिल स्टेशन जाये, पैराग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग या पैरासेलिंग करने जाये, धर्मिक स्थल घूमना चाहे, कैम्पिंग साइट करना चाहे या फिर एडवेंचर रिवर राफ्टिंग ही करना चाहते हो या फिर ट्रैकिंग करना चाहे या धार्मिक ट्रैकिंग ही पर जाना चाहते हो,
तो यदि आपको कुछ भी न पता हो तब उस समय यह पर्यटन उद्योग के दोनों स्तम्भ ही काम आते हैं।
सबसे बड़ी बात की जब भी आप सोलो यात्रा पर जाना चाहते हों तो यह सब जानकारी आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद होता हैं।
आशा करता हूँ कि आज की जानकारी का आप सभी पूरा लुत्फ़ उठाये होंगे। फिलहाल आज के लिए इतना ही, आगे किसी और जानकारी पर चर्चा किया जायेगा.
Madan
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Surya Prakash
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