पैरासेलिंग (Parasailing) का अन्य नाम "पैरासेंडिंग" भी हैं, हाँ ये बात अलग हैं कि आम जन मानस में सर्वाधिक उपलब्धि "पैरासेलिंग" नाम से मिलती हैं।
इस लेख से पहले मैंने पैराग्लाइडिंग कैसे किया जाता हैं? और हैंग ग्लाइडिंग किसे कहते है? पर पूरी तरह से हिंदी में चर्चा कर चुका हूँ।
आज के लेख में इस पर विस्तृत चर्चा किया जायेगा हिंदी में, मैं आपका सोलो ट्रैवलर सूर्य प्रकाश आपको पैरासेलिंग के बारे में पूरी जानकारी दूंगा वो भी हिंदी में, तो
मेरे साथ शुरु से अंत तक लेख में बने रहिये और जब भी मौका मिले तो इस खेल को जरूर करिये क्योंकि यह अद्धभुत मनोरंजन खेल, जो अधिकतर समुंद्रीय तटों (Sea Coastal Area) पर किया जाता हैं, का लुत्फ लेना अपने आप में अनोखा हैं।
क्या होता हैं पैरासेलिंग?
यह खेल एडवेंचर और उत्साह से भरपूर बेहद आनंदमयी होता हैं, जिसमें मनोरंजन के साथ ही शारीरिक कसरत होता हैं।
इस खेल में एक पैराशूट को जो रस्सी के सहारे नाव वाली वाहन (इलेक्ट्रिक बोट) से जोड़ कर खींचा जाता हैं,
इसे ही पैरासोल कहते हैं और इस प्रकार की गई एक्टिविटी को पैरासेंडिंग या पैरासेलिंग कहा जाता हैं।
जो भी पैरासेलिंग करता हैं, उसे नाव पैराशूट के सहारे उड़ाते हुए चलता हैं यही अद्धभुत क्षण हैं, जिसे आप सभी को मिस नही करना चाहिये।
कई देशों में जैसे कि यूरोपीय देशों में इसे प्रतियोगिता के रूप में भी खेला जाता हैं। कभी- कभी खींचने वाली नाव यदि मजबूत हैं या भारी हैं, तो एक से ज्यादा दो या तीन को भी एक साथ पैरासेलिंग कराया जा सकता हैं।
पैरासेलिंग का इतिहास
यह खेल 20 वीं शताब्दी के सत्तर से अस्सी दशक के मध्य शुरू किया गया था, जो धीरे- धीरे लोगो के बीच अतिलुभावन और महत्वपूर्ण खेलों में शामिल होता चला गया हैं।
वर्तमान में यह विकसित अवस्था में हो कर अत्यंत ही प्रसिद्ध खेल बन चुका हैं। हाँ इतना जरूर हैं कि कमजोर दिल वाले, बीमार लोग, बच्चे इस मनोरंजन खेल को न करें।
1960- 1962 के समय पहली बार फ्रांस में इसे ट्रैक्टर ट्रॉली से जोड़ कर स्थलीय भूमि पर खींचा गया था, तो उस समय पैरासेंडिंग या पैरासेलिंग जन्म हुआ और नये खेल के रूप में शामिल किया गया था।
वर्तमान समय में पैरासेलिंग करने वाले व्यक्ति छोटे पैराशूट के बजाय बड़े आकार वाले पैराशूट का प्रयोग करने लगे हैं।
भारत में पैरासेलिंग के प्रसिद्ध जगह
अगर अपने देश भारत की बात की जाये तो गोवा में कई ऐसे समुंद्री बीच हैं, जहाँ पैरासेलिंग किया जा सकता हैं परन्तु, मैं एक बात यह भी कहेंगे कि एन्जॉय, घूमना- फिरना या कोई एडवेंचर करना हो तो शुकुन के साथ करें,
नही तो भीड़ को छोड़ कर मस्ती के साथ समय बिताने आये हो और वहाँ भी वैसी ही भीड़ मिले तो छुट्टी का क्या फायदा होगा।
केरल में पैरासेलिंग
केरल अपने प्राकृतिक समुंद्रीय तट के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। यहाँ के कोवालम में बहुत सारी फन्नी एक्टिविटी होती रहती हैं।
अगर आप केरल नही गये और दूर- दूर तक नारियल के बाग और मसालों के खुशबू में न खो जाये तो फिर कहियेगा।
राजस्थान में पैरासेलिंग
राजस्थान की धरती पर केवल रेत ही रेत, जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ थार मरुस्थल का, जहाँ पर पैरासेलिंग के खेल आयोजित होते हैं, जिसका लुत्फ देशी पर्यटकों के साथ- साथ विदेशी पर्यटक भी उठाते हैं।
जैसलमेर तो स्पेशली पैरासेलिंग के लिये जाना जाता हैं।
लक्षद्वीप में पैरासेलिंग का आनन्द
अगर आप अपनी छुट्टियों को यादगार बनाना चाहते हैं, साफ सुथरा माहौल चाहते हैं, शान्ति की तलाश में कुछ दिन बिताना चाहते हैं, भीड़ से दूर रहना चाहते हैं तो लक्षद्वीप की यात्रा पर आइये।
पैरासेलिंग का असली मज़ा और अनुभव यही मिलेगा। यहाँ पर समुन्द्र तट एक दम शांत और पानी भी बिल्कुल साफ रहता हैं, जहाँ पर आप अपने मन मुताबिक सभी खेल और फन्नी एक्टिविटी कर सकते हैं।
यहाँ से वापस जब भी जायेंगे यकीन मानिये लक्षद्वीप आपके दिल में न बस जाए तो अपने सोलो ट्रैवलर का बात मानना छोड़ दीजियेगा।
आशा करता हूँ कि आज का लेख आपलोगो को पसंद आया होगा तो कब जा रहे हैं पैरासेलिंग करने, हमें कमेंट्स कर के जरूर बताइयेगा।
धन्यवाद!
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