स्काइडाइविंग एक अति रोमांचकारी और एडवेंचर से भरा साहसिक खेल हैं, जिसे आसान तथा सरल शब्दों में पैराशूटिंग के नाम से भी जाना जाता हैं।
भारत में पर्यटन और पर्यटन से जुड़ी सभी प्रकार की एक्टिविटी का अलग-अलग स्थानों पर बख़ूबी किया जाने लगा हैं। बस आपको करने की देरी हैं और उसका आंनद उठाने की देरी हैं।
हम सभी अधिकतर पैराशूट का नाम अपने दोस्तों या मीडिया के जरिये सुनते रहते हैं या टेलीविजन के माध्यम से पैराशूटिंग का खेल देखते रहते हैं।
तब हमारे मन में भी इस साहसिक खेल को करने की जिज्ञासा आने लगती हैं कि यह खेल कैसे किया जाता हैं? या भारत में यह कहाँ पर आयोजित होता हैं?।
आज का लेख पूरी तरह से पैराशूटिंग या स्काइडाइविंग पर आधारित हैं, तो चलिए आज का लेख इस अद्धभुत खेल के बारे में जानने को हैं।
आपका सोलो यात्री इस खेल का पूरा ABC आपके लिए लेकर आया हैं और यकीन मानिए की आज की जानकारी के बाद आप दिल से इस साहसिक खेल को कम से कम एक बार करने के लिए मचल उठेंगे।
वर्तमान में भारत में पैराशूटिंग की तरह ही अनेक रोमांचकारी खेल का आयोजन होना शुरू हो चुका हैं, जैसे कि-
पैराग्लाइडिंग कैसे किया जाता हैं या पैरासेलिंग क्या होती हैं।
वही दूसरी तरफ रिवर राफ्टिंग क्या हैं? तो भारत में कैंपिंग साइट कहाँ पर होती हैं?
सबसे ज्यादा भारत में ट्रैकिंग या धार्मिक ट्रैकिंग या फिर हाईकिंग खूब पसंद किया जा रहा हैं, तो उसी प्रकार से स्काइडाइविंग भी लोग खूब मज़े से करना शुरू कर दिए हैं।
स्काइडाइविंग क्या होता है?
Skydiving दो शब्दों से मिलकर बना हैं, जिसमें Sky का अर्थ आसमान और Diving का अर्थ छलांग लगाना या गोता लगाने से हैं, अर्थात सरल भाषा का प्रयोग किया जाये तो इसका शाब्दिक अर्थ यह होगा कि "आसमान में छलांग लगाना" या "आसमान से गोता लगाना" हैं।
यानी हवा में करतब करते हुए धरती पर वापस आना हैं। अब जाहिर हैं कि आसमान में या हवा में ऐसे तो पहुंचेंगे नही, तो उसके लिए हमें एक विमान की आवश्यकता होगी।
वही इसके दूसरे रूप में देखा जाये तो एक और सरल शब्द का प्रयोग करते हैं, जिसे आम बोलचाल की भाषा में पैराशूटिंग (Parachuting) कहते हैं, जो Parachute से बना हैं जिसका अर्थ- "हवाई छतरी" हैं अर्थात Parachuting का अभिप्राय हैं-
"पैराशूट या हवाई छतरी के द्वारा हवाई जहाज से नीचे गिरना या फिर नीचे उतरना हैं" अब यदि दोनों को परस्पर मिला दे, तो यह हमारे काम की विषयवस्तु बन जायेगी। मेरे कहने का तात्पर्य यह हैं कि-
स्काइडाइविंग या पैराशूटिंग दोनों एक ही प्रकार का साहसिक और जोखिम भरा खेल हैं, जिसमें धरती से कुछ ऊंचाई पर विमान की सहायता से जाकर पैराशूट की मदद से हवा में छलांग लगाकर या आसमान में गोताखोरी करते हुए धरती पर वापसी किया जाना हैं या सुरक्षित उतर जाने से हैं।
स्काई डाइविंग के लिए ट्रेनिंग जरूरी हैं
यह एक जोखिम भरा खेल हैं, तो जाहिर हैं कि ऐसी एक्टिविटी करने के थोड़ा अभ्यास की जरूरत पड़ेगी या हम सीधे शब्दों में कहे तो ट्रेनिंग लेना होता हैं।
वैसे भी एक बात हमेशा याद रखिये कि ट्रेनिंग तो अपने जगह जरूरी हैं लेकिन इस खेल को करने के लिए अपने में आत्मविश्वास का होना सबसे ज्यादा जरूरी पहलू हैं,
नही तो कमजोर दिल या डरने वालों के लिए यह खेल नही बना हैं क्योंकि विमान में सफर करना अलग बात हैं और हवाई जहाज से पैराशूट पहनकर कूदना अलग बात होती हैं।
जब भी आप किसी स्काइडाइविंग होने वाले जगह पर इस खेल को करने के लिए जायेंगे तो सबसे पहले इस गतिविधि को करने की आवश्यक ट्रेनिंग दी जायेगी।
ट्रेनिंग के नाम पर आपको घबराने की जरूरत नही हैं। यह ट्रेनिंग एक प्रकार का आपके द्वारा जो स्काइडाइविंग किया जायेगा उसका छोटा सा रिहर्सल जैसा होगा, जो ट्रेनर के द्वारा आपको दिया जायेगा।
यह ट्रेनिंग मात्र आधे घण्टे का या एक घण्टे का होगा। ट्रेनिंग के बाद आप बिलकुल तैयार हैं, इस रोमांचकारी एक्टिविटी को करने के लिए।
स्काइडाइविंग करने का उचित समय
स्काइडाइविंग करने के लिए सबसे अच्छा समय सितम्बर माह से अप्रैल माह के मध्य का हैं। अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो मानसून का समय निकाल दे और सर्दी के समय में होने वाले कोहरे को हटा दे तो आप पैराशूटिंग कभी भी कर सकते हैं।
एक बात और ध्यान देने योग्य हैं कि सूर्योदय के बाद जब मौसम साफ हो खिली धूप हो तो सूर्यास्त से पहले- पहले इस एक्टिविटी को पूरा करलें।
स्काइडाइविंग करने के लिए जरूरी हैं
इस गतिविधि को अच्छे से करने के लिए आपके पास निम्न प्रकार के चीजें होनी चाहिये-
- पैराशूट
- विमान या एयरक्राफ्ट
- हल्के और आरामदायक कपड़े
- सर्दी के मौसम के लिए हल्के जैकेट और जूते
- प्रशिक्षित ट्रेनर
पैराशूटिंग करने के समय ध्यान देने योग्य बातें
स्काइडाइविंग करने से पहले आपको हमेशा ध्यान देना होगा कि-
- खेल को करने का आत्मविश्वास।
- पैराशूटिंग कराने वाले कंपनी का प्रमाणपत्र।
- वेल क्विलिफ़ायड ट्रेनर।
- खेल को करने सम्बन्धी सभी समस्या का निदान करना। जैसे कि खेल करने के खर्च में क्या- क्या सुविधा उपलब्ध होगी।
- शरीर से ज्वेलरी, चश्मा या अन्य कोई अनपयुक्त सामग्री को उतार दे। शरीर को फ्री बनाये रखे।
- यदि कोई बीमारी हैं, तो उसे ट्रेनर से जरूर बताये।
- न तो पेट खाली रखे और न ही ज्यादा खाये।
- ट्रेनिंग के दौरान, ट्रेनर की हर बात को बारीकी से समझे।
- यदि ट्रेनिंग के बाद भी खेल को न कर पाये तो ज़बरदस्ती करने का दबाव ट्रेनर पर न डालें।
- सबसे जरूरी बात की यदि अकेले कूदने पर डर लगे तो ट्रेनर के साथ ही खेल को करें।
पैराशूटिंग के समय क्या नही करना चाहिए?
- अगर ऊँचाई से डर लगता हो तो इस खेल को बिल्कुल भी न करें।
- सांस फूलने की समस्या हो तो खेल न करें।
- मन को शांत रखे और अपनी तसल्ली कर ले कि मैं इस एक्टिविटी को कर सकता हूँ। यदि थोड़ा भी डाउट लगे तो करने से तुरन्त मना कर दे।
- अगर आपको, अपनी ट्रेनिंग अधूरी लगे तो तुरन्त मना कर दे।
- ऊँचाई से कूदने पर लगातार नीचे न देखें, नही तो डर जायेंगे।
- तबियत ठीक न लगे जैसे कि वोमिटिंग या चक्कर जैसा लगे तो खेल न करें।
- एल्कोहल का या अन्य मादक पदार्थ का सेवन भूल कर भी न करे।
- खेल को करने के दौरान कभी भी कोई भी दिक्कत आ जाये तो तुरंत उसी समय इस एडवेंचर को करने से मना कर दे।
- भारी कपड़ो का प्रयोग कभी न करें।
- कोई दवा लेते हो तो अच्छा खासा दवा लेने के बाद गैप जरूर कर ले करतब करने से पहले।
Note- स्काइडाइविंग जैसे एडवेंचर और करतब वाले खेल को करने के लिए आपकी उम्र 18 वर्ष से ऊपर की होनी चाहिए तथा 60 वर्ष से ज्यादा का नही होना चाहिये और इसके साथ ही आपको दिल की बीमारी या हार्ट से सम्बन्धित कोई भी बीमारी नही होनी चाहिये।
पैराशूटिंग करने का खर्च
यह गतिविधि अन्य खेल गतिविधियों से थोड़ा खर्चीला हैं। इस खेल में ऊंचाई मायने रखती हैं। धरती से ऊपर अलग- अलग ऊँचाई से कूदने का खर्च भी अलग- अलग होता हैं।
कुल मिला कर आपको प्रतिव्यक्ति इस खेल के लिए 10000 रुपये से लेकर 30000 तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
कभी-कभी खर्च 30000 से ज्यादा का भी हो सकता हैं। थोड़ा मोल-भाव आप कंपनी से कर सकते हैं, परन्तु अधिकतर इस खेल को करने का खर्च फिक्स ही रहता हैं।
जो भी खर्च लिया जाता हैं उसमें ट्रेनिंग का भी खर्च शामिल होता हैं और कोई खर्च के लिए डाउट हो तो तुरन्त उसे कंपनी या ट्रेनर से क्लियर कर ले।
जोखिम भरा खेल होने के कारण और इसमें लगने वाले उपकरणों के कारण इसकी कीमत ज्यादा होती हैं।
भारत में पैराशूटिंग या स्काइडाइविंग कहाँ होता हैं
भारत में अब ऐसे कई स्थान बन चुके हैं जहाँ पर इस गतिविधि को किया जाने लगा हैं। बस आप अपने हिसाब से उन जगहों का चुनाव कर ले जहाँ पर आप आसानी से पहुँच सके। आइये कुछ प्रसिद्ध स्थलों को हम बता दे जहाँ पर आसानी से जा सकते हैं-
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में दिल्ली से मात्र 145 से 150 Km की दूरी पर बसा एक शहर हैं, जहाँ के हवाई पट्टी के पास स्काइडाइविंग का अदभुत खेल किया जाता हैं।
अलीगढ़, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मात्र 340 Km की दूरी पर स्थित हैं। लखनऊ और अलीगढ़ में एक बात कॉमन हैं कि दोनों शहर अपने नवाबी अंदाज के लिए प्रसिद्ध हैं।
यहाँ पर पैराशूटिंग की गतिविधि बहुत पुरानी नही हैं, लेकिन नई दिल्ली से पास होने के कारण यहाँ पर अवसर बढ़ गया हैं।
उत्तर प्रदेश और सटें राज्यों से लोग लोकल ट्रिप करके यहाँ स्काइडाइविंग करने आते हैं।
हैदराबाद (तेलंगाना)
अगर आप निज़ामो के नगर हैदराबाद को घूमने आये तो गोलकुण्डा की खान घूमने के साथ ही साथ इस अद्धभुत खेल को जरूर करें।
हैदराबाद से लगभग 155 Km की दूरी पर स्थित नागार्जुन सागर हवाई पट्टी पर पैराशूटिंग किया जाता हैं। कृष्णा नदी का तट और सुंदर हरियाली का दीदार करने का दिल किसका नही करेगा।
जब हैदराबाद आये हो और हैदराबाद की बिरयानी का स्वाद न ले तो फिर यात्रा आपकी अधूरी हैं।
मैसूर (कर्नाटक)
कर्नाटक के प्रसिद्ध शहर मैसूर में चामुंडी पहाड़ियों के मध्य आपको पैराशूटिंग करने का अद्धभुत मौका मिलता हैं, जहाँ आप बेस कैंप से इस गतिविधि को आसानी से कर सकते हैं।
स्काइडाइविंग करने से पहले आपको एक से आधे घण्टे का एक ट्रेनिंग दिया जाएगा और उसके बाद आप इस एडवेंचर को बखूबी कर सकते हैं।
सागर (मध्य प्रदेश)
भोपाल से मात्र 190 Km की दूरी पर स्थित हैं सागर जिला और इसी जिले के छोटे से कस्बे धाना में स्काइडाइविंग की आपार सम्भावना हैं।
पैराशूटिंग के अन्य जगहों के तुलना में यहाँ थोड़ा सस्ता हैं स्काइडाइविंग करना, तो देर किस बात की आप यहाँ पहुँच कर अपने अविश्वसनीय पल को अपने कैमरे में कैद कर लीजिए, जो जीवन भर सदा याद रहेगा।
पांडिचेरी (तमिलनाडु)
वैसे पांडिचेरी या पुड्डुचेरी अपने में एक केंद्रशासित राज्य हैं, फिर भी इसे तमिलनाडु के साथ ही लोग जानते हैं।
पांडिचेरी का प्राकृतिक नज़ारा आपको अधिक पसंद आयेगा इसकी फुल गारंटी हैं क्योंकि यहाँ पैराशूटिंग के साथ ही साथ पर्यटकों को कैंपिंग भी कराया जाता हैं। यहाँ का सदाबहार मौसम और पहाड़ी इलाका कैम्प साइट के लिए बेहद ख़ास हैं।
सही सोच रहे है आप कि जैसे चोपता उत्तराखंड में कैंपिंग साइट हैं ठीक उसी प्रकार से यहाँ पर भी सैलानियों के द्वारा कैंपिंग का लुत्फ़ उठाया जाता हैं।
यहाँ पर पैराशूटिंग के साथ कैंपिंग का भी पैकेज चलता हैं यानी स्काइडाइविंग के साथ आप कैम्प भी कर सकते हैं।
डीसा या दीसा (गुजरात)
भारत के गुजरात राज्य में बनासकांठा जिले का छोटा सा शहर हैं। यह वर्तमान में नगरपालिका घोषित हैं।
सोमनाथ मंदिर (द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक ज्योर्तिलिंग हैं) से मात्र 540 Km जबकि द्वारका से 525 Km की दूरी पर स्थित हैं।
दीसा या डीसा में भारत का पहला स्काइडाइविंग या पैराशूटिंग क्षेत्र बनाया गया था। साई (SAI) अर्थात Sport Authority Of India यानी भारतीय खेल प्राधिकरण के द्वारा यह स्काइडाइविंग के लिए जगह घोषित हुआ था।
यहाँ पर भी आप पैराशूटिंग का लुत्फ़ प्रशिक्षित ट्रेनर के द्वारा दिशा निर्देशन में अपनी खेल की गतिविधियों को कर सकते हैं।
आज की जानकारी आपको कैसी लगी हैं? हमें कमेंट्स कर के जरूर बताइयेगा। आगे फिर आपको रोमांच की दुनिया में ले चलेंगे तब तक के लिए अपने सोलो साथी को इजाजत दीजिये, धन्यवाद।
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