आज का लेख पढ़ कर आप, अपने को कैंपिंग किये बिना नही रोक सकते हैं क्योंकि कई ऐसी जानकारियां होती हैं, जिसे हम जानते ही नही हैं या फिर हम ये कहे कि जानते हैं परन्तु ध्यान नही देते हैं कि कैसे ट्रिप को एन्जॉय किया जाये?
आप घबराइये नही आप आज सही साइट पर आए हैं क्योंकि TripGhumo परिवार आपके छोटे से बड़े सभी प्रकार के समस्याओं का निवारण हैं।
आपका चहेता सोलो यात्री आपको, अपने इस लेख में कैंपिंग साइट के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहा हैं वह भी आपके पसंदीदा भाषा हिंदी में, तो चले आज की जानकारी को कैम्पिंग के साथ साझा करते हैं।
कैंपिंग क्या होता है (कैम्प का अर्थ)
सरल भाषा में कैम्प (Camp) का अर्थ डेरा डालना, शिविर लगाना या पड़ाव डालना से हैं। जबकि कैंपिंग (Camping) का अर्थ हैं डेरा, शिविर या पड़ाव डाल कर रहना हैं। तथा कैंपिंग साइट (Camping Site) का अर्थ हैं डेरा, शिविर या पड़ाव स्थल होता है।
अब यदि सभी शब्दों को अपनी जानकारी के अनुसार मिला दे, तो हम यही कह सकते हैं कि "घर के बाहर निकलकर किसी स्थान या विशेष स्थल पर डेरा, शिविर या पड़ाव डाल कर कुछ समय के लिए या कुछ दिनों के लिए रहना" ही कैंपिंग कहलाता हैं।
कैंपिंग की जरूरत क्यों होती हैं?
एक एडवेंचर या रोमांचकारी, अद्धभुत और अस्मरणीय यात्रा की शुरूआत कैंपिंग से करने का अपना अलग ही मज़ा हैं, जो दुनिया के किसी भी महंगे से महंगे होटल में भी नही मिल सकता हैं, चाहे आप उसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुका दे।
मानव जीवन आज के आधुनिकता और भागमभाग के समय में कुछ पल शांति पूर्वक तथा शुकुन से जीने के लिए अपने दोस्तों या फैमिली के साथ किसी कैंपिंग साइट का सहारा लेता हैं।
कैंपिंग भी दो प्रकार से करते हैं
एक तो कैंपिंग इस प्रकार से करते हैं कि आप केवल अपना बैग लेकर निकल पड़े एक रोमांचक यात्रा पर और कुछ गिने चुने जगहों पर कैम्प की व्यवस्था रहती हैं, जहाँ केवल निर्धारित शुल्क दे कर अपना कैम्प बुक करके उसमें रुक कर ट्रिप को एन्जॉय करें।
जबकि दूसरा तरीका यह कि आप अपना खुद का कैम्प लगा कर उसका लुत्फ़ उठाये। आज का लेख दूसरे प्रकार के कैंपिंग अर्थात स्वयं का टेंट या तंबू ले जा कर कैंपिंग करने पर हैं।
तो आइए इस लेख के माध्यम क्या- क्या जरूरी स्टेप लेने पड़ेंगे कैंपिंग करने के उस पर चर्चा किया जाये, वह भी चरण बद्ध तरीके से.
कैंपिंग के लिए जरूरी समानों की लिस्ट
कैंपिंग हमेशा भीड़भार से दूर शुकुन वाले वातावरण में अस्थायी तंबू या टेंट लगा कर किया जाता है। इसके लिए आपको अच्छी खासी तैयारी करनी पड़ेगी।
कैम्प के लिए आवश्यक और जरूरी वस्तु
- एक मजबूत और अच्छी कंडीशन का टेंट या तंबू चाहिए।
- सोने के लिए बेड रोल जिसमें गद्दा, चादर, पीलो और ओढ़ने के लिए चादर या कम्बल।
- पानी का बोतल जिसका प्रयोग पीने में किया जाना हैं।
- इमरजेंसी लाइट और टॉर्च के साथ पावर बैंक मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग के लिए।
- खाने के लिए भोजन और उसे बनाने की व्यवस्था या फिर खाने की रेडी टू ईट वाली व्यस्था।
- ऊनी वस्त्र या गर्म कपड़े जो कैंपिंग साइट के मौसम के अनुकूल परिधान की उचित व्यवस्था।
- फर्स्ट एड और जरूरी मेडिसिन किट तथा साथ में कुछ जरूरी औजार टेंट लगाने के लिए।
- एटीएम कार्ड के साथ कुछ नकद राशि।
- अन्य जरूरी और आवश्यकता की वस्तुएं जो आपको सही लगे।
- कुछ जरूरी दस्तावेज या डॉक्यूमेंट जैसे कि आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य सरकारी दस्तावेज।
कैंपिंग के लिए जरुरी जानकारी
- तंबू या टेंट लगाने का अनुभव होना चाहिए नही तो उसके लिए ट्रेनिंग जरूर ले।
- यदि समान बहुत जरूरी न हो तो न ले जाये क्योंकि आप कैम्प में कुछ ही दिनों के लिए रहने जा रहे हैं।
- सभी समानों को ढोने के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि कभी- कभी हिल स्टेशन के मौसम अचानक ही खराब हो जाते हैं जिससे कि टेंट को तुरंत हटा कर कही और शिफ्ट किया जा सके।
भारत में प्रसिद्ध कैंपिंग साइट
भारत में ट्रैकिंग करने के बाद जब थकान हो जाती हैं, तो अपने बनाये हुए कैम्प में आराम करने का अलग ही मज़ा है। आप धर्मशाला, होटल, लॉज और होम- स्टे में तो हमेशा रुकते ही हैं, कभी खुद के लगाये हुए टेंट में रुकने का एहसास ही रोमांच से भर देता हैं।
भारत में सिक्किम, उत्तराखंड, हिमांचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर के साथ गोवा जैसे राज्यों में खूब कैंपिंग का आनंन्द लीजिए। भारत में प्रमुख स्थान, जहाँ कैंपिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
चोपता
यहाँ के हरे-भरे घास के मैदान में टेंट और कैम्प का जबरदस्त सीन देखने को मिलता हैं। चोपता को उत्तराखंड का मिनी स्विट्जरलैंड कहते है। इस पर सम्पूर्ण जानकारी मैंने चोपता के लेख में बताया हैं।
चोपता कैंपिंग साइट के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चोपता सैलानियों के रोमांचकारी सफर का जबरदस्त डेस्टिनेशन हैं।
चाहे देशी सैलानी हो या विदेशी सैलानी हिल स्टेशन में चोपता उसकी पहली पसंद होती हैं, जहाँ पर कैम्प लगा कर लोग अपनी छुट्टी एन्जॉय करते हैं।
ऋषिकेश
उत्तराखंड में हरिद्वार से लगभग 30 Km की दूरी पर गंगा तट के किनारे बसे प्रमुख धार्मिक नगरों में एक और योग नगरी हैं। गंगा नदी के किनारे कैंपिंग का मज़ा लेना अलग ही सुखद अनुभव हैं।
कैम्पिंग डेस्टिनेशन के साथ ही ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग और बंजी जम्पिंग के साथ कई एडवेंचर का लुत्फ़ उठाया जा सकता हैं।
गंगटोक
सिक्किम की राजधानी गंगटोक के आस- पास के इलाके में भी कैंपिंग के हज़ारों साइट्स हैं, जहाँ एडवेंचर प्रेमी कैम्प करते हैं।
साफ सुथरे और प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण यहाँ की वादियों में आप ऐसे घुल मिल जाएंगे कि फिर न मिलेगी ई ज़िंदगी दुबारा वाला कॉन्सेप्ट याद आ जाता हैं।
लद्दाख
अभी हाल ही में जम्मू कश्मीर से अलग हो कर नये राज्य की श्रेणी में शामिल लद्दाख की राजधानी लेह से कुछ दूरी पर स्थित नीले पानी वाली विश्व ख्याति प्राप्त पैंगोंग झील हैं।
जहाँ के आस- पास क्षेत्र में कैंपिंग साइट मौजूद यहाँ आप कैंपिंग के साथ अनेक एडवेंचर कर सकते हैं।
लद्दाख की यात्रा बाइक ट्रिप के माध्यम से भी लोग करते रहते हैं। लद्दाख हिल स्टेशन के मामले में अत्यधिक प्रसिद्ध स्थान हैं।
गोवा
गोवा के समुंद्री तटों के किनारे वर्ष भर देश और विदेश से सैलानियों का आना जाना लगा रहता हैं। अगर बात करें घूमने की तो गोवा के बीचेज पूरे विश्व में अपना अलग महत्व रखते हैं।
यहाँ पर कैंपिंग साइट के अनेक ठिकाने हैं, जो बरबस ही सभी कैंपिंग करने वाले पर्यटकों का खासा पसंदीदा जगहों में से एक माना जाता हैं।
समुंदर के किनारे टेंट में जीवन जीने का अनुभव तो शायद ही कोई मिस करना चाहे।
राजस्थान का पुष्कर
राजस्थान के धार्मिक स्थल अजमेर से मात्र 16 Km की दूरी पर स्थित पुष्कर स्थान, जहाँ ब्रह्मा जी का विश्व प्रसिद्ध एकलौता मन्दिर हैं।
यही पर पुष्कर मेले का आयोजन होता हैं वर्ष के अक्टूबर से नवंबर माह में, तो यहाँ पर भी कैंपिंग की सुविधा सैलानियों को दी जाती हैं।
देश ही नही विदेश से भी पर्यटक यहाँ आकर कैंपिंग का लुत्फ़ उठाते हैं।
मसूरी
उत्तराखंड के राजधानी देहरादून से मात्र 30 से 35 Km की दूरी पर बसा बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन और पहाड़ो की रानी मसूरी में आकर सैलानी घूमने के साथ ही साथ कैंपिंग का मज़ा लेते हैं।
कुल्लू-मनाली
हिमांचल प्रदेश में हिमालय के गोद में बसे कुल्लू और मनाली जैसे हिल स्टेशन पर पर्यटक आकर ट्रिप एन्जॉय करने के साथ ही साथ कैंपिंग का मज़ा भी उठाते हैं।
जम्मू
जम्मू कश्मीर राज्य के गुलमर्ग, पटनीटॉप और सोनमर्ग जैसे हिल स्टेशनों पर भी सैलानी कैंपिंग का मज़ा लेना नही भूलते हैं।
बस देरी हैं इन स्थानों पर जाने की और अपने हॉलीडे को यादगार बनाने की कोई भी कसर नही छोड़ते हैं।
हिमांचल प्रदेश
इस राज्य के अनेक स्थानों में जैसे- कांगड़ा, धर्मशाला, पालनपुर, खज्जियार, डलहौजी में भी कैंपिंग साइट के अत्यधिक साइट हैं, जहाँ वर्ष भर सैलानी अपने सुविधा के अनुसार ट्रिप प्लान करके कैंपिंग करने आते रहते हैं।
Note- भारत में घूमने के साथ ही साथ अनेक एडवेंचर या एक्टिविटी करने की हज़ार संभावना हैं, जिसमें पैराग्लाइडिंग, पैरासेलिंग, हाईकिंग, ट्रैकिंग जैसे एडवेंचर करते रहते हैं।
वैसे में जब भी रुकने की बात होती हैं, तो आम तौर पर होटल, धर्मशाला, लॉज जैसे विकल्प तो मौजूद है ही, परन्तु ट्रिप को और रोमांचक बनाने के लिए कुछ सैलानी रात्रि विश्राम में कैंपिंग का मज़ा लेते हैं।
कैंपिंग का मज़ा लेना उनके ट्रिप का ही एक हिस्सा होता हैं तभी तो वे सभी लोग ट्रिप का अलग अनुभव करते हैं।
कैंपिंग के दौरान फूडिंग के लिए कैम्प ऑर्गनाइजर के मीनू कार्ड पर डिपेंड होते हैं या फिर रेस्टोरेंट, ढाबा या लाइन होटल के माध्यम से फ़ूड एन्जॉय करते हैं।
आज का लेख कैसा लगा हमें कमेंट्स करके जरूर बताइयेगा और यह भी बताइयेगा कि क्या आपने कभी कैंपिंग साइट का आनंद लिया हैं? यदि लिया हैं, तो कहाँ का? और नही लिया हैं, तो कब और कहाँ का लेने है रहे हैं।
यात्रा का अनुभव साझा करें