Paragliding एक बेहद दिलचस्प और रोमांच से भरपूर एक स्पोर्ट्स हैं, जिसका आनन्द वे सभी सैलानी और ट्रैवेलर्स लेना चाहते हैं, जो एडवेंचर एक्टिविटी करना चाहते हैं, तो
आज का यह लेख आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होने वाली हैं क्योंकि आपका पसंदीदा सोलो यात्री इस मनोरंजक खेल के सभी तथ्यों से आपको रूबरू करायेगा।
तो चलिए फिर आज कुछ अलग किया जाये और पैराग्लाइडिंग का लुत्फ़ उठाया जाये। सबसे पहले इस खेल के बारे में कुछ बात कर लिया जाये।
सर्वप्रथम आप सभी के एक कंफ्यूशन को दूर किया जाये क्योंकि अधिकतर लोग पैराग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग और पैरासेलिंग में अंतर नही कर पाते तो आज हम आपको बता दे कि यह तीनों स्पोर्ट्स अलग- अलग एक्टिविटी हैं।
तीनो का अपना अलग महत्व हैं। मैं आपके इस कंफ्यूशन को तीन अलग- अलग लेखों के माध्यम से दूर करूँगा, फिलहाल आज का मेरा यह लेख केवल पैराग्लाइडिंग पर फोकस करेगा।
पैराग्लाइडिंग क्या है
पिछले कुछ वर्षों में या यह कहे कि कुछ दशक में यह फनी एक्टिविटी भारत में ज्यादा लोकप्रिय हुआ हैं, नही तो इस खेल का मज़ा हम केवल अपने टेलीविजन पर ही देख कर उठाते थे।
यह भारत में अधिकांश हिल स्टेशनों पर देखने को मिल जायेगा। भारत में इसका विकास लगभग 70 से 80 के दशक में शुरू हुआ, जो अब भी निरन्तर जारी हैं।
इसके अंतर्गत एक पैराशूट की तरह दिखने वाला (परन्तु पैराशूट नही) विशेष प्रकार से डिज़ाइन किया हुआ छोटा सा इंजन लगा हुआ हवाई विमान जैसी एक व्यवस्था हैं।

आपने नाव देखी ही होगी यदि उसी को उल्टा कर दिया जाये तो पैराग्लाइडिंग की आकृति बन जायेगी। यह एक साहसिक खेल- करतब हैं,
जो भी इस खेल को करता हैं, अपने में जोश और जुनून को भर लेता हैं। यह एकल सवारी व्यवस्था हैं, जिसमें एक व्यक्ति ही आंनद ले सकता हैं।
Paragliding करने का खर्च
भारत में paragliding खेल को करने का रेट हर जगह का अलग- अलग हैं, परंतु औसत शुल्क की बात करे तो 1500 रुपया से ले कर के 5000 तक का चार्ज किया जाता हैं प्रति व्यक्ति।
यह चार्ज कम से ज्यादा का हैं अर्थात कम से कम 1500 रुपया भी आप से लिया जा सकता हैं, तो व्यस्त समय में 4000 से 5000 तक भी आपको इसका लाभ लेने के लिए देना पड़ सकता हैं।
यह भी ध्यान रहे कि भारत में गर्मी के समय जब हिल स्टेशनों पर सैलानियों की भीड़ बढ़ जाती हैं, तो उस समय के पैराग्लाइडिंग के चार्ज भी बढ़ जाते हैं।
पैराग्लाइडिंग के लिये अनुकूल मौसम
मौसम पर निर्भर करता हैं भारत में paragliding करना। ठंड के मौसम में यदि धुंध या कोहरा या बर्फ बारी ज्यादा हो रही हैं, या कभी- कभी बारिश होती है, तो इस खेल को खराब मौसम रहने तक बन्द कर दिया जाता हैं।
कुल मिलाकर हम ये कहे कि पैराग्लाइडिंग का सबसे बड़ा दुश्मन बरसात का मौसम हैं और दूसरे नम्बर पर कोहरा तो गलत नही हैं।
वो कहते हैं न कि "जानबूझकर कर आग में कूदना बुद्धमानी नही होती" तो मौसम का विशेष ध्यान दे।
Paragliding की राजधानी "बीर-बिलिंग"
भारत में पैराग्लाइडिंग के लिए (एशिया में भी प्रसिद्ध) सबसे अच्छी जगह हिमांचल प्रदेश में कांगड़ा जिले में स्थित एक छोटा सा खूबसूरत पहाड़ी गांव है, जिसका नाम "बीर" हैं।
यह गांव धर्मशाला से लगभग 70 Km जबकि जिला कांगड़ा से 65 Km की दूरी पर स्थित हैं।
सड़क मार्ग से आप आसानी से पहुँच सकते हैं, जबकि नज़दीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट (140 Km) और नज़दीक का एयरपोर्ट धर्मशाला (70 Km) हैं।
बीर गांव प्राकृतिक रूप से एक हरा भरा छोटा सा गांव हैं, जहाँ paragliding का जबरदस्त व्यवस्था हैं। यह स्पेशली इसी रोमांचक खेल के लिए प्रसिद्ध हैं तभी तो इसे-
पैराग्लाइडिंग की राजधानी कहा जाता हैं। यहाँ छोटे बड़े कई पैराग्लाइडिंग ऑपरेटर मिल जायेंगे जिनका चार्ज 2500 से 5000 तक का होता हैं।
आप बीर गांव से अपनी अनोखी उड़ान भरते हैं और लगभग 12 से 13 Km की दूरी पर स्थित एक दूसरा प्यारा सा गांव "बिलिंग" पर लैंडिंग करते हैं। यह गांव भी बीर की तरह ही पहाड़ी और हरियाली वाला गांव हैं।
इन दोनों गांव की खासियत एक जैसी होने के कारण पर्यटन में इनका नाम एक साथ ही "बीर- बिलिंग" नाम से जानते हैं।
पैराग्लाइडिंग के साथ नेचर का लुत्फ उठा सकते हैं तभी तो दोनों को मिला कर ही हम सभी इसे पैराग्लाइडिंग की राजधानी कहते हैं।
भारत में पैराग्लाइडिंग के प्रमुख स्थान
भारत एक ऐसा देश हैं जहाँ दूर- दूर तक फैला हुआ हरे- भरे पहाड़ी मैदान तो बर्फ़ से ढके हुए हिल स्टेशन तथा बर्फ़ीली पहाड़ियां, जहाँ पर फन एक्टिविटी में सबसे लोकप्रिय खेल पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
आज हम कुछ ऐसे स्थान के बारे में बात कर रहे हैं, जहाँ ये रोमांचित खेल आपका स्वागत करने को तैयार रहता हैं-
नैनीताल (उत्तराखंड)
यह उत्तराखंड का बेहद ही खूबसूरत जगह हैं। यहाँ पिकनिक स्पॉट के साथ ही कई जगह घूमने को मिल जायेगा।
यह एक हिल स्टेशन हैं, जहाँ सैलानियों की अच्छी खासी भीड़ रहती हैं। सबसे मजेदार बात यह कि नैनीताल आप साल भर में कभी आ सकते हैं छोटा सा टूर प्लान कर के।
या फिर सोलो ट्रेवलर बन कर भी यहाँ का पूरा लुत्फ़ उठाया जा सकता हैं। यहाँ का नैना झील फेमस हैं।
यहाँ से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नौकुचियाताल पर पैराग्लाइडिंग का आयोजन होता हैं, जिसको बुक करके मनोरंजन कर सकते हैं।
नैनीताल आप सड़क मार्ग या वायुमार्ग से पहुँच सकते हैं, नज़दीक का रेलवे स्टेशन काठगोदाम हैं।
गंगटोक ( सिक्किम)
सिक्किम की राजधानी गंगटोक हिल स्टेशन के साथ ही पैराग्लाइडिंग करने वालों के लिए भी बहुत ही अनुकूल जगह हैं। यहाँ पर आपको बारिश के मौसम को छोड़ कर लगभग सभी समय इसका लुत्फ़ उठा सकते हैं।
हाँ, इतना जरूर ध्यान रहें कि कड़ाके की ठंड में भी पैराग्लाइडिंग करने से बचे क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से मौसम साफ होना चाहिए।
गंगटोक आप आसानी से पहुँच सकते हैं, नज़दीक का रेलवे स्टेशन न्यू जलपाइगुड़ी हैं पश्चिम बंगाल में।
शिलांग (मेघालय)
मेघों (बादल) का घर कहा जाने वाला मेघालय राज्य की राजधानी शिलांग हैं, जो अपनी हरियाली के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। यह स्टेट भारत के उत्तर- पूर्व में स्थित हैं।
अब तो मेघालय में ट्रेन की भी सुविधा हो गई हैं और सबसे अच्छी सुविधा बस की कनेक्टिविटी हैं।
यहाँ के हरे- भरे मैदान में आप को पैराग्लाइडिंग करना मानो आसमान से सीधे बातें करना के बराबर हैं।
दार्जलिंग (पश्चिम बंगाल)
पश्चिम बंगाल का एक मात्र हिल स्टेशन दार्जलिंग भी पैराग्लाइडिंग का अच्छा विकल्प हैं। यहाँ पहुँचने के लिये सबसे पहले नज़दीकी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी आना पड़ेगा और फिर सिलीगुड़ी शहर से बस या टैक्सी से पहुँच सकते हैं।
यह हिल स्टेशन अपने चाय के बगानों के लिए सुविख्यात हैं। यहाँ सैलानी इस अदभुत खेल का मज़ा जरूर लेना चाहते हैं।
अन्य प्रमुख स्थान
पंचगनी (महाराष्ट्र), नन्दी हिल्स (कर्नाटक), गोआ, ऊंटी, अयोध्या, खंडाला इत्यादि हिल स्टेशनों पर भी पैराग्लाइडिंग का आनंद लिया जा सकता हैं।
पैराग्लाइडिंग के समय की सावधानियां
यह एक एडवेंचर से भरपूर अदभुत खेल आयोजन हैं, जो हमे आकाश में बेफिक्र से उड़ने का मौका देता हैं। इसमें कोई रिस्क नही हैं फिर भी सुरक्षा अपने जगह जायज हैं।
कोई अनहोनी घटना न घट जाये, इसके लिए आपको हमेशा चौकन्ना और सतर्क रहना होगा।
इसलिए इसको करने से पहले कुछ बातों का जरूर ध्यान दे-
पैराग्लाइडिंग के समय क्या करें
Paragliding का पूरा अनुभव पर्पट हो इस लिए कुछ बातों का ध्यान देना बहुत जरुरी है जो आपको निम्नलिखित बताया गया है।
- यह अति रोमांचक करतब हैं, खेल हैं तो इसके लिए आपका मानसिक रूप से तैयार होना जरुरी हैं। न तो ज्यादा सोचें और न ही ऊँचाई से डरे।
- मौसम का विशेष ख्याल रखें हो सकता हैं कि जब आप इस शौक को पूरा करने के लिए जाए तो मौसम सही नही हो। हवा ज्यादा हो तब भी उड़ान न भरे।
- ट्रेनर को जरूर साथ में रखे।
- खाली पेट रहे और सुरक्षा के सभी उपकरण जैसे हेलमेट जरूर पहने।
- कपड़े ढ़ीले तथा शरीर के अनुकूल पहने।
- अपने बीमा और फिटनेस प्रमाण पत्र जरूर रखे।
- उम्र भी आपको ध्यान में रखना होगा अर्थात 18 वर्ष से उम्र छोटी हैं या 60 से 65 वर्ष से बड़ी हो तो पैराग्लाइडिंग न करें।
- उतरते समय (लैंडिंग करते समय) पोल, तार या कुछ भी अवरोधक का ध्यान ख़ास ध्यान दे।
- सबसे महत्वपूर्ण बात की वज़न जी हाँ सही सोच रहे हैं 100 से 120 से ज्यादा का वजन न रखें क्योंकि ट्रेनर भी आपके साथ हैं।
- पैराग्लाइडिंग का प्रमाण पत्र है तभी अकेले जाये नही तो आपके साथ ट्रेनर रहेगा नही तो अकेले बिल्कुल भी नही।
- अगर सेल्फी लेने का शौक है तो अपने साथ एक अच्छी सेल्फी स्टिक जरूर ले जाएँ।
आशा करता हु कि आज की जानकारी आप सभी के बहुत काम की सिद्ध होगी। तब जल्दी से पैराग्लाइडिंग के रोमांचक खेल का लुत्फ उठा कर अपने अनुभव को मुझसे और त्रिपघूमो परिवार के साथ साझा करें, हमें कमेंट्स करना न भूलें।
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