आज मैं आपका सोलो यात्री एक लंबी पद यात्रा पर ले चल रहा हूँ। अरे वाह! ये तो हाईकिंग करने की बात कर रहा हूँ। आज भले ही इस शब्द के मायने आपको अलग बिल्कुल भी न लगे, लेकिन
आज आप विश्वास करिये आप सभी को यह लेख पढ़ कर पूरा ज्ञान हो जायेगा कि-
जिस यात्रा को हम बिना मंज़िल को तय किये अपने दोस्तों के कहने पर बस घर से बाहर निकल पड़ते हैं मात्र साथ देने के लिये वास्तव में वह अंग्रेजी सभ्यता में Hiking (हाईकिंग) कर रहे होते हैं।
भले अंग्रेजी भाषा में किसी भी शब्द का अर्थ अलग- अलग हो या विभिन्न देशों में इसे कई प्रकार से जाना जाता हैं, परन्तु अपने भारत देश का इतिहास "लंबी पैदल यात्रा" के रूप में बड़ा ही गौरवशाली रहा हैं।
मेरे कहने पर आप अभी विश्वास नही करेंगे लेकिन, अतीत के कुछ पन्नों को टटोलेंगे तो हमारे पूर्वज इसका प्रयोग बहुत ही लंबे समय से करते आ रहे थे।
हाईकिंग का अर्थ
मुख्यतः Hiking शब्द अंग्रेजी के सर्वप्रथम Hike से बना हैं, जहाँ पर Hike का अर्थ साधारण रूप में "पद यात्रा" या "लंबी पद यात्रा" से हैं
जबकि Hike से ही Hiker यानी "पद यात्रा करने वाला" तथा सभी पहलुओं को मिला दे तो Hiking का सृजन होता हैं, जिसका मतलब "लंबी पद यात्रा" या "लंबी पैदल यात्रा" करने या चलने से हैं।
अब आप इस शब्द को थोड़ा अपने भाषा में प्रयोग करें जैसे कि आम जन मानस में तुरंत कर देते हैं, तो अपने पैरों का प्रयोग करते हुये (बिना किसी साधन के)
अपने निवास स्थान से निकल कर बाहर चलते जाने से हैं, भले रास्ता सीधा हो या सुनसान या फिर कहे तो पथरीला मैदानी क्षेत्रों में बस चलते चले जाने से हैं।
भारत में हाईकिंग का इतिहास
भारत में हाईकिंग का इतिहास बहुत पुराना है, पुराने से मेरा मतलब त्रेतायुग से है। नीचे में पूरा जानिए हाईकिंग का इतिहास।
वामन अवतार
अगर हम त्रेतायुग की बात करें तो भगवान विष्णु जी ने छोटे बालक वामन का रूप धर कर भू लोक आये और राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिये उनसे तीन पग अपने रहने के लिये भूमि मांगी
परिणाम स्वरूप अपने नन्हे पद से तीन पग में पूरी धरती, देवलोक, पाताललोक सब नाप दिया।
चलिये हम मान लेते हैं कि यह पौराणिक कथा मात्र हैं, तो आगे हम आपको दूसरा उदाहरण देते हैं।
गांधी जी की दांडी यात्रा
गांधी जी ने अपने 78 अनुयायियों के साथ अपने गुजरात स्थित साबरमती आश्रम से 12 मार्च, 1930 को पैदल लंबी यात्रा शुरू की और हँसते, गाते हुये लगभग 385 Km (लगभग 240 मील) की दूरी
24 दिनों में तय करते हुए 6 अप्रैल, 1930 को दांडी नामक गाँव पहुँच कर नमक कानून तोड़ कर पूरा किया था।
मदन मोहन मालवीय जी का संकल्प
कहते हैं कि काशी क्षेत्र में सभी को पढ़ने के लिए एक शिक्षण संस्थान खोलने के संकल्प स्वरूप काशी नरेश से भूमि दान की इच्छा जताई तो काशी के राजा ने एक शर्त सामने रखा कि-
सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक जितना पैदल चल कर भूमि नाप देंगे वह सब आपके शिक्षण संस्थान बनाने के लिए दे दिया जाएगा। तब महामना मालवीय जी ने ऐसे ही पैदल चलकर अपने मंजिल को पाया हैं।
आपको भारत में ऐसे कई उदाहरण हाईकिंग के मिल जाएंगे। अब भारत में भी हाईकिंग, विदेशों की तरह एक जूनून, खेल और फन्नी एक्टिविटी बन चुका हैं।
भारत में हाईकिंग करने के प्रसिद्ध स्थान
भारत में जिस प्रकार से धार्मिक ट्रैकिंग किया जाता है ठीक उसी प्रकार से आप धार्मिक हाईकिंग भी कर सकते हैं। हिनकिंग के प्रमुख स्थान निम्नलिखित हैं।
वाराणसी के गंगा घाट
अगर आप अपनी पैदल यात्रा में छोटे- मोटे रुकावटों को पर कर के अपने हाईकिंग मेरा मतलब हैं कि पैदल लंबी यात्रा को करते हुए एडवेंचर को बनाये रखना।
तो इसके लिए काशी के मोक्षदायिनी घाट जो सैकड़ो की संख्या में गंगा के किनारे बने घाटों को, जो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं,
जहाँ आप एक घाट से अपनी हाईकिंग शुरू करके सभी घाटों से और मणिकर्णिका घाट से होते हुये अपनी यात्रा को समाप्त करते हैं।
चित्रकूट धाम के कामदगिरि पर्वत
जब भी आप सब चित्रकूट धाम घूमने और दर्शन के लिए जाते हैं, तो कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करना न भूलें। यह परिक्रमा हिन्दू सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता हैं।
इस पर्वत की परिक्रमा आप 4.5 Km से 5 Km की होती हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं।
गोवर्धन पर्वत परिक्रमा
मथुरा जब भी दर्शन करने जाये, तो गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा जरूर करें। वैसे तो दीपावली के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा की मान्यता हैं और उसी समय अधिकतर लोग परिक्रमा करते हैं।
लेकिन आप जब भी जाये, तो यहाँ जरूर जा कर लगभग 21 Km की परिक्रमा करें। आप जहाँ से भी परिक्रमा शुरू करे जैसे कि राधा कुण्ड या फिर उद्धव कुण्ड से तो वही पर अपनी परिक्रमा को समाप्त करें।
केरल में वायनाड की यात्रा
केरल के वायनाड में भी हाईकिंग का ज़बरदस्त अवसर रहता हैं, जहाँ सैलानी वर्ष भर पैदल चलने का लुत्फ़ उठाते हैं। यह पथ भी प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ हैं।
हेमकुंड की यात्रा
उत्तराखण्ड के चमोली जिले में फूलों की घाटी में जब भी ट्रैकिंग करें, तो सिक्ख धर्म के पवित्र स्थान हेमकुण्ड की पैदल यात्रा जरूर करें।

हाँ इतना जरूर ध्यान दे कि यहाँ की यात्रा वर्ष भर नही होती हैं, तो समय और मौसम का जरूर ध्यान दें।
तुतला भवानी मन्दिर यात्रा
बिहार के सासाराम जिले में स्थित माता तुतला भवानी का मन्दिर भी पैदल चल कर पहुँचा जाता हैं, जिससे आप रास्ते में पहाड़ी दृश्यों को देखते हुए झरने तक पहुँच सकते हैं।
भारत में कई ऐसे स्थान हैं, जहाँ पर हाईकिंग करने के रमणीय अवसर हैं। बस देरी हैं केवल आपके पहुँचने की, तो आप कब हाईकिंग का लुत्फ़ उठाने जा रहे हैं? हमें कमेंट्स कर के जरूर बताये।
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