सेलिंग या 'Sailing' शाब्दिक अर्थ- "जलयात्रा"
या "नौका विहार" या "नौका संचालन" से हैं। यह एक फन्नी और रोमांचित खेल हैं, जिसमें सेलर (Sailor) यानी नाविक या नौका चालक Sail या सेल अर्थात तैरना या चलना से हैं।
अब पूरा शब्दावली एक जगह मिला दे, तो सेलर द्वारा सेलिंग करना से हैं अर्थात कुल मिलाकर स्थिर जल में नाविक के द्वारा जलयात्रा करना हैं।
अब इस जलयात्रा को सैलानियों या पर्यटकों के द्वारा मनोरंजन के रूप में किया जाने वाला खेल हैं।
जब नौका संचालक आराम से नदी के धारा के अनुकूल चलते जाता हैं मानो जैसे उसे अब किसी बात की कोई भी चिंता फिक्र नही हैं।
सेलिंग करने में सतर्कता और सावधानियां
हमें अगर सेलिंग करना हैं, तो उसके लिए कुछ सावधानियां और सतर्कता पर अमल करना होगा, जैसे कि-
- सेलिंग में नाविक को तैरने में महारथ हासिल होनी चाहिए ताकि कोई भी समस्या हो जलयात्रा के समय तो तैर कर तट पर आया जा सके।
- नौका विहार के समय आप अपने कपड़ों पर विशेष रूप से ध्यान देंगे क्योंकि मौसम और सेलिंग के अनुरुप आपका ड्रेस होना चाहिए।
- नौका संचालन के समय जीवन रक्षक जैकेट, ऑक्सीजन सिलेंडर, इत्यादि की व्यवस्था व्यापक रूप से करनी चाहिए।
- खाने- पीने का पूरा ध्यान देना होगा, उसके लिए रेडी टू इट वाली ज़बरदस्त व्यवस्था होनी चाहिए।
- घरेलू दवाईयों का एक छोटा सा किट जरूर साथ में रखे ताकि कोई समस्या होने पर मेडिसिन का प्रयोग कर सकें।
भारत में सेलिंग करने के प्रसिद्ध स्थान
भारत देश में ऐसे कई स्थान हैं, जहाँ आप वर्ष भर सेलिंग का एन्जॉय कर सकते हैं। इतना जरूर कहूँगा कि सेलिंग करना तथा रिवर राफ्टिंग करना दोनों में अंतर हैं।

Note- मेरी राय में आप स्वतंत्र रूप से सेलिंग का मज़ा लीजिये, परन्तु यदि आप अपने जलयात्रा में एक विशेषज्ञ को साथ रखे, तो आपकी जलयात्रा और भी सुहानी हो सकती है।
रिवर राफ्टिंग का पूरा विवरण मैंने आपके समक्ष करदिया है। सेलिंग करने के अनुक्रम में-
प्रयागराज में संगम की सैर
उत्तर प्रदेश के प्राचीन नगरों में शुमार प्रयागराज (इलाहाबाद) में पवित्र नदियों का संगम हैं, जहाँ पर आप नौका विहार कर सकते हैं। यहाँ पर त्रिवेणी घाट, यमुना घाट और सरस्वती घाट से आप नौका संचालन का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
संगम के किनारे ही "लेटे हुये बड़े हनुमान जी" का प्रसिद्ध मंदिर हैं। संगम से लगे हुए ही अकबर का किला हैं, जिसे अकबर ने बनवाया था और प्रयाग का नाम भी इलाहाबाद कर दिया था।
आज अकबर के किले में 80% पर भारतीय सेना का अधिकार हैं। प्रसिद्ध अक्षयवट मन्दिर भी इसी किले के अंदर हैं।
वाराणसी के घाटों पर गंगा विहार
वाराणसी या काशी जो विश्व की सबसे प्राचीन शहर हैं, यहाँ का घाट और मन्दिर भारत के साथ ही साथ विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाये हुये हैं।
प्रत्येक दिन हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आते हैं, जो कि यह मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योर्तिलिंग हैं।
सुबह में सूर्योदय के समय घाट की बात ही निराली है। वो अपने यू.पी. में कहावत हैं कि "सुबह-ए-बनारस" और "शाम-ए-अवध" नही देखा तो उत्तर प्रदेश में घूमना बेकार हैं। यहाँ अवध से मतलब लखनऊ से हैं।
वाराणसी के घाट पर सुबह से लेकर शाम में जब गंगा माता की आरती होती हैं, तो नौका विहार का आनन्द कई गुना बढ़ जाता हैं।
Note- देव दीपावली (गुरुनानक जयंती) के दिन वाराणसी के पूरे घाट दीपों से सजाया जाता हैं, तब नौका विहार से मनोरम दृश्य देखने लायक होता हैं।
केरल का ओणम त्योहार
केरल में जब प्रत्येक वर्ष ओणम त्योहार मनाया जाता हैं, तो इसका मुख्य विषय वस्तु नौका संचालन या यह कहे कि नौका प्रतियोगिता कराई जाती हैं।
आप जब भी केरल की धरती पर जाये, तो यहाँ नौका विहार जरूर करें तो क्या सुखद अनुभूति होगी आप इसकी कल्पना भी नही कर सकते हैं।
जबलपुर का भेड़ाघाट या मार्बल रॉक्स
देश के दिल मध्य प्रदेश के जबलपुर में नर्मदा नदी पर एक धुंआधार जल प्रपात मन को मंत्रमुग्ध कर देता हैं।
यही से सटे पास के भेड़ाघाट में मार्बल रॉक्स हैं, जहाँ नौका विहार करके आप को इतना रोमांच आयेगा कि आपको इसका एहसास जीवन भर आपकी याद बन कर साथ रहेगा।
नैनीताल के झीलों की सैर
उत्तराखण्ड जो देवभूमि के नाम से जानी जाती हैं में नैनीताल एक हिल स्टेशन के रूप में सुविख्यात हैं। नैनीताल को ताल या झीलों का शहर भी कहते हैं।
यहाँ के प्रमुख झीलों में नैना लेक, भीमताल, नवकुचिया ताल में आप बोटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं। यहाँ आप प्री-पेड नाव बुक करके झील का मज़ा ले सकते हैं।
प्रयागराज से हल्दिया गंगा नदी मार्ग
भारत देश की सभ्यता और पहचान हैं गंगा नदी। इस नदी को हमारे देश में माता का दर्जा दिया गया हैं।
इस नदी को विश्व में सबसे पवित्र नदी माना जाता हैं क्योंकि गंगा नदी का जल वर्षो तक यदि स्टोर कर के रखा जाये तो कभी भी इस जल में कीड़े नही पनपते हैं।
प्रयागराज से हल्दिया (पश्चिम बंगाल) तक वाया वाराणसी, ज़मानिया कस्बा, गाज़ीपुर, बलिया, बक्सर, पटना, भागलपुर के सुल्तानगंज होते हुये नेशनल वाटर वे नम्बर 1 जो कि भारत का पहला और सबसे बड़ा वाटर वे हैं।
इस रास्ते नौका विहार या बोट या फिर छोटे- छोटे स्टीमर से सेलिंग का एन्जॉय कर सकते हैं, जो एक सीमित दूरी की यात्रा रहती हैं।
Note - यदि आप सेलिंग का एन्जॉय करना चाहते हैं, तो छोटी से छोटी दूरी को ही टारगेट करके मनोरंजन किया जाये तो बेहतर होता हैं।
अगर आप को थोड़ा भी दिक्कत हो तो नाविक या एक्सपर्ट के सहयोग से ही अपनी जलयात्रा को सम्पन्न करें।
भले आप स्वयं नौका संचालन करके एन्जॉय करें, परन्तु बैकअप में एक्सपर्ट या नाविक या केवट को साथ जरूर साथ रखे।
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