भारत अनेक त्योहारों और मेलों का देश हैं। अकेले हिन्दू सनातन धर्म में ऐसे अनेक त्योहारों का आयोजन होता हैं, जबकि अन्य धर्मों के अपने अपने अलग से त्योहार हैं।
मैं सूर्य प्रकाश आपका सोलो ट्रैवलर अपने साइट पर विभिन्न प्रकार के त्योहार और मेला के बारे में बताया हैं तथा उस पर विस्तृत चर्चा किया हूँ।
मैं यह चाहूंगा कि आप हिन्दू सनातन धर्म, संस्कृति और परंपरा से जुड़े सभी त्योहार और मेलों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।
अगर आपको होली के बारे में विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो- "भारत में कितने प्रकार से होली का त्योंहार मनाया जाता है?" का एक बार अवलोकन जरूर करें।
यदि सब मिला दिया जाये तो पूरे विश्व में सर्वाधिक त्योहार और मेलों का देश अपना भारत वर्ष हैं।
भारत में प्रत्येक साल श्रावण मास (सावन का माह) से शुरू होकर देव दीपावली तक का 4 माह लगातार हिन्दू धर्म के त्योहारों और मेलों के साथ विभिन्न प्रकार के व्रतों का महीना रहता हैं।
आज का लेख ऐसे ही एक त्योहार "तीज" पर आधारित हैं, जो भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में मनाया जाता हैं ख़ास तौर से मध्य और उत्तर भारत में सबसे ज्यादा मनाया जाता हैं।
तीज का त्योहार मुख्य रूप से श्री शंकर और पार्वती माता जी की पूजा से सम्बंधित हैं तो जाहिर सी बात है कि तीज को मनाने का इतिहास भी भोलेनाथ और पार्वती जी से जुड़ा हुआ हैं।
तीज के त्योहार का इतिहास
सनातन संस्कृति और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार तीज का पर्व भोलेनाथ और माता पार्वती जी के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं।
कई जन्मों से कठोर तपस्या करते हुए अपने आराध्य देवाधिदेव महादेव को माना ली और आखिरकार भोलेनाथ प्रसन्न होकर माता को दर्शन दिए और उनसे पुनर्विवाह किये थे।
यानी आप कह सकते हैं कि यह तीज का पर्व जो व्रत के रूप में मनाया जाता हैं, वह महादेव और पार्वती माता की पूजा पर समर्पित हैं।
तब से यह पर्व तीज के रूप में मनाया जा रहा हैं और अधिकतर घरों में यह तीज का पर्व बड़ी धूमधाम से नियम के अनुसार मनाया जाता हैं।
भारत में तीज कितने प्रकार से मनाई जाती है
तीज के व्रत को लेकर यह दुविधा बनी रहती हैं कि अभी हाल ही में सावन में तो तीज बीता था फिर कैसे इतनी जल्दी दुबारा तीज आ गईं?
यह प्रश्न हमेशा सभी के मन में बना रहता हैं लेकिन कोई भी किसी से यह नही पूछ पाता कि क्यों? और कितनी बार? यह तीज आता हैं।
भारत में तीज का पर्व जो व्रत के रूप में मनाते हैं कुल तीन प्रकार से मनाया जाता हैं, जो हर वर्ष तीन बार अपने- अपने हिन्दू पंचाग के हिंदी तिथियों पर आता हैं,जिसको हम निम्न तरीके स समझ सकते हैं-
हरियाली तीज
इसे "छोटी तीज" या "श्रावणी तीज" या "सावन तीज" भी कहा जाता हैं। हरियाली तीज प्रत्येक वर्ष श्रावण मास (सावन माह) के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं।
हरितालिका तीज
हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास (भादो माह) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को धूमधाम से मनाया जाता हैं। इस तीज को सबसे ज्यादा मान्यता मिली हुई हैं, जिसे पूरे भारत वर्ष में बहुत ही अच्छे तरीके से मनाते हैं।
कजरी या कजली तीज
इस तीज को भाद्रपद मास (भादो माह) के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता हैं यह तीज भी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इसी तीज में महिलाओं और लड़कियों के द्वारा अपने घरों में झूला डाल कर झूलती हैं।
इसे कही कजरी तीज तो कही पर कजली तीज भी बोला जाता हैं।
Note - आप देख रहे हैं कि तीनों प्रकार के तीज पर्व में-
- तृतीया तिथि कॉमन हैं।
- शिव और पार्वती जी की पूजा होती हैं।
- पति के दीर्घायु और लम्बी उम्र के लिए किया जाता हैं।
चूंकि सभी तीनों प्रकार के तीज का समय मे बहुत ज्यादा का अंतर नही होने के कारण ही लगता हैं सभी को अरे! अभी तो तीज बीता हैं, फिर कैसे? आ गया यह पर्व।
कैसे मनाते हैं तीज का त्योहार
व्रती महिलाओं के द्वारा सोलह श्रृंगार करके हरा वस्त्र धारण करके निर्जला व्रत रखते हुए शिव और पार्वती जी के मूर्ति या फ़ोटो के समक्ष पूजन अर्चन करते हुए मंगल गीत गाती हैं।
कई महिलाएं मिलकर एक ही जगह चाहे कोई शिवालय हो या घर में पूजा का स्थान वहाँ पर साफ सफाई करके कथा कहानी और शिवचर्चा करती हैं।
पूजा अर्चना में कई प्रकार के फल, मिष्ठान और पकवान बना कर उसे प्रसाद के रूप में शिवजी पार्वती जी को अर्पण करती हैं।
कही कही तो कुँवारी कन्याओं के द्वारा अच्छा वर पाने की लालसा से भी यह व्रत करती हैं। वही दूसरी तरफ सुहागिन महिलायें अपने पति के लंबी उम्र की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं।
क्या आपको पता हैं कि भारत में एक ऐसा भी मंदिर हैं जहाँ पर न तो पूजा होता हैं और न ही प्रसाद चढ़ाया जाता हैं यह मन्दिर है "रत्नेश्वर महादेव मंदिर मणिकर्णिका घाट" जहाँ कभी भी पूजा-पाठ नही होता है।
तीज पर मेला का आयोजन कहाँ होता है
तीज पर्व पर विशेष रूप से राजस्थान के बूंदी और जयपुर में तथा पूरे हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार में तीज को पर्व के साथ मेला और त्योहार के रूप से मनाते हैं।
अगर आप हर प्रकार के मेलों को देखने के शौकीन हैं तो विश्व प्रसिद्ध मेला "सोनपुर का विश्व प्रसिद्ध पशु मेला" को जरूर पढ़ें।
आशा करता हूँ कि आज की जानकारी आप सभी को बहुत पसंद आयी होगी, तो हमें कमेंट्स करके जरूर बताइयेगा। साथ में यह भी बताइये की आपके क्षेत्र में तीज को किस रूप में मनाया जाता हैं या किस नाम से जाना जाता हैं।
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